दूर से देखने वालों को भले ही लगता हो कि आप कितने डिजिट में सैलरी कमा रही हैं लेकिन हकीकत यह है कि अगर आप वर्किंग वुमन हैं और शादीशुदा हैं, साथ ही परिवार के साथ रह रही हैं, तो आपके लिए घर के साथ- साथ ऑफिस मैनेज करना आसान नहीं होता है। ऐसे में कई बार घर के साथ ही ऑफिस में भी पूरा ध्यान देना मुश्किल हो जाता है। दोनों तरफ बैलेंस न होने के कारण परेशानियां बढ़ती जाती हैं। कई बार दोनों जगह उलझनें होने के कारण न तो आप ऑफिस में सही से वक्त दे पाती हैं और न ही घर पर पूरी तरह ध्यान दे पाती हैं।
इस परिस्थिति में महिलाएं तनाव का शिकार होकर खुद का ही नुकसान कर बैठती हैं। महिलाओं में स्ट्रेस के स्तर के बढ़ने की यही वजह है। खासतौर से वर्किंग मॉम के साथ यह परेशानी सबसे अधिक होती है कि वह अपने बच्चों के पूरे पालन- पोषण को देखते हुए ऑफिस के काम को भी मैनेज करे। ऐसे में कई बार वह संतुलन खो देती है। इस लेख में जानिए, घर और ऑफिस के बीच संतुलन बैठाने का सही तरीका।
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घर और ऑफिस में असंतुलन होने के कारण
ऑफिस और घर में संतुलन नहीं बना पाने की सबसे बड़ी वजह स्मार्टफोन्स हैं। जबसे ये ट्रेंड में आए हैं, तबसे ही तनाव ज्यादा बढ़ने लगा है। चूंकि ऑफिस से निकलने के बावजूद अगर ऑफिशियल मेल या मेसेज आ जाते हैं तो आपको न चाहते हुए भी जवाब देना पड़ता है।
ऐसे में जब आप परिवार के साथ हों और अचानक मोबाइल पर मेसेज आने लगते हैं तो आपका पूरा ध्यान उधर चला जाता है और फिर आप घर पर होते हुए भी परिवार के साथ नहीं हो पाते हैं। इसलिए बेहतर रहेगा कि ऑफिस से लौटने के बाद वहां के मेसेज और ईमेल की अनदेखी ही करें। हालांकि लंबे समय से कंपनियां सोच कर रही हैं कि ऑफिस के बाद किसी भी तरह से कर्मचारियों को तंग न किया जाये।
घर और बाहर के काम को मैनेज करने के तरीके – Balance Work and life Tips in Hindi
घर और बाहर के काम को मैनेज करना इतना भी मुश्किल है, जितना कभी- कभी हमें लगता है। अगर अभी भी आपको वर्क लाइफ बैलेंस करने में दिक्कतें आ रही हैं, तो यहां बताए गए कुछ तरीकों को अपना सकती हैं।
कैसी प्लानिंग हो
वर्किंग वुमन होने के नाते इस बात का ख्याल रखना जरूरी है कि आप अपनी पूरी दिनचर्या की सही प्लानिंग करें। इसके लिए आपको सही तरीके से टाइम मैनेजमेंट करना चाहिए। टाइम मैनेजमेंट की सबसे पहली शर्त यही है कि आपको वक्त बर्बाद करने के बजाय इस पर फोकस करना चाहिए कि आप कहां और कितना समय दें। साथ ही वक्त को बर्बाद करने के बजाय समझें कि उसे कहां अधिक निवेश करना है। अपने खाने- पीने की प्लानिंग, अपने बच्चों के रुटीन और फिर ऑफिस पहुंच कर वहां के कामों को पूरा करने का प्लान पहले ही बना लें। इससे आप खुद महसूस करेंगी कि आप सुव्यवस्थित हैं और किस तरह आराम से सारे काम वक्त पर पूरे कर रही हैं।
ऑफिस या घर- परिवार में होने वाली गॉसिप में समय बिताने के बजाय अपने उन कामों पर ध्यान देने की कोशिश करें, जो पेंडिंग हैं। सच तो यही है कि अगर सही तरीके से समय प्रबंधन किया जाये तो ऑफिस में वर्किंग आवर्स कम नहीं लगेंगे। कई बार ऐसा होता है कि महिलाएं ऑफिस कर्मचारियों के साथ गप्पे लड़ाने के दौरान काम टालने वाले मूड में आ जाती हैं। ऐसा करने से कई बार आज का काम कल और कल का परसों और फिर देर रात काम करने की नौबत आ जाती है। ऐसा नहीं है कि ऑफिस में सिर्फ मशीन की तरह ही काम करना चाहिए। लेकिन हां, काम और टारगेट पूरा करने के बाद ही बाकी बातों की तरफ ध्यान जाना चाहिए। कोशिश करें कि वर्कप्लेस पर भी सोशल मीडिया में अपना वक्त बर्बाद न करें। सेल्फी लेने देने या फोटो अपलोड करने में भी काफी समय बर्बाद होता है।
प्राथमिकता तय हो – Set Priority
घर और ऑफिस में संतुलन बनाने के लिए प्राथमिकताओं का तय होना ज़रूरी है। ऐसा नहीं होना चाहिए कि जो बेहद जरूरी है, उसे आप प्राथमिकता न दें और गैर जरूरी चीजों को बेवजह वक्त दिये जा रहे हों। जैसे मान लें कि अगर ऑफिस में कुछ नये प्रोजेक्ट दिये गये हैं और आपके घर पर सबकुछ ठीक है तो ऐसे में ऑफिस को प्राथमिकता दें। वहीं दूसरी तरफ यह मान लें, घर में आपके बच्चे को आपकी जरूरत है और आप ऑफिस से थोड़ी देर की छुट्टी लेकर वह काम पूरा कर सकती हैं तो आपको पहले परिवार को प्राथमिकता देनी होगी। यह जरूरी है कि आप परिस्थिति के अनुसार अपनी प्राथमिकता तय करें।
होम वर्क – Home Work
बच्चों को ही नहीं, आपको भी अपना होम वर्क पूरा करना चाहिए। आपके होम वर्क का मतलब है कि अगर आप दूसरे दिन के छोटे- मोटे काम एक रात पहले पूरे कर सकती हैं तो इसमें कोई हर्ज नहीं है। इससे आपको अगले दिन थोड़ा अधिक समय जरूर मिलेगा। यह प्लानिंग भी पहले से कर लें कि दूसरे दिन क्या- क्या करना है और उसके अनुसार अपना होम वर्क पूरा करें। अपने होम वर्क के साथ- साथ बच्चों के होम वर्क का भी पूरा रूटीन बना दें। अपने पति से सहयोग लें। घर- परिवार में अगर बुजुर्ग हैं तो उनका भी सहयोग लें।
जीवनसाथी से खुल कर करें बात
वर्किंग वुमन होने के नाते आपकी जिंदगी बिल्कुल सहज और सामान्य तरीके से चले, इसके लिए आपको अपने जीवनसाथी की मदद लेनी ही चाहिए। उनसे हिचक तोड़ कर सारी बातें करें और फिर दोनों मिल कर घर- परिवार की सारी जिम्मेदारियों को आपस में बांट लें। इससे आपको परेशानी नहीं होगी और काम भी आसानी से मिल- बांट कर हो जाएंगे।
मेंटल हेल्थ मैनेजमेंट – Mental Health Management
जो महिलाएं घर और ऑफिस दोनों मैनेज करती हैं, उनके दिमाग में कई सारी बातें चलती रहती हैं, जिससे उन्हें तनाव भी अधिक होता है। इससे वे कई बार डिप्रेशन का शिकार होकर दिमागी स्तर पर कमजोर हो जाती हैं। हर काम को सुचारु रूप से करने के लिए दिमागी तौर पर भी दुरुस्त रहना बेहद जरूरी है। इसके लिए जरूरी है कि किसी भी परिस्थिति के लिए खुद को मानसिक रूप से तैयार रखना चाहिए।
जिंदगी में हर बात को बहुत अधिक गंभीरता से न लिया करें। किसी भी चीज के बारे में दिन भर सोचती न रहें। सकारात्मक चीजें करना जरूरी है। नेगेटिव बातों को दिमाग में कभी भी लाने की कोशिश न करें। चूंकि आप जितना नेगेटिव होंगी, उतनी ही परेशानी बढ़ती जायेगी। इसलिए मेडिटेशन भी करते रहना चाहिए। दिन में 15 मिनट के मेडिटेशन से भी काफी आराम मिलता है। कोशिश करें कि जो काम जब सामने है, उसे पूरा करते जायें। उस काम को बाद में करने के भरोसे न छोड़ें। इससे भी आप अपने दिमाग को शांत रखकर अपनी मेंटल हेल्थ को खुद मैनेज कर सकती हैं।
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हेल्थ को नजरअंदाज न करें – Do Not Ignore Health
कहने को यह बात आम सी लग सकती है लेकिन यह सच है कि घर- परिवार और ऑफिस के चक्कर में कई बार हम खुद को पूरी तरह से भूल जाते हैं। लेकिन सेहत का ध्यान रखना सबसे ज्यादा जरूरी है। आपका शेडयूल कितना भी व्यस्त क्यों न हो, अपनी सेहत के लिए थोड़ा वक्त ज़रूर निकालें। सुबह व्यायाम करने से दिन भर आपका दिमाग अच्छा और स्थिर रहेगा। इससे तनाव तो कम होगा ही, आप ऊर्जावान भी महसूस करेंगी। यही नहीं, व्यायाम के अलावा जब भी हफ्ते में मौका मिले, अपने शरीर को आराम देने और उसे रिलैक्स करने के लिए मसाज जैसी चीजें भी करवानी चाहिए, इससे आपके साथ ही आपकी मांसपेशियां भी तनाव मुक्त हो जायेंगी।
अपने लिये कुछ समय निकालें – Take Out Some Time For Yourself
अक्सर ऐसा होता है कि वर्किंग वुमन बनते ही परिवार- ऑफिस की सारी जिम्मेदारियां आप पर लाद दी जाती हैं। आप सिर्फ दूसरों के लिए जीने लगती हैं और खुद को पूरी तरह से भूल जाती हैं। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि आप अपने लिये समय निकालें। वह समय भले ही आधे या एक घंटे का हो पर सिर्फ आपका होना चाहिए। उस वक्त में किसी के बारे में नहीं, बल्कि खुद के बारे में सोचने की कोशिश करें।
इस दौरान वे सारी चीजें करें, जो आपको खुशियां देती हैं। इस दौरान कभी भी मोबाइल या किसी गैजेट का इस्तेमाल करने के बजाय वे काम करें, जिनका आपको शौक हो, फिर वह चाहे म्यूजिक से संबंधित शौक हो या फिर गार्डनिंग का। गार्डनिंग भी दरअसल एक बेहतरीन स्ट्रेस बस्टर है। छुट्टी के दिन अगर आप थोड़ा वक्त बागवानी में भी लगाएंगी तो आपको बहुत सुकून मिलेगा।
अपनों के लिए समय निकालें – Find Time For Your Loved Ones
अगर आप बहुत अधिक व्यस्त रहती हैं और अपने ऑफिस के काम को ही प्राथमिकता देती हैं, तब भी अपनों के लिए थोड़ा समय निकालना जरूरी है। जैसे, अपनों के खास दिन पर उनके साथ मौजूद रहने की कोशिश करें। उन्हें खुश करने के लिए उन्हें तोहफे दें। कभी- कभी वक्त से पहले घर आ जायें। बच्चों को जरूरत हो तो उनके स्कूल जाया करें। इससे आपकी उपस्थिति उनकी जिंदगी में बनी रहेगी और वह आपको मिस नहीं करेंगे।
छोटी- छोटी खुशियों को जीना शुरू करें
यह भी बेहद जरूरी है कि बड़ी खुशियों का इंतजार न करें। वक्त मिलते ही छोटी ही सही, वेकेशन पर ज़रूर जाएं। कहीं परिवार के साथ घूम आयें, कभी बाहर खाने पर चले जाएं या कभी फिल्म देख आयें। कुछ नहीं तो अपने घर के आसपास वाले पार्क में ही घूम आयें। यह सब करने से आपको डेली के बोरिंग रूटीन से ब्रेक मिलेगा और आपका मूड भी फ्रेश हो जायेगा।
जरूरत से ज्यादा काम लेने की कोशिश न करें – Don’t Bite Off More Than You Can Chew
कई बार हम खुद को परफेक्ट दिखाने के चक्कर में ऑफिस में अपनी क्षमता से अधिक काम का भार ले लेते हैं। फिर पूरे समय उसी में उलझ कर रह जाते हैं, जबकि यह बिलकुल उचित नहीं है। आप चैलेंज के लिए तैयार रहें, जिम्मेदारियों को पूरा करें लेकिन जबर्दस्ती के काम न लें। बिना ज़रूरत के ओवरनाइट काम करने से बचें। इससे आप अपनों के साथ के लिए भी वक्त निकाल सकती हैं।
वर्कप्लेस पर हो व्यवहार कुशल
यह बहुत आम सी बात लगती है, लेकिन यह भी सच है कि हम जिस जगह पर काम करते हैं, वहां के लोगों के साथ हमारी हमेशा अच्छी बॉण्डिंग होनी चाहिए। इससे होता यही है कि कई बार बुरी परिस्थितियों में वे लोग आपका साथ दे जाते हैं। कभी अगर आपको अचानक घर जाना पड़े तो आपका काम आपके कलीग्स कर देते हैं। अपने बॉस से भी विनम्र बन कर रहने की कोशिश करें।
घर का काम ऑफिस, ऑफिस का काम घर पर नहीं
यह भी सुखी जीवन जीने का मूल मंत्र है कि घर के काम को कभी भी ऑफिस में न लायें, प्रोफेशनल की तरह बर्ताव करें और ऑफिस के काम को भी घर पर नहीं लेकर जाना चाहिए। ऑफिस का सारा काम वहीं खत्म करके आएं। ऑफिस ऑवर में कोई भी समझौता करने या काम से जी चुराने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
कंपनी चुनें समझदारी से
कई बार ऐसा होता है कि हम किसी ऐसी कंपनी में फौरन जाने को आतुर हो जाते हैं, जहां हमें सैलरी में अच्छा हाइक मिल रहा हो। लेकिन यह भी प्रैक्टिकल बात है कि अगर आप वर्किंग मॉम हैं तो आपको सिर्फ सैलरी देख कर कंपनी का निर्णय नहीं लेना चाहिए। इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि कंपनी आपको कितनी देर ऑफिस में रहने को बोलेगी और किस तरह के चैलेंज देगी, क्योंकि अधिक सैलरी और उपाधि के साथ आपको वर्क लोड भी अधिक करना होगा। साथ ही समय भी अधिक देना होगा। तो सिर्फ सैलरी देख कर कंपनी का चुनाव हरगिज न करें।
ऑफिस के टाइम पर घर- परिवार की नो टेंशन
वर्किंग वुमन के साथ यह भी बड़ी समस्या आती है कि कई बार वह होती ऑफिस में हैं लेकिन उनका ध्यान घर पर लगा रहता है। खासतौर से अगर उनके बच्चे हों तो, ऐसी मॉम्स हरदम फोन पर ही लगी रहती हैं। यह भी सही नहीं है। कोशिश करें कि ऑफिस में अपने काम पर फोकस करें।
त्योहारों को मनाएं, स्पेशल डे न भूलें
कुछ कंपनीज़ किसी खास तीज- त्योहार या हॉलिडे के मौके पर कर्मचारियों को ऑफिस आने पर एक्स्ट्रा पेमेंट देती हैं। अगर आपकी कंपनी में भी ऐसा है तो सिर्फ कुछ रुपयों के लिए अपना त्योहार कुर्बान करने के बजाय परिवार के साथ टाइम स्पेंड करने की कोशिश करें। हालांकि, अगर ऑफिस में काम ज्यादा ज़रूरी हो तो मना भी न करें।
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जानिये काम और घर में संतुलन बनाये रखने को लेकर पूछे गये सवाल और जवाब FAQ’s
सवाल : मैं एक वर्किंग वुमन हूं। मेरे दो बच्चे भी हैं। ऐसे में मैं कई बार कंफ्यूज हो जाती हूं कि घर और ऑफिस के बीच संतुलन कैसे बना कर रखूं? मुझे क्या करना चाहिए?
जवाब : इसका सीधा निवारण टाइम मैनेजमेंट है। इस बात का खास ख्याल रखना जरूरी है कि वर्किंग वुमन होने के नाते आपकी पूरी दिनचर्या की प्लानिंग बहुत जरूरी है। इसके लिए आपको सही तरीके से अपना टाइम मैनेज करना होगा। टाइम मैनेजमेंट की सबसे पहली शर्त यही है कि आपको वक्त बर्बाद करने के बजाय इस पर फोकस करना चाहिए कि आप कहां और कितना समय दें। साथ ही वक्त बर्बाद करने के बजाय, कहां अधिक निवेश करना है, इस पर फोकस जरूरी है। अपने खाने- पीने की प्लानिंग, अपने बच्चों का रुटीन और फिर ऑफिस पहुंच कर वहां के कामों को निबटाने के लिए पूरा प्लान बनाकर चलें।
सवाल : अगर मुझे अच्छी सैलरी मिल रही हो, लेकिन काम के घंटे वर्तमान ऑफिस से अधिक हों, साथ ही घर की जिम्मेदारियां भी मुझ पर ही हों तो मुझे किन बातों का ख्याल रखना चाहिए?
जवाब : सिर्फ सैलरी को ध्यान में रख कर कभी कंपनी का चुनाव न करें। वर्किंग वुमन होने के नाते कई बार ऐसा होता है कि हम किसी ऐसी कंपनी में फौरन जाने को आतुर हो जाते हैं, जहां हमें अच्छा हाइक मिल रहा हो। लेकिन यह भी प्रैक्टिकल बात है कि अगर आप वर्किंग मॉम हैं तो आपको सिर्फ सैलरी देख कर कंपनी का निर्णय नहीं लेना चाहिए। इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि कंपनी आपको कितनी देर ऑफिस में रहने को बोलेगी और किस तरह के चैलेंज देगी, क्योंकि अधिक सैलरी और उपाधि के साथ आपका वर्क लोड भी बढ़ जाएगा। इसकी वजह से आपको वहां समय भी अधिक देना होगा। तो सिर्फ सैलरी देख कर कंपनी का चुनाव हरगिज न करें।
सवाल : वर्किंग वुमन होते हुए अपने परिवार वालों से वर्क प्लेस और घर को लेकर संतुलन बनाने के बारे में कहना चाहिए या नहीं, कहीं वह बुरा तो नहीं मान जायेंगे?
जवाब : बिल्कुल कहना चाहिए। यह जरूरी है कि आप वर्क प्लेस और घर में संतुलन बनाने के लिए परिवार वालों की मदद लें। खासतौर से घर के बड़े- बुजुर्गों के साथ बैठ कर बातें करें। अपने पति से बात कर हर तरह की प्रॉब्लम को सॉल्व करने की कोशिश करें।
सवाल : अगर ओवरटाइम करने या वर्किंग हॉलिडे में एक्स्ट्रा सैलरी मिल रही हो तो क्या अपने परिवार का साथ छोड़ कर ऑफिस जाना चाहिए।
जवाब : ओवरटाइम और छुट्टी के दिन पर काम करने का सिलसिला कभी नहीं थमेगा। लालच सही नहीं है। सिर्फ पैसे को अहमियत देना गलत है। जिंदगी में बाकी चीजों को भी अहमियत देनी चाहिए। कोशिश हो कि कुछ बहुत जरूरी काम नहीं है तो घर- परिवार के साथ ही छुट्टी एंजॉय करें। ओवरटाइम के बजाय अपनी सेहत का ख्याल करें और अच्छी नींद लें।
सवाल : ऑफिस का काम घर और घर का काम ऑफिस न लाने के लिए क्या करना चाहिए?
जवाब : सबसे पहले तो घर आते ही अपने गैजेट्स और मोबाइल फोन से दूर हो जाना चाहिए और पूरा ध्यान सिर्फ परिवार के सदस्यों को देना चाहिए। खास कर अपने बच्चों के साथ समय बिताना चाहिए। उनसे उनके दिन भर का हाल पूछना चाहिए। वहीं ऑफिस जाकर दिन भर अपने घर के बारे में या वहां के काम के अपडेट लेने के लिए फोन पर रहने के बजाय पूरा फोकस काम पर होना चाहिए।
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