अच्छा कॉलेज, अच्छी पढ़ाई या फिर जॉब..ऐसे पता नहीं कितनी चीज़ों के लिए हम अपना “home sweet home” छोड़ देते हैं और दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई, कोलकाता जैसे मैट्रो शहरों में आशियाना ढूंढ़ते हैं। आप अपने घर से यहां रहने तो आ गईं पर अपने छोटे शहर की वो छोटी-छोटी बातें मिस करती हैं और फील भी करती हैं कि बड़े शहर में वो बात नहीं। आप आए दिन ऐसे कई चीज़ों से गुज़रती हैं जो आपको चौंका देती है या दुखी कर देती हैं। छोटे शहर से मेट्रो सिटी में आने वाली लड़कियां अपने छोटे-से प्यारे-से शहर की ये सारी बातें मिस करती हैं-
1. लाइट चली गई ओफ़्हो! इस हफ़्ते में दूसरी बार
हफ़्ते में दूसरी बार?? ..Huh! मेट्रो वालों तुम क्या जानो दिन में 3-4 बार पावर कट होने का feel क्या होता है। लाइट गई और सब घर के बाहर..पड़ोसियों से गप्पे मारने का एक और बहाना। 😛
2. मुंबई में घर! Wow! किस अपार्टमेंट में? कौन-सा फ्लोर है?
उफ्फ़! हमारे शहर में ऐसे घर नहीं होते…वहां तो ज़मीन भी अपनी और छत भी। यहां इतने सारे पैसे इंवेस्ट कर के भी ये माचिस की डिब्बी जैसा फ्लैट?? यानि हवा में बस एक कोना आपका! 🙁
3. शर्मा जी का घर कौन-सा है? पता तो यही बताया था..
“हमें नहीं पता शर्मा जी का घर..किसी और से पूछ लें” …ये कहकर बात खत्म!! छोटे शहरों में तो पूरी कॉलोनी के लोगों का पता होता है। आप शर्मा जी, वर्मा जी, शुक्ला जी, मिश्रा जी.. किसी का भी पता पूछ लें।
4. अरे! चीनी खत्म? ज़रा पड़ोस वाली आंटी से मांग लेना
ओह! ये सुख इस मैट्रो शहर में कहां…कि एमरजेंसी में कभी चीनी, कभी नमक के लिए दुकान नहीं, कभी-कभी बगल वाली आंटी के घर तक जाना काफी हो…।
5. इतनी भीड़! ओह गॉड..!
यहां हर कदम पर मल्टीप्लेक्स और मॉल हैं इसलिए मॉल वाली इतनी भीड़ भी। अपने शहर में मॉल कम हैं और भीड़ भी। वहां दिल्ली की तरह धुआं नहीं खाना पड़ता है। वहां खुलकर सांस लेते हैं लोग। ओह! वो ताज़ी हवा..मिस यू।
6. दुकान तो यही है पर पार्किंग..
इसलिए 1 किलोमीटर दूर जाकर गाड़ी पार्क करना पड़ेगी..और फिर वहां से पैदल। मॉल के बेसमेंट की पार्किंग इतनी बड़ी कि जगह ढूंढने और मॉल में जाने में ही आधा घंटा लग गया!! हमारे शहर में तो दुकान के सामने गाड़ी पार्क की और बस।
7. दिल्ली-मुंबई के खर्चे..बेहाल कर देते हैं..
मेट्रो स्टेशन से थोड़ा सा दूर जाने के लिए भी ऑटो वाले पचास रुपये वसूल लेते हैं। इतने में तो हमारे पूरे शहर का चक्कर लगाकर आ जाओ। वहां अगर कोई ऑटो वाला इतने मांग दे तो आश्चर्य से आंखें निकल आती हैं। 50 रुपये!!!
8. वो कॉलेज! बिल्कुल पास में ही है
मेट्रो सिटी वालों का पास में कुछ समझ ही नहीं आता..यहां 5-6 किलोमीटर दूर भी “पास” ही होता है। हमारे यहां अगर कॉलोनी से निकल कर मेन रोड पर जाना पड़ा तो वो दूर ही है, कभी पास नहीं हो सकता! 😛 😉
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