ADVERTISEMENT
home / एंटरटेनमेंट
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी:  हर किसी को पता होनी चाहिए दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा से जुड़ी ये 10 अहम बातें

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी:  हर किसी को पता होनी चाहिए दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा से जुड़ी ये 10 अहम बातें

31 अक्टूबर 2018 का दिन इतिहास के पन्नों में सुनहरे अच्छों से लिखा जायेगा। क्योंकि इसी दिन भारत में दुनिया की सबसे विशाल और भव्य प्रतिमा का लोकार्पण किया गया और जिसे नाम दिया गया है ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’। दुनिया की ये सबसे ऊंची प्रतिमा ‘Iron Man Of India’ यानि कि ‘लौह पुरुष’ की उपाधि से चर्चित स्वतंत्र भारत के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को समर्पित एक स्मारक है। जिसका लोकार्पण उनके जन्मदिन यानि कि 31 अक्टूबर को ही वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया और देश को ये प्रतिमा यूनिटी के तौर पर समर्पित की। सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची इस प्रतिमा को अबतक दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बताया जा रहा है। भारत के लिए वाकई ये गौरव की बात है।

सबको साथ चलने का संदेश देती है ये प्रतिमा

प्रतिमा के लोकार्पण समारोह के दौरान पीएम मोदी अपने भाषण में कहा- सरदार पटेल चाहते थे कि भारत सशक्त, सुदृढ़, संवेदनशील, सतर्क और समावेशी बने। हमारे सारे प्रयास उनके इसी सपने को साकार करने की दिशा में हो रहे हैं। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है। सरदार पटेल ने 565 रियासतों में बिखरे देश को एक सूत्र में पिरोया था। सरकार स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के जरिये सब को साथ लेकर चलने का संदेश देना चाहती है।

ये भी पढ़ें – हर तरफ मंडरा रहा है जीका वायरस का खतरा, ऐसे करें अपना बचाव

जानिए क्यों कहा जाता हैं सरदार पटेल को लौह पुरुष ?

आजादी के समय देश भर में 565 रियासतें थीं। ब्रिटिश सरकार ने उन्हें विकल्प दिया था कि या वो भारत में शामिल हो जाएं या फिर पाकिस्तान में। उनमें से कुछ रियासतें भी यहीं चाहती थीं और वहीं कुछ स्वतंत्र रहना चाहती थी। लेकिन पटेल जी की सोच अखंड भारत की थी। वो सभी को एक करना चाहते थे। तभी उन्होंने ये लौह संकल्प लिया और सभी रजवाड़ों को एकता में पिरोने का काम किया। उनके इसी दृढ़ निश्चय और प्रशासनिक क्षमता के कारण उन्हें  ‘लौह पुरुष’ की उपाधि मिली।

ADVERTISEMENT

देखिए ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का वीडियो (statue of unity video)

ये भी पढ़ें – फॉलो करें नरेंद्र मोदी का ये फिटनेस मंत्रा और रहें हमेशा फिट और स्ट्रेस फ्री

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से जुड़ी 10 बड़ी और अहम बातें –

1. ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ सरदार सरोवर बांध से 3.2 किमी की दूरी पर साधू बेट नामक स्थान पर है जो कि नर्मदा नदी पर एक टापू है। यह जगह गुजरात के भरूच के पास नर्मदा जिले में स्थित है।

2. एलएंडटी ने बताया है कि 182 मीटर ऊंची इस मूर्ति का निर्माण 2,989 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। इस पर कांसे की परत चढ़ाने के एक आंशिक कार्य को छोड़कर इसके निर्माण का सारा काम भारत में ही किया गया है।

3. सरदार पटेल की ये प्रतिमा न्यूयॉर्क में स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से लगभग दोगुनी ऊंची है।

ADVERTISEMENT

4. आपको बता दें कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से पहले विश्व की सबसे विशाल प्रतिमा का रिकॉर्ड चीन स्थित स्प्रिंग टेंपल की 153 मीटर ऊंची बुद्ध प्रतिमा के नाम था। लेकिन अब ये प्रतिमा दूसरे स्थान पर पहुंच गई है।

ये भी पढ़ें – सोशल मीडिया का कमाल: बच्ची को काम पर लाने वाली महिला पुलिसकर्मी को मिला ट्रांसफर

5. यह प्रतिमा लार्सन एंड टूब्रो नाम की कंपनी ने बनाई है। इस कंपनी का कहना है कि दुनिया की सबसे ऊंची इस प्रतिमा को महज 33 महीने के रिकॉर्ड कम समय में बनाकर तैयार किया गया है। जबकि स्प्रिंग टेंपल के बुद्ध की मूर्ति के निर्माण में चीन को 11 साल का समय लगा था।

6. इस मूर्ति को बनाने के लिये पूरे भारत के गांवों में रहने वाले किसानों से खेती के काम में आने वाले पुराने और बेकार हो चुके औजारों का संग्रह करके लोहा जुटाया गया। इसके लिये बीजेपी ने पूरे देश में लोहा इकट्ठा करने का अभियान भी चलाया था।

ADVERTISEMENT

7. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का कुल वजन 1700 टन है। इसकी ऊंचाई 522 फीट यानी 182 मीटर है। इस मूर्ति के पैर की ऊंचाई 80 फीट, हाथ की ऊंचाई 70 फीट, कंधे की ऊंचाई 140 फीट और चेहरे की ऊंचाई 70 फीट है। अपने आप में ये प्रतिमा अब तक की अनूठी प्रतिमाओं में से एक है।

8. सरदार पटेल की प्रतिमा का जलाभिषेक 30 नदियों के पानी से किया गया, इसलिए यह देश की सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक है।

9. सरदार पटेल की यह प्रतिमा राम वी. सुतार की निगरानी में बनी है। आपको बता दें कि राम वी. सुतार को साल 2016 में सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया था। इससे पहले साल 1999 में उन्हें पद्मश्री का सम्मान भी प्रदान किया जा चुका है।

10. इस स्मारक की आधारशिला 31 अक्टूबर, 2013 को सरदार पटेल की 138 वीं वर्षगांठ के मौके पर रखी गई थी। उस समय वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।

ADVERTISEMENT

ये भी पढ़ें – सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला, दीवाली में पटाखे जला सकते हैं लेकिन इन शर्तों को ध्यान में रखकर
विश्व के 7 अजूबों के बारे में

31 Oct 2018

Read More

read more articles like this
good points

Read More

read more articles like this
ADVERTISEMENT