मध्य प्रदेश के भोपाल (Bhopal) में रहने वाली एक महिला ने अपने घर के पीछे मिनी-फॉरेस्ट (Mini Forest) बनाया है। इस मिनी-फॉरेस्ट में उन्होंने 450 तरह के पेड़ पौधे लगाएं हैं और यह जंगल 800 स्क्वायर फीट में फैला हुआ है। 450 अलग-अलग तरह के पेड़ और पौधों में से 150 पेड़ और पौधे हमारे वातावरण में जीवित नहीं रह सकते हैं। इस वजह से साक्षी भारद्वाज, जो पेशे से एग्रीकल्चर में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं उन्होंने स्पेशल वातावरण कंडीशन क्रिएट की है, ताकि ये रेयर स्पीशिज जीवित रह सकें। वह अपने इस मिन-जंगल के लिए नेशनल रिकॉर्ड भी रखती हैं।
सोमलवार को उन्होंने बताया कि, ‘450 स्पीशिज में से 150 रेयर स्पीशिज हैं जो हमारे वातावरण (Enviornment) में जीवित नहीं रह सकते और इस वजह से मैंने स्पेशल कंडीशन क्रिएट की ताकि वो जीवित रह सकें।’
उन्होंने कहा, हमारा उद्देश्य छोटा जंगल या फिर अर्बन क्षेत्रों में ग्रीन कॉर्नर बनाने का है, जैसे कि अपार्टमेंट्स, ड्यूपलेक्स या फिर होस्टल। मैंने इस उद्देश्य पर 2018 में काम करना शुरू किया था और लॉकडाउन के दौरान मैंने अधिक समय इन पेड़ पौधों को दिया।
Madhya Pradesh: A woman has grown a 'mini forest' that houses 4000 plants of 450 species in 800 sqft area, behind her home in Bhopal
— ANI (@ANI) June 28, 2021
She said y'day, "Out of 450 species, 150 are rare species that aren't suitable for our environment so I've created special conditions for them." pic.twitter.com/Jxnoy4bKwL
जबलपुर में भी शख्स ने 2,500 बोनजाई का बनाया था जंगल
इससे पहले मध्य प्रदेश के जबलपुर में भी एक शख्स ने अपने घर की घत पर मिनी जंगल बनाया था। इस जंगल में उन्होंने 40 अलग-अलग प्रकार के 2,500 बोनजाइ लगाए थे। सोहन लाल द्विवेदी, इलेक्ट्रिक बोर्ड के रिटार्यड एंप्लॉई हैं और उन्होंने मुंबई की एक महिला से इंस्पायर हो कर बोनजाई उगाने की शुरुआत की थी। द्विवेदी ने उस महिला के बारे में एक अखबार के लेख में पढ़ा था।
उन्होंने 40 अलग-अलग प्रकार के पौधे लगाएं, जिनमें सेब, संतरा, जामुन, अनार, बेर, आदि कई फल शामिल हैं। बोनजाई पौधें अपनी एस्थेटिक क्वालिटी के लिए जाने जाते हैं। दरअसल, ये बड़े पेड़ और पौधों के छोटे अवतार होते हैं। सोहनलाल अपने पौधों के साथ ही अधिकतर समय बिताते हैं और इस वजह से उनका कहना है कि उन्होंने शायद ही कोरोनावायरस को नोटिस किया क्योंकि वह अधिकतर समय पौधों की देखभाल में बिताते हैं।
उन्होंने कहा, 40 साल पहले मैंने अखबार में लेख पढ़ा था, जिसमें बताया गया था कि मुंबई की एक महिला ने अपने घर में 250 बोनजाई उगाए हैं। उससे इंस्पायर हो कर मैंने भी अपने घर में 2,500 से अधिक बोनजाई उगाए। मैं पिछले एक साल से अपने पौधों के साथ ही समय बिता रहा हूं और ये मुझे और वातावरण को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
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