सबके साथ कुछ ऐसी बातें होती हैं, जिनके बारे में खुलकर किसी से शेयर नहीं किया जा सकता। लेकिन फिर भी जिंदगी की सचाई होती हैं ऐसी बातें। आप कहना चाहते हैं, दिल में दबी ऐसी कोई आपबीती पर कह नहीं पाते। हम शॉकिंग सीक्रेट सीरीज़ में बिना नाम बताए, कुछ लोगों की ऐसी ही आपबीती बयां करते हैं। हमारा मानना है कि जहां तक यौन शोषण की बात है तो लड़का हो या लड़की यह किसी के साथ भी हो सकता है। शॉकिंग सीक्रेट सीरीज़ में पढ़ें एक ऐसे ही किशोर युवक की कहानी, जिसे एक लड़की ने अपनी हवस का शिकार बनाया। इस किशोर युवक ने जब पुलिस से शिकायत की तो वहां उसका ही मजाक बना दिया गया…। उसने जब सोशल साइट्स पर अपना दर्द बयां किया तो वहां भी ज्यादातर लोगों ने उसका विश्वास नहीं किया… क्या आपको इस युवक की बातें सही लगती हैं ? क्या आपको लगता है कि कोई लड़की ऐसा कर सकती है… तो पढ़ें इस किशोर युवक की कहानी खुद उसी की जुबानी –
मैं एक भारतीय युवक हूं और एक लड़की ने मेरा यौन शोषण किया। मेरी शिकायत यह है कि उस लड़की ने जबरदस्ती मेरे साथ वह सब किया जो आमतौर पर पुरुष लड़कियों के साथ करते हैं। उस केस में सभी लड़की के साथ सहानुभूति रखते हैं, लेकिन अगर मैं यह बात किसी से कहता हूं तो कोई मेरी बात को मानता ही नहीं, बल्कि मुझे ही कसूरवार ठहराते हैं। उस दिन उस लड़की ने बलपूर्वक मेरा पजामा खींचकर उतार दिया और मेरे पेनिस को टच करने लगी। सोशल साइट पर लोगों का कहना तो यहां तक है कि मैं किसी न्याय का हकदार ही नहीं हूं। यहां तक कि पुलिस ने तो मेरी शिकायत को दर्ज तक करने से इंकार कर दिया। पुलिस के अधिकारी यह मानने को तैयार ही नहीं थे कि कोई लड़की ऐसा कुछ कर सकती है। एक पुलिसवाले ने कहा कि मेरी भी बेटी है, लड़कियां ऐसा काम नहीं कर सकतीं।
लड़की ने अचानक आकर मुझे दबोच लिया
मैं आपको साफ- साफ शब्दों में अपनी कहानी बताता हूं। मैं मुंबई में रहता हूं और उस वक्त मैं करीब 15 साल का था। उस दिन मुंबई में हमारी बिल्डिंग में सालाना फंक्शन था और मै एक नाटक में परफॉर्म कर रहा था। मैं देखना चाहता था कि हमारी स्टेज बनकर तैयार हो गई है या नहींं। जब वहां पहुंचा तो देखा कि सारे मजदूर आराम कर रहे हैं। मैंने पूछा कि काम क्यों नहीं हो रहा तो उन्होंने बताया कि ठेकेदार से पूछो.. जो कुछ देर पहले वॉचमैन के रूम में आराम कर रहा था। मैं यह बात पूछने के लिए वॉचमैन के रूम में चला गया। मैं उस तारों भरे छोटे से रूम में ठेकेदार को तलाश कर ही रहा था कि अचानक वहां करीब 17- 18 साल की एक लड़की आ गई। जब ठेकेदार मुझे वहां नहीं दिखा तो मैं वापस जाने लगा, लेकिन इस लड़की ने मुझे दबोच लिया और मेरे प्राइवेट पार्ट्स को छूने लगी।
मैं बहुत डर गया था कि चीख भी नहीं पाया
मैं कुछ कह पाता, उससे पहले उसने मेरा पजामा खींचकर नीचे कर दिया और मेरे पेनिस को पकड़कर दबाने लगी। मैं बहुत डर गया। मुझे दर्द हो रहा था, और मैं चीखना चाहता था, वहां से भाग जाना चाहता था लेकिन मुझे लगा कि कोई मुझे देख लेगा तो उल्टा ही न समझ ले। वो लड़की मेरे पेनिस को पकड़ कर ऊपर- नीचे करने लगी। मैं समझ नहीं पा रहा था कि वह ऐसा क्यों कर रही है कि तभी मेरे पेनिस से खून आने लगा। इतने में मैंने पूरी हिम्मत बटोरी और अपना पजामा पहनते हुए उस लड़की को धकेला और वहां से भाग निकला। इस तरह मैंने खुद को उस लड़की के शिकंजे से बचाया। बाद में मुझे पता लगा कि वह एक मजदूर की बहन थी।
पुलिस ने नहीं किया भरोसा
अपने साथ हुई इस घटना पर मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था, दुख भी हो रहा था इसलिए मैंने तय किया कि मैं इसकी पुलिस में शिकायत करूंगा। मैंने डर की वजह से अपने पैरेन्ट्स को नहीं बताया और दोस्त के पास जाने की बात कहकर पास वाले पुलिस स्टेशन गया। मैं सोच भी नहीं सकता था कि कोई मेरी बात पर भरोसा नहीं करेगा। पुलिसवालों ने भी मेरी बात नहीं सुनी और यह कहकर मुझे वापस भेज दिया कि कोई भी लड़की ऐसा काम नहीं कर सकती। मैं उस घटना से अंदर तक हिल गया था और बहुत शर्मनाक और बेइज्जत महसूस कर रहा था।
न्याय व्यवस्था से भी उठ गया भरोसा
इसके बाद मैं अवसाद में रहने लगा और उस दिन से मेरा भरोसा अपने देश के लीगल सिस्टम से उठ गया, जबकि इससे पहले मैं देश की व्यवस्था और जेंडर इक्वेलिटी यानि लैंगिक बराबरी पर भरोसा करता था। तब मुझे लगता था कि देश के लोगों को भारतीय पुरुषों के साथ भी कुछ सहानुभूति तो होती है। लेकिन यहां सोशल साइट कोरा पर जब मैंने अपनी आपबीती यानि यह शॉकिंग किस्सा लिखा तो मेरी यह सोच भी झूठी साबित हो गई और देश और देश वासियों के प्रति मेरी धारणा पूरी तरह से बदल गई।
क्या पुरुषों का रेप होता है?
उस वक्त तो मैं काफी छोटा था और सेक्स के बारे में बहुत कम जानता था। मुझे लगता था कि किसी को गलत तरह से छूना ही रेप करना होता है, जैसा कि अक्सर बॉलीवुड की फिल्मों में दिखाया जाता है। तो इसलिए मैंने गूगल किया कि क्या पुरुषों का भी रेप हो सकता है? मैंने फेसबुक पर पुरुषों के कुछ ग्रुप भी देखे थे जहां वो अपनी परेशानी या शिकायत शेयर कर सकते हैं। वहां मैंने ऐसे बहुत से किस्से भी पढ़े कि जहां पुरुषों को महिलाओं की वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ा था।
हमदर्द की खोज
मैंने ऐसे लोगों से संपर्क करना शुरू कर दिया। मुझे वहां बहुत से ऐसे लोग मिले जिन्होंने मेरी बात को सही माना, न कि पुलिस की तरह इसे बिलकुल झूठ बताया। मुझे इससे काफी मदद मिली। वहां मुझे एक ऐसा हमदर्द दोस्त भी मिल गया जिसने मुझे इस अवसाद से निकलने में काफी मदद की। दरअसल वो भी अपनी पत्नी का सताया हुआ पुरुष था, शायद इसीलिए उसने मेरे दिल की बात को समझा और मेरी मदद की। उसी की वजह से मैं कुछ ही महीनों में अपने साथ हुई उस दुर्घटना को भूलकर अब वापस सामान्य जीवन जी रहा हूं।
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