चाहे आप पुरुष हों या फिर महिला, किसी भी बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको कुछ नियमों पर काम करना होता है। इसके लिए दोनों ही जेंडर के लोगों को एक ही जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। हालांकि, महिलाओं के लिए ये थोड़ा अधिक मुश्किल होता है क्योंकि उन्हें अपना घर भी देखना होता है और यदि वह मां है तो उसे अपने बच्चे को भी देखना होता है। ऐसे में यदि आप अपने वर्क (Work Life) और पर्सनल लाइफ (Personal Life) को बैलेंस (Balance) नहीं कर पा रही हैं तो ये टिप्स आपके बहुत ही काम आने वाली हैं। इनकी मदद से आप आसानी से अपनी पर्सनल और वर्क लाइफ को बेलेंस कर पाएंगी।
इन तरीकों से पर्सनल और वर्क लाइफ में रखें बैलेंस – Tips to Maintain Balance in Personal and Work Life in Hindi
नंबर के साथ कंफर्टेबल हों
यदि आप नंबर के साथ कंफर्टेबल होना चाहती हैं तो आपको एक्सेल शीट पर काम करना जरूर आना चाहिए। फिर चाहे आपको आर्डर ट्रैक करना हो, या फिर रिवेन्यू कैलकुलेट करना हो या सिर्फ डाटा ही इकट्ठा क्यों ना करना हो, एक्सल शीट एक बहुत ही अच्छा टूल है। इसके लिए आपके दिन की शुरुआत और अंत दोनों ही इसके की प्वाइंट्स को ट्रैक करते हुए होना चाहिए।
अपने बिजनेस और खुद को मार्केट करना सीखें
खुद की मार्केटिंग करने और अपने बिजनेस की मार्केटिंग करने से डरे नहीं। इसमें अपडेट्स शेयर करना, सेल पिच करना, खुद को प्रेजेंट करना या फिर सही समय पर सही जगह पर होना आदि शामिल है।
सेल्फ कॉन्फिडेंस
यह बहुत ही ओवररेटेड टर्म है लेकिन ये एक बहुत ही अहम फेक्टर भी है, जो आगे बढ़ते रहने में आपकी मदद करता है। जब आप किसी ऑर्डर या फिर क्लाइंट को खो देते हैं तो खुद पर यकीन करने की अपनी क्षमता पर आपको डाउट होने लगता है। इस वजह से सेल्फ कॉन्फिडेंस बहुत ही आवश्यक है। आपका विश्वास बताता है कि आप कहां स्टैंड होते हैं और कोई आपके जैसा नहीं है।
दूसरों तक पहुंचे
कहने के लिए ये सबसे आसान है लेकिन इसे फॉलो कर पाना कई बार काफी मुश्किल हो जाता है। एक दुनिया, जिसमें बहुत ही अधिक जानकारी हो और लोगों से आप आसानी से कनेक्ट कर सकते हों या फिर वर्चुअल वर्ल्ड में आप कितना समय बिताते हैं, इसकी जानकारी रखने के लिए एप्स हों, ऐसे में खुद के लिए बैलेंस ढूंढ पाना मुश्किल होता है। बैलेंस से हमारा मतलब है कि आपकी पर्सनल और वर्क लाइफ के बीच का बैलेंस। कई लोगों के लिए खुद का कारोबार शुरू करना उनका सपना और पैशन दोनों होता है। हालांकि, बैलेंस तब आता है, जब आपके पास बहुत अधिक काम हो और आप लो महसूस कर रहे हों। ऐसे में कोई हॉबी होना या फिर पढ़ना, पेंट करना आदि आपके लिए खुद को रिलैक्स करने का एक तरीका बन जाता है।