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Unheard things about Lord Gautam Buddha

जानिए भगवान गौतम बुद्ध के बारे में वो बातें जो शायद ही आपने पहले कभी सुनी हों

बुद्ध पूर्णिमा भारत और अन्य देशों में मनाया जाने वाला एक बड़ा त्योहार है। इसे भगवान गौतम बुद्ध की जयंती के तौर पर मनाया जाता है। भगवान गौतम बुद्ध बौद्ध धर्म के संस्थापक थे। यही वजह है कि देश हो या विदेश जहां-जहां भी बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं, वे इस त्योहार को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। इनमें भारत के साथ श्रीलंका, चीन, कंबोडिया, वियतनाम, थाईलैंड, नेपाल, मलयेशिया, म्यांमार और इंडोनेशिया जैसे प्रमुख देश भी शामिल हैं। 
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इस बात से तो सभी वाकिफ हैं कि भगवान गौतम बुद्ध का असली नाम सिद्धार्थ था। 29 वर्ष की आयुु में ही उन्होंने शादी के बाद अपने नवजात शिशु और पत्नी यशोधरा को त्यागकर संसार को जरा, मरण, दुखों से मुक्ति दिलाने के मार्ग एवं सत्य की खोज में वन की ओर चले गए। उसके बाद जो हुआ उसकी साक्षी पूरी दुनिया है। मगर भगवान बुद्ध के बारे में ऐसी भी कुछ बातें हैं, जो अब तक अनसुनी हैं। जानिए भगवान गौतम बुद्ध के बारें में कुछ ऐसी बातें शायद ही आपने पहले कभी सुनी हों। 

1- गौतम बुद्ध यानी सिद्धार्थ के पिता शुद्धोधन कपिलवस्तु के राजा थे और उनका सम्मान नेपाल ही नहीं समूचे भारत में था। उनके जन्म के 7 दिन बाद उनकी मां का देहांत हो गया था। इसी के चलते सिद्धार्थ की मौसी गौतमी ने उनका लालन-पालन किया था। 
2- बुद्ध के जन्म के बाद एक भविष्यवक्ता ने उनके पिता से कहा था कि यह बालक चक्रवर्ती सम्राट बनेगा, लेकिन अगर वैराग्य भाव उत्पन्न हो गया तो इसे बुद्ध होने से कोई नहीं रोक सकता और इसकी ख्‍याति समूचे संसार में अनंतकाल तक कायम रहेगी। राजा शुद्धोधन अपने बेटे को चक्रवर्ती सम्राट बनते देखना चाहते थे। सिद्धार्थ के मन में किसी भी प्रकार से वैराग्य उत्पन्न न हो इसलिए उन्होंने बेटे के आस-पास भोग-विलास का भरपूर प्रबंध कर दिया। बस यही गलती उन्होंने कर दी और सिद्धार्थ के मन में वैराग्य उत्पन्न हो गया।

3- कुछ लोगों का मानना है कि गौतम बुद्ध भगवान श्री राम के वंशज थे। दरअसल, श्रीमद्भागवत महापुराण और विष्णु पुराण में शाक्यों की वंशावली के बारे में उल्लेख पढ़ने को मिलता है। कहते हैं कि राम के 2 पुत्रों लव और कुश में से कुश का वंश ही आगे चल पाया। कुश के वंश में ही आगे चलकर शल्य हुए, जो कि कुश की 50 वीं पीढ़ी में महाभारत काल में उपस्थित थे। इन्हीं शल्य की लगभग 25 वीं पीढ़ी में ही गौतम बुद्ध हुए थे। 
4- शोध बताते हैं कि दुनिया में अब तक सबसे ज्यादा गौतम बुद्ध के उपदेश रहे हैं। यह रिकॉर्ड है कि गौतम बुद्ध ने जितना कहा और जितना समझाया उतना किसी और ने नहीं कहा। धरती पर अभी तक ऐसा कोई नहीं हुआ जो गौतम बुद्ध के बराबर प्रवचन दे पाया हो। ऐसे सैकड़ों ग्रंथ है जो उनके प्रवचनों से भरे पड़े हैं और आश्चर्य कि उनमें कहीं भी दोहराव नहीं है।
5- दुनिया का ऐसा कोई हिस्सा नहीं बचा, जहां बौद्ध भिक्षुओं के कदम न पड़े हों। दुनिया भर के हर इलाके से खुदाई में भगवान गौतम बुद्ध की प्रतिमा निकलती है। दुनिया की सर्वाधिक प्रतिमाओं का रिकॉर्ड भी गौतम बुद्ध के नाम ही दर्ज है। बौद्ध धर्म, ईसा मसीह से 500 साल पूर्व पूरे विश्व में फैल चुका था।

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