वैश्विक महामारी कोरोनावायरस (coronavirus) हर दिन एक भयावह रूप लेती जा रही है। चाइना, इटली और स्पेन के बाद अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों पर अपना कहर बरप रहा कोरोनावायरस भारत में अपनी गति पकड़े हुए है। स्वास्थ्य मंत्रालय की मानें तो कंप्लीट लॉकडाउन (lockdown) के बाद से हालात थोड़े सुधरे हैं, मगर फिर भी संभलने में अभी काफी वक्त लग सकता है। ऐसे में आम आदमी से लेकर सेलिब्रिटीज़ तक, सभी डरे हुए हैं।
विदेश से आईं मंदिरा बेदी
एक्ट्रेस और होस्ट मंदिरा बेदी (Mandira Bedi) किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। अपनी अदाओं और स्टाइल से सबको अपना दीवाना बनाने वाली मंदिरा बेदी इन दिनों खौफ में जी रही हैं। हाल ही में उन्होंने स्वीकारा कि कोरोनावायरस ने उनको डराकर रखा हुआ है और इसकी वजह से उनकी तबियत भी बिगड़ गई थी। दरअसल, मंदिरा बेदी 9 मार्च को विमेंस क्रिकेट मैच देखने के बाद 9 मार्च को ऑस्ट्रेलिया ले लौटी थीं।
उन्हें दुनियाभर में फैल रहे कोरोनावायरस के बारे में जानकारी थी और एक ज़िम्मेदार नागरिक होने के नाते विदेश से आते ही उन्होंने 14 दिन तक खुद को एक कमरे में बंद कर लिया था। उन्हें अंदाज़ा था कि अगर कुछ भी होगा तो सेल्फ आइसोलेशन के इन 14 दिनों में लक्षण नज़र आने लगेंगे।
घबराहट से आया पैनिक अटैक
अपने ही घर के एक कमरे में खुद को पूरी तरह से कैद करने के बावजूद मंदिरा बेदी की घबराहट का सिलसिला थम नहीं रहा था। लगातार कोरोनावायरस से संबंधित नकारात्मक खबरों को पढ़ने के बावजूद वे बेहद तनाव का शिकार हो रही थीं। उनकी तबियत बेशक सही थी, मगर देश-दुनिया में बढ़ते कोरोनावायरस के प्रकोप ने उन्हें कमज़ोर बना दिया। मानसिक तौर पर काफी परेशान हो जाने की वजह से उन्हें पैनिक अटैक आ गया था।
दरअसल, एक रात सोने से पहले उन्होंने एक वीडियो देखा था, जिसमें लोग खांसने को गंभीरता से नहीं ले रहे थे। वह देखते ही मंदिरा डर गई थीं और सुबह 5.30 बजे के करीब अस्थमा की परेशानी के चलते उनकी आंख खुल गई थी। तब उन्हें समझ में आया कि उन्हें अस्थमा का पैनिक अटैक (panic attack) आया है।
ज़रूरी है पॉज़िटिव सोचना
तबियत ठीक होने के बाद मंदिरा बेदी ने अपना यह अनुभव शेयर करते हुए लोगों से अपील की है कि यह सकारात्मक सोच का वक्त है। माना कि देश-दुनिया में फैले कोरोना वायरस (coronavirus) ने सबको परेशान कर दिया है, मगर ढेर सारा वर्कआउट या मेडिटेशन करके इस दौर में भी खुश और फिट रहा जा सकता है। देश में इस के प्रकोप को बढ़ने से रोकने के लिए ज़रूरी है कि हम सभी अपने घरों में रहें।
बेहद ज़रूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें, बल्कि बेहतर होगा कि घर का कोई एक सदस्य ही बाहर के काम-काज की ज़िम्मेदारी ले। स्थिति की गंभीरता को समझते हुए हमें सरकार और प्रशासन का सहयोग करना होगा वर्ना हालात वाकई आउट ऑफ कंट्रोल हो जाएंगे।