वैलेंटाइन डे प्रेम का उत्सव होता है, इसलिए इस दिन कुछ ऐसा उपहार दिया जाना चाहिए जो जिंदगी भर आपके पार्टनर को याद रहे और स्वास्थ्य और केयर के अलावा और क्या हो सकता है जो परफेक्ट गिफ्ट बने। अगर अपने जीवन की उस खास महिला को आश्चर्यचकित करने के लिए परफेक्ट गिफ्ट तलाश रहे हैं तो इस वैलेंटाइन डे अपनी पार्टनर यानि अपनी प्रेमिका या अपनी पत्नी को प्यार और केयर दें। आप उसे अपनी केयर के रूप में रियूज़ेबल मेंस्ट्रुअल सेनिटरी प्रोटेक्शन यानि माहवारी के समय इस्तेमाल करने के लिए सुरक्षित प्रोडक्ट शी-कप का उपहार दे सकते हैं।
इससे आप अपनी प्रेयसी को स्वतंत्र, आत्मविश्वास और सुरक्षित महसूस कराने के साथ समग्र स्वास्थ्य लाभ और स्वयं भी खुशी महसूस करेंगे। शी-कप हर महिला को माहवारी यानि पीरियड के दौरान होने वाली असहजता से मुक्ति देता है और यह सेनिटरी वेस्ट को बचाने के साथ-साथ धरती माता को बचाने का भी बेहतरीन तरीका है। यह इसके अलावा सेनिटरी वेस्ट यानी माहवारी के कचरे के संपर्क में आने वाले जीवित प्राणियों को होने वाले नुकसान को भी खत्म करने का एक प्रयास है।
भारत में अनेक वरिष्ठ स्त्रीरोग विशेषज्ञों ने भी इस शी-कप की सराहना और सिफारिश की है। भारत में डिजाइन, विकसित और निर्मित, यह शी-कप स्वास्थ्य के लिए बेहतर और नॉन -एलर्जिक सिलिकॉन से बना है और साथ ही अमेरिका के फार्माकोपिया मानदंडों के मुताबिक गुणवत्ता प्रमाणित है। इसकी कीमत मात्र 996 रुपये है और यह एक क्लीनजिंग सोप स्ट्रिप, कैरी पाउच और इसके इस्तेमाल संबंधी निर्देशों के साथ आता है।
शी-कप MediAceso हेल्थकेयर प्राइवेट द्वारा विकसित लिमिटेड, SHECUP एक री-यूज़ेबल मेंस्ट्रुअल सेनिटरी प्रोटेक्शन यानि दोबारा इस्तेमाल करने लायक मासिक धर्म स्वच्छता संरक्षण है। इसे व्यावसायिक रूप से जनवरी 2010 में शुरू किया गया था और उसके बाद से इसे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में महिलाएं पीरियड के दौरान इसे सफलतापूर्वक अपना रही हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी यह काफी लोकप्रिय है और संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका, इज़राइल, बाली और तुर्कमेनिस्तान में बेचा जाता है।
शी-कप पर्यावरण और महिलाओं की पीरियड संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं का एक अच्छा समाधान है। भारत में वरिष्ठ स्त्रीरोग विशेषज्ञों द्वारा इसकी सराहना और सिफारिश की गई है, जिसमें फेडरेशन ऑफ ऑब्स्टेट्रिक एंड गनेकोलॉजिकल सोसाइटीज ऑफ इंडिया- एफओजीएसआई शामिल हैं। बेहतर मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन (एमएचएम) के बारे में जागरूकता फैलाने की दिशा में भी यह एक अच्छा प्रयास है।
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