क्या आपको पता है कि जापान और कोरिया में शिशु जन्म दर धीरे- धीरे काफी कम होती जा रही है। शिशु जन्म दर का कम होना इन दोनों देशों की सरकार के लिए इतनी बड़ी चिंता की वजह बन गया है कि इन दोनों देशों की सरकारें वहां की महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए प्रेरित कर रही हैं और इसके लिए काफी पैसा भी खर्च किया जा रहा है। अब सवाल यह उठता है कि जिस सेक्स के लिए लोग दीवाने रहते हैं, इन देशों में आखिर क्यों उसी सेक्स से दूरी बनाकर रखते हैं वहां के लोग?
जापान में तेजी से बढ़ रही है वर्जिनिटी
जापान में शिशु जन्म दर गिरने के साथ- साथ यह भी पता लगा है कि वहां कंडोम का इस्तेमाल भी तेज़ी से कम होता जा रहा है। इसके अलावा गर्भ निरोधक गोलियां, गर्भपात और यौन रोग की शिक़ायतों में भी कमी आ रही है। जापान में परिवार नियोजन एसोसिएशन के प्रमुख कूनियो कीटामूरा का कहना है कि इसकी वजह यह है कि जापानी लोगों ने सेक्स करना बहुत ही कम कर दिया है। एक और रिसर्च में पता लगा है कि जापान में सेक्स के बिना वैवाहिक जीवन बिता रहे जोड़ों की संख्या रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ी है। 18 से 34 साल के लोगों को लेकर की गई एक और रिसर्च में बताया गया है कि बीते एक दशक में यहां वर्जिनिटी बहुत ज़्यादा बढ़ी है। शोध में शामिल 45 फ़ीसदी जापानियों का कहना था कि उन्होंने कभी सेक्स किया ही नहीं है।
जापान में लोगों के सेक्स न करने की वजह है थकान और दर्द
जापान के एक तिहाई पुरुषों का कहना है कि वो इतने थके हुए होते हैं कि सेक्स नहीं कर पाते। वहीं जापान की एक चौथाई महिलाओं का कहना है कि उन्हें सेक्स परेशानी और दर्द भरा लगता है।
दक्षिण कोरिया सरकार ने जन्म दर बढ़ाने के लिए कमर कसी
दक्षिण कोरिया में हर महिला औसतन 1.05 बच्चे पैदा करती है, लेकिन देश की जनसंख्या को स्थिर रखने के लिए इससे दोगुनी जन्म दर यानि प्रति महिला 2.10 बच्चों की जरूरत है। इसलिए दक्षिण कोरिया की सरकार महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए प्रेरित कर रही है। इसके लिए सरकार ने बीते एक दशक में अरबों डॉलर ख़र्च किए हैं, लेकिन फिर भी जन्म दर में गिरावट जारी है।
दक्षिण कोरिया में लोगों के सेक्स न करने की वजह है जिम्मेदारी
माना जा रहा है कि इसकी वजह दक्षिण कोरिया में रिहाइशी इलाक़ों की बेतहाशा बढ़ती कीमतें और बच्चों पर होने वाला ख़र्च है। इसकी एक वजह ये भी है कि दक्षिण कोरिया में लोगों को बहुत ज्यादा काम करना पड़ता है। दक्षिण कोरिया में बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी औरतों पर ही रहती है और इसीलिए बच्चे पैदा करने वाली महिलाओं को दोगुना काम करना पड़ता है। शायद इसी वजह से महिलाओं ने अब बच्चों को ना कहना शुरू कर दिया है। यहां बच्चे पैदा करने का मतलब हो गया है कि अपने करियर को हमेशा के लिए भूल जाना।
(सभी आंकड़े: बीबीसी से साभार)
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