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Living Relationship Meaning in Hindi

लिव इन रिलेशनशिप – सुप्रीम कोर्ट जजमेंट और अहम बातें – Living Relationship Meaning in Hindi

लिव इन रिलेशनशिप (लाइव इन रिलेशनशिप) किसी भी उस रिश्ते को कहते हैं, जहां दो लोग जो एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं बिना शादी किए एक साथ एक ही छत के नीचे रहते हैं। दरअसल, प्यार एक बहुत ही खूबसूरत एहसास है और ये किसी भी लिंग, जाति, रंग और क्लास को नहीं देखता है। यह केवल उस एक इंसान को देखता है, जो दुनिया में आपको सबसे खास और अच्छा लगता है, फिर चाहे वो जैसा भी हो। हालांकि, अपने पार्टनर को सही तरह से जानने और समझने के लिए कुछ कपल्स साथ में अधिक वक्त बिताना पसंद करते हैं और वहां ही लिवइन रिलेशन आता है। ऐसे में दोनों पार्टनर एक ही छत के नीचे एक साथ रहने लगते हैं लेकिन वो किसी तरह के बंधन जैसे कि शादी में नहीं होते हैं। 

उच्चतम न्यायालय ने इंदिरा शर्मा बनाम वीएवी शर्मा 2013 के मामले के तहत लिवइन से संबंधित पूरी गाइडलाइन को प्रस्तुत किया गया है। इसमें लिवइन (living relationship means in hindi) से संबंधित सभी शर्तों के बारे में बताया गया है और ये भी बताया गया है कि लिवइन (लिव-इन रिलेशनशिप कानून 2020) किस तरह से वैद्य है।

लिव इन रिलेशनशिप क्या होता है – Living Relationship Kya Hota Hai

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दरअसल, शादी एक प्रकार का लीगल कमिटमेंट होता है। इसमें आपके माता-पिता और आपके पार्टनर के माता-पिता के अलावा दोनों के घरों के सभी लोग शामिल होते हैं और यदि पार्टनर को एक दूसरे से अलग होना हो तो उन्हें तलाक लेना पड़ता है। वहीं लिव इन (लिविंग रिलेशनशिप मीनिंग इन हिंदी) में ऐसा कुछ नहीं होता है। लिवइन में कपल एक दूसरे के साथ बिना शादी किए रहते हैं और दोनों एक दूसरे को अधिक बेहतर तरीके से समझने की कोशिश करते हैं। यहां आपको बता दें कि भारत में अब लिवइन लीगल हो गया है। हालांकि, फिर भी कई लोग लिवइन को सही नहीं मानते हैं। 

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फिर भी लिवइन (live in relationship meaning in hindi) नई जनरेशन में काफी पॉपुलर हो रहा है और आज के वक्त में एक ट्रेंड सा बन गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि यदि दो लोग एक दूसरे से वाकई प्यार करते हैं और सीरियस रिलेशनशिप में होते हैं तो वो शादी करने से पहले एक दूसरे के साथ कुछ वक्त लिवइन में रहते हैं। ऐसा करने से वो एक दूसरे के बारे में अच्छे से जान पाते हैं और समझते हैं कि दोनों एक दूसरे के साथ कितना कम्पैटिबल हैं। साथ ही उन्हें अपने तरीके से जीने की आजादी भी मिलती है, जो लिवइन (supreme court judgement on live in relationship 2019 in hindi) को युवाओं में एक पॉपुलर ऑप्शन बना देती है। 

सुप्रीम कोर्ट जजमेंट लाइव इन रिलेशनशिप – Live in Relationship Law in Hindi

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सुप्रीम कोर्ट ने भारत में लिव इन रिलेशनशिप (सुप्रीम कोर्ट जजमेंट लाइव इन रिलेशनशिप) को 5 अलग-अलग तरीकों से परिभाषित किया है। यहां बता दें कि यह व्यस्क अविवाहित पुरुष और व्यस्क अविवाहित महिला के बीच एक साथ एक ही छत के नीचे रहने का संबंध है और यह बहुत ही सरल प्रकार का संबंध है।

दोनों पति-पत्नी की तरह काफी वक्त से साथ रह रहे हैं

किसी भी लिवइन रिलेशन (living relationship kya hota hai) में दोनों पक्षधरों का काफी समय तक एक साथ एक ही घर में रहना आवश्यक है। इसमें ऐसा नहीं होना चाहिए कि दोनों कुछ वक्त के लिए साथ रह रहे हैं और फिर कुछ वक्त के लिए अलग रह रहे हैं। दोनों के साथ रहने की एक सही अवधि का होना आवश्यक है। कोर्ट के अनुसार यदि एक अवधि को दोनों ने पूरा कर लिया तो उनके रिश्ते को लिवइन माना जाएगा। 

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एक घर में रहना

लिवइन में रहने वाले कपल्स का एक ही घर में रहना आवश्यक है। लिवइन में दोनों लोग एक ही घत के नीचे पति-पत्नी की तरह रहते हैं और तभी उसे लिवइन कहा जाता है। 

लोगों को पता हो कि दोनों लिवइन में रहते हैं

जव पक्षकार लिवइन में रहते हैं तो उनके आसपास के लोगों को पता होना चाहिए कि वो लिवइन में रह रहे हैं। ऐसे में यदि दो व्यस्क लोग साथ रह रहे हैं तो उनके बीच शारीरिक संबंध भी होगा। साथ ही आपके दोस्त और पड़ोसियों को भी इसकी जानकारी होनी चाहिए कि पक्षकार लिवइन में रहता है।

महिला साथी का रखरखाव

भारत में सभी व्यक्तिगत कानूनों के तहत पत्नियों को रखरखाव का अधिकार उपलब्ध है। हालांकि, कोई भी धर्म लिव-इन रिलेशनशिप को मान्यता नहीं देता है और न ही स्वीकार करता है। चूंकि लिव-इन रिलेशनशिप में शामिल महिलाओं को कोई विकल्प नहीं दिया जाता है, इसलिए भारतीय न्यायालयों ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता के तहत रखरखाव का दायरा बढ़ा दिया है।

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इसलिए, आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा- 125 में विवाह या उससे बाहर महिला भागीदारों को रखरखाव का कानूनी अधिकार देने का प्रावधान किया गया है।

घरेलु हिंसा

घरेलू हिंसा अधिनियम को महिलाओं को अपमानजनक (शारीरिक, मानसिक, मौखिक या आर्थिक) वैवाहिक संबंधों से बचाने के प्रयास के रूप में लागू किया गया था। हालांकि, धारा- 2 (एफ) के अनुसार, यह न केवल विवाहित जोड़े पर लागू होता है, बल्कि विवाह की प्रकृति में एक ‘संबंध’ के लिए भी लागू होता है।

इसलिए, इस सब पर भी सुप्रीम कोर्ट ने एक दो मामलों में लिव-इन रिलेशनशिप को कानून के दायरे में शामिल करने की अनुमति दी है।

लिवइन में बच्चे को गोद लेना

हो सकता है कि लंबे समय से लिवइन में रहने वाले कपल्स के बच्चे हों लेकिन ऐसी स्थिति में दोनों लोग किसी भी बच्चे को गोद नहीं ले सकते हैं।

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बच्चों को विरासत के अधिकार

हिंदू विवाह अधिनियम की धारा- 16 में बच्चों के विरासत अधिकारों का उल्लेख किया गया है, जहां वैधता के एकमात्र उद्देश्य के लिए नाजायज बच्चों (शादी से बाहर पैदा हुए) को वैधता का कानूनी दर्जा प्रदान किया जाता है। इसलिए, लिव-इन रिलेशनशिप से पैदा हुए बच्चों को विरासत के अधिकार दिए गए हैं। ये अधिकार पैतृक और स्व-खरीदी गई दोनों संपत्तियों में उपलब्ध हैं।

बच्चों के संरक्षण और रखरखाव के अधिकार

शादी से बाहर बच्चों के रखरखाव के अधिकारों पर स्थिति व्यक्तिगत विवाह कानूनों में भिन्न होती है। उदाहरण के लिए, हिंदू कानून के तहत पिता को बच्चे को बनाए रखना पड़ता है, जबकि मुस्लिम कानून के तहत पिता को इस तरह के दायित्व से मुक्त कर दिया गया है।

हालांकि, आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा- 125 के तहत, उन बच्चों के लिए विकल्प उपलब्ध है जो व्यक्तिगत कानूनों के तहत रखरखाव का दावा करने में असमर्थ हैं। धारा- 125 पत्नियों, बच्चों को रखरखाव का कानूनी अधिकार प्रदान करता है।

शादीशुदा लोग लाइव इन रिलेशन में कैसे रह सकते हैं?

कोर्ट के मुताबिक, शादीशुदा (लाइव इन रिलेशनशिप विथ मैरिड वुमन) लोगों का बिना एक दूसरे से तलाक लिए किसी अन्य के साथ लिवइन में रहना पूरी तरह से अवैध है और कोर्ट ऐसी स्थिति में आपको किसी प्रकार का संरक्षण नहीं देता है। दरअसल, कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि पति या फिर पत्नी का एक दूसरे से तलाक लिए बिना किसी अन्य के साथ लिवइन में रहना अवैध है। यहां तक कि कोर्ट ने महिला की अर्जी को खारिज करते हुए उसे किसी भी प्रकार का संरक्षण देने से भी मना कर दिया था। 

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अर्थात इसका मतलब यही है कि शादीशुदा लोग बिना एक दूसरे से तलाक लिए किसी अन्य के साथ लिवइन में नहीं रह सकते हैं और यदि वो ऐसा करते हैं तो इसे पूरी तरह से अवैध माना जाएगा।

लिवइन रिलेशनशिप के गोल्डन रूल – Live in Relationship Rules in Hindi

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यदि आप लिवइन (लाइव इन रिलेशनशिप रूल्स) में रहने का फैसला करते हैं और अपने रिश्ते को वाकई में एक लेवल अप ले जाना चाहते हैं तो आपको भी लिवइन में रहने के इन गोल्डन रूल्स को फॉलो करना चाहिए। ऐसा करने से आप दोनों एक दूसरे को अधिक से अधिक वक्त भी दे पाएंगे और एक दूसरे को ज्यादा अच्छे से समझ भी सकेंगे। इसके अलावा आप दोनों एक दूसरे के साथ कम्पैटिबल भी हो जाएंगे।

फाइनेंस करें मैनेज

आप दोनों मिलकर एक घर में रहने का फैसला कर चुके हैं तो इसका मतलब है कि घर का खर्चा आप दोनों को मिलकर करना है। इसलिए जरूरी है कि आप बैठ कर घर के सभी बड़े छोटे खर्चों का हिसाब बना लें। साथ ही किसी भी तरह के कन्फ्यूजन को दूर करने के लिए ये भी तय कर लें कि दोनों में कौन किस चीज पर पैसे खर्च करेगा। ऐसा करने से आप दोनों के बीच पैसों से जुड़ी अंडरस्टैंडिंग बनी रहेगी।

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घर के काम भी बांटे

कपड़े धोने से लेकर घर की साफ-सफाई और खाना बनाने तक घर के सभी कामों में आपस में बांट लें। इसके अलावा खाना बनाने या फिर घर की सफाई करने के लिए मेड को रखने या ना रखने पर भी साफ बात कर लें। यदि आप एक साथ रहने से पहले इन सब चीजों को कर लेंगे तो इन चीजों को लेकर आपके बीच लड़ाई नहीं होगी।

क्लीयर करें कि आपको साथ में क्यों रहना है

शादी की तरह लिवइन में रहना भी एक बड़ा फैसला है। इस वजह से जल्दबाजी में इस तरह का फैसला ना लें और पूरी तरह से सोच विचार कर लें। यदि आपको एक या फिर अधिक साल एक दूसरे के साथ बिताने हों तो ही लिवइन का फैसला करें। इसकी क्लैरिटी होना बहुत जरूरी है कि आप दोनों लिवइन में क्यों रहना चाहते हैं और आगे चलकर आप दोनों का शादी करने का विचार है या नहीं। ऐसा करने से आप दोनों को एक दूसरे से गलत उम्मीदें नहीं होंगी।

परेशानियों को साथ में सुलझाएं

शुरुआत के कुछ महीनों में आपको लिवइन बहुत अच्छा लगेगा और बिल्कुल हनीमून जैसा एहसास होगा। हालांकि, एक बार आप दोनों को एक साथ रहने की आदत हो जाएगी तो आपके रिश्ते में परेशानियां, लड़ाई, झगड़े भी होने लगेंगे। एक कपल होने के नाते आपको अपनी परेशानियों का सामना करना आना चाहिए। दोनों के बीच प्यार और स्पार्क को बनाए रखने के लिए लड़ाई खत्म करते वक्त किस करना ना भूलें।

डिजायर और फैंटेसी भी करें शेयर

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एक साथ लिवइन में रहने का मतलब है कि डिजायर और फैंटेसी को भी शेयर करना। ऐसे में आपको अपने पार्टनर पर भरोसा करना चाहिए और उन्हें बताना चाहिए कि आप क्या चाहती हैं। 

लिव इन रिलेशनशिप के फायदे – Benefits of live-in Relationship in Hindi

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अगर आपको लगता है कि आप शादी के लिए तैयार नहीं है लेकिन आप अपने पार्टनर को ज्यादा अच्छे से जानना भी चाहते हैं तो आप लिवइन रिलेशनशिप में रह सकते हैं और ऐसा करने के कई फायदे भी हैं। तो चलिए आपको लिवइन रिलेशन के फायदों के बारे में बताते हैं

– डिनर और मूवी डेट के बाद आपको एक दूसरे को गुडबाय कहने की जरूरत नहीं है क्योंकि आप दोनों एक दूसरे के साथ सो सकते हैं।

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– रोज सुबह साथ में बैठ कर चाय या कॉफी पी सकते हैं या फिर शाम को एक साथ बालकनी में सनसेट देख सकते हैं और कुछ अच्छे पलों को साझां कर सकते हैं।

– एक दूसरे के लिए उनकी पसंद का खाना बनाएं या फिर अलग-अलग तरीकों से एक दूसरे को सरप्राइज करें और जताएं कि आप अपने पार्टनर से कितना प्यार करते हैं और उनकी कितनी केयर करते हैं।

– कपल की तरह रहें और शादी या फिर कमिटमेंट की चिंता को छोड़ दें।

– अपनी पंसद से जीएं या जो पसंद है वो करें और अपनी प्राइवेसी खो जाने की चिंता को छोड़ दीजिए।

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– आप लोग अपना रेंट, घर का राशन, बिजली आदि के बिल सब शेयर कर सकते हैं और पैसे भी बचा सकते हैं।

– यदि आप एक दूसरे के साथ रहते हुए शादी करने का सोचते हैं तो आपको पता होगा कि शादी के बाद जिंदगी कैसी होगी।

– साथ रहकर आपको पता चलेगा कि आप एक दूसरे के साथ मानसिक और शारीरिक तौर पर कितने कम्पैटिबल हैं।

लिव इन रिलेशनशिप के नुकसान – Disadvantages of live-in Relationship in Hindi

जिस तरह सिक्के के दो पहलू होते हैं, उसी तरह एक एक चीज के भी दो पहलू होते हैं। यदि हम कहें कि लिवइन रिलेशन कई मायनों में अच्छा और फायदेमंद होता है तो बता दें कि इसके भी कुछ नुकसान होते हैं। या यूं कहें कि इसमें भी कुछ कमियां होती हैं। तो चलिए बिना देरी आपको लिवइन के दूसरे पहलू के बारे में भी विस्तार से बताते हैं।

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– ब्रेकअप के बाद भी आप दोनों एक दूसरे के करीब आ सकते हैं क्योंकि आपके बीच कोई बोंड या कमिटमेंट नहीं है।

– यदि आप में से कोई एक भी धोखा देता है तो दूसरे का दिल बुरी तरह से टूट सकता है।

– लड़ाई या झगड़ा होने पर जरूरी नहीं है कि आप दोनों के परिवार आपका समर्थन करें।

– इस तरह के रिश्ते में रहने वाले लोगों को सोसाइटी का भी कम ही सपोर्ट मिलता है।

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लिव इन रिलेशनशिप से जुड़े सवाल और जवाब – FAQ’s

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क्या भारत में लिवइन रिलेशनशिप लीगल है?

हां, भारत में लिवइन रिलेशनशिप लीगल है।

लिवइन रिलेशनशिप का मतलब क्या है?

लिवइन रिलेशनशिप का मतलब किसी महिला और पुरुष का आपसी सहमति से एक ही घर में बिना शादी किए रहते हैं। 

टॉक्सिक रिलेशनशिप क्या होता है?

टॉक्सिक रिलेशनशिप वो रिलेशनशिप होते हैं, जिनमें आपके पार्टनर को आपकी उपलब्धि या फिर किसी और के साथ आपको हंसता हुआ देखकर जलन होने लगती है। इस प्रकार के रिश्ते मेें एक शख्स बहुत अधिक पोसेसिव हो जाता है कि वो अपने पार्टनर की खुशी और उपलब्धियों से भी जलने लगता है। यदि आप किसी ऐसे रिश्ते में है तो जरूरी है कि आप ऐसे इंसान से जल्द से जल्द दूरी बना लें।

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इस लाइव इन रिलेशनशिप लीगल इन इंडिया?

भारत में लिवइन रिलेशनशिप लीगल है तथा इसके तहत कुछ कानून भी हैं। 

05 May 2016

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