फ्रेगरेंस एक ऐसी शॉर्ट फिल्म है जो हाई क्लास कॉल गर्ल की जिंदगी के अनेक रंगों को दिखाती है। इस फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे किसी की भी जिंदगी किसी सही व्यक्ति के मिलने से पूरी तरह से बदल सकती है। इस फिल्म की खासियत यह है कि यह एक लव स्टोरी नहीं है, लेकिन यह किसी कॉल गर्ल या किसी वेश्या की जिंदगी को लेकर बिलकुल एक नया नजरिया दिखाती है।
बिना प्यार के ही प्यार का अहसास
इस फिल्म की अनोखी बात यह है कि यह किरदार के बिना बोले ही बहुत कुछ बयां कर देती है। इसमें दिखाई गई रिलेशनशिप एकदम प्योर और नेचुरल है और यहां तक कि पूरी फिल्म में बिना प्यार के ही प्यार का अहसास किया जा सकता है। इस फिल्म की डायरेक्टर अदिति दाधीच वेश्यावृत्ति के इस मोल्ड को तोड़ने की कोशिश कर रही हैं। अदिति एक अभिनेत्री और है जो अब फिल्म निर्माता है। ‘अर्पिता’ और ‘मेरे अंगने मीन’ कुछ लोकप्रिय शो हैं जिनका वह एक हिस्सा हैं।
मानवाधिकारों से वंचित हैं ऐसी महिलाएं
अदिति दाधीच का मानना है कि वेश्यावृत्ति यानि अपने शरीर को बेचना मानव जाति के सबसे पुराने व्यवसायों में से एक है। फिर भी, जो महिलाएं इसका हिस्सा हैं वो समाज में इतनी बदनाम हो जाती हैं कि वो अपने मानवाधिकारों तक से वंचित रहती हैं। उनसे सारा समाज घृणा करता है और उनके साथ कीड़े- मकोड़ों की तरह से व्यवहार किया जाता है। इस मुद्दे पर अब तक बनी फिल्मों में इनकी बेचारगी और शारीरिक रूप से होने वाली समस्याओं को ही दिखाया गया है, लेकिन फ्रेगरेंस अब तक की इस सोच को तोड़कर इस पेशे से जुड़े एक नये एंगल को दिखाया गया है।
मनोवैज्ञानिक पहलुओं पर नया नज़रिया
‘द फ्रेगरेंस’ हाई क्लास कॉल गर्ल्स की विचार प्रक्रिया और इस पेशे से संबंधित मनोवैज्ञानिक पहलुओं को एक अलग नजरिये के साथ दिखाती है। इस फिल्म के माध्यम से दिखाया जा रहा है कि सही व्यक्ति के साथ एक छोटी सी मुलाकात भी आपके जीवन पर गहरा और देर तक चलने वाला प्रभाव डाल सकती है। फिल्म का उद्देश्य लोगों को किसी भी महिला, चाहे वह एक कॉल गर्ल हो, के बाहरी आवरण से परे देखने का है न कि काले और सफेद में उनका मूल्यांकन करने का है।
एक अनोखी रिलेशनशिप
हाई क्लास कॉलगर्ल पर बनी है यह फिल्म जो समय समय पर बड़े- बड़े लोगों से मिलती है। एक व्यक्ति से मिलती है तो उसकी जिंदगी एकदम बदल जाती है। इस फिल्म में वेश्यावृत्ति की डार्क साइड नहीं दिखाई गई है। दूसरी ज्यादातर फिल्मों के विपरीत फ्रेगरेंस के किरदार प्यार में नहीं पड़ते, बल्कि उनकी रिलेशनशिप बिलकुल अलग और बिलकुल अनोखी है। जिसमें एकदूसरे के प्रति आदर है, एकदूसरे से सीखना है, एकदूसरे की मदद करना है और एकदूसरे के साथ आगे बढ़ना है।
आप भी कर सकते हैं मदद
अदिति कहती हैं कि इस फिल्म के माध्यम से हम लोगों को यह सिखाना चाहते हैं कि किसी भी व्यक्ति के बाहरी व्यक्तित्व से नहीं, बल्कि उसके आंतरिक गुणों से उसे परखो, क्योंकि कहीं न कहीं हम सभी के अंदर कुछ न कुछ मैल छिपा है। अदिति जयपुर से हैं और अब वो मुंबई में रहती हैं। अदिति और उनकी टीम इस फिल्म को पूरा करने के लिए विशबेरी की मदद से 6 लाख रुपये इकट्ठा करना चाहती हैं, जिसमें 50 हजार प्री प्रोडक्शन, 3.5 लाख प्रोडक्शन और 2 लाख पोस्ट प्रोडक्शन पर खर्च किये जाएंगे। अदिति विशवेरी की वेबसाइट पर अब तक 2 लाख 80 हजार रुपये का फंड जमा कर चुकी हैं और बाकी बचा फंड जमा करने के पास अब सिर्फ 10 दिन बचे हैं। आप भी अदिति के इस मिशन में शामिल हो सकते हैं। इसके लिए आपको यहां से विशबेरी की साइट पर जाकर कुछ दान करना होगा।
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