नवरात्रि पर घर में जिस तरह से कई लोग कलश स्थापना करते हैं, उसी तरह से कई लोग देवी माता को याद करते हुए घर पर कीर्तन का आयोजन करते हैं। इसके लिए अधिकतर महिलाएं अपनी सोसाइटी के कीर्तन ग्रुप के साथ मिलकर माता के नौ दिनों में से किसी एक दिन अपने घर में कीर्तन करती हैं। ऐसा माना जाता है कि घर में कीर्तन भजन करने से घर में सकारात्मकता बनी रहती है और ईश्वर की कृपा भी बनी रहती है। वैज्ञानिक दृष्टि से भी कीर्तन को एक तरह का मेडिटेशन ही माना गया है और इसे दिल को खोलने वाला अनुभव माना गया है।
अगर आप भी घर पर कीर्तन कराने की तैयारी कर रही हैं तो ये टिप्स आपकी मदद कर सकते हैं-
1. सबसे पहले सभी जरूरत की चीजों को लिस्ट में बनाएं और इसी लिस्ट के साथ अपनी शॉपिंग करें।
2. ऐसे तो कीर्तन में जुटे लोग खुद ही एक के बाद एक भजन गाते हैं, लेकिन आप भी अपनी तरफ से भजनों की लिस्ट पहले से तैयार रखें।
3. कीर्तन शुरू होने के बाद समय बर्बाद न हो और कीर्तन को जल्दी-जल्दी न खत्म करना पड़े इसके लिए पहले से ही कीर्तन के दौरान जरूरत पड़ने वाली चीजों को एक जगह कर लें जैसे भगवान का भोग, फूल माला, आरती की थाली आदि।
4. कई बार लोग कंफ्यूज हो जाते हैं कि कीर्तन किस दिशा में होनी चाहिए, तो नोट करें कि कीर्तन के दौरान आपका चेहरा हमेशा पूर्व या उत्तर की दिशा में होना चाहिए।
5. हालांकि ये बात सभी जानते हैं कि कोई भी पूजा गणेश जी की पूजा से शुरू होनी चाहिए, तो ये बात कीर्तन के लिए भी लागू होती है। कीर्तन शुरू करने से पहले गणेश जी को स्थापित कर उनकी पूजा जरूर करें।