न्यू मॉम बनने के साथ महिला की जिंदगी में नई-नई और भारी भरकम जिम्मेदारियां भी साथ आती हैं। जैसे कि बेबी फीडिंग, बच्चे को नहलाना, नैपी बदलना, कपड़े बदलना और उसको सुलाने के लिए शांत वातावरण तैयार करना। इतने कामों के बाद न्यू मॉम के पास खुद के लिए ही समय की कमी हो जाती है। यही वजह है इस लेख में आज हम लेकर आए हैं न्यू मॉम्स के लिए सेल्फ केयर टिप्स।
बच्चे के जिंदगी में आने से एक माँ की जिंदगी में कई परिवर्तन आते हैं। न्यू मॉम का रूटीन पहले की तरह नहीं रहता। उनके सोने-उठने का समय, आदतें और नियमों में बारी-बारी से बदलाव आने लगते हैं। बढ़ती जिम्मेदारियों की वजह से उनमें मानसिक और शारीरिक उतार-चढ़ाव होते हैं। ऐसे में कई बार न्यू मॉम्स डिप्रेशन या गंभीर उदासी की शिकार हो जाती हैं, जिसे पोस्टपार्टम डिप्रेशन के नाम से जाना जाता है।
बच्चे की देखभाल के साथ न्यू मॉम को खुद को मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से मजबूत और स्वस्थ होना पड़ेगा। इसके लिए सबसे अहम चीज है सेल्फ केयर। इस लेख में हम न्यू मॉम्स के साथ 7 सेल्फ केयर टिप्स साझा करने जा रहे हैं, जिन्हें फॉलो कर आप डिप्रेस्ड मॉम से हैप्पी मॉम बन सकती हैं।
शिशु की देखभाल के साथ एक माँ के लिए अपने लिए समय निकालना व खुद का ख्याल रखना जरूरी होता है। नीचे न्यू मॉम्स अपना कैसे ध्यान रखें, इससे जुड़े कुछ टिप्स साझा कर रहे हैं:
शिशु के जन्म के बाद महिला का शरीर कई हार्मोनल, शारीरिक और मानसिक बदलावों से गुजरता है। इस दौरान कई महिलाएं मेंटली वीक फील कर सकती हैं। ऐसे में उनका बात-बात पर इमोशनल, चिड़चिड़ा व गुस्सा होना आम है। इसे बेबी ब्लूज के नाम से जाना जाता है।
बेबी ब्लूज से खुद को बाहर लाने के लिए आप अपनी फीलिंग्स को पार्टनर, दोस्तों व घर के दूसरे सदस्यों संग शेयर करें। बच्चे को घर के दूसरे सदस्यों के पास छोड़कर कुछ देर बाहर टहलने या शॉपिंग करने जाएं। इससे आप बेहतर महसूस करेंगी। यदि स्थिति में सुधार नहीं होता है, तो इसे लेकर अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
न्यू मदर्स को अपने बच्चे को स्तनपान भी कराना होता है। ऐसे में बच्चा भी उनके शरीर के पोषण पर निर्भर रहता है। इसलिए न्यू मॉम को आहार पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है। नहीं तो पोषक तत्वों की कमी व शरीर में कमजोरी आ सकती है। इसलिए प्रोटीन और कैल्शियम से भरपूर हेल्दी खाना खाएं।
शिशु के जन्म के बाद माँ की रात की नींद उड़ जाती है। उन्हें भी बच्चे के साथ रातों को जागना पड़ता है। बहुत सारी महिलाएं रात को बच्चे के साथ जागती हैं और दिन में दूसरे कामों में व्यस्त हो जाती हैं। इसके कारण उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती है। ऐसे में कोशिश करें कि दिन में बच्चा जब सोए तो आप भी सारे काम छोड़कर उसके साथ सो जाएं। आपकी नींद पूरी होगी तो इससे आपको आराम मिलेगा और आपकी जल्दी रिकवरी होगी।
न्यू मॉम में ब्रेस्टफीडिंग कराने की वजह से कई बार शरीर में पानी की कमी हो जाती है। ऐसे में उन्हें खुद को हाइड्रेट रखने के लिए दिनभर पानी पीते रहना चाहिए। यदि आप ज्यादा पानी नहीं पी पाती हैं, तो आप नींबू पानी, वॉटरमेलन जूस, स्ट्रॉबेरी जूस आदि ड्रिंक्स भी ले सकती हैं। ये आपके शरीर को हाइड्रेट रखने के साथ विटामिन-सी व अन्य मिनरल की पूर्ति में भी सहायक हो सकते हैं।
प्रसव के बाद न्यू मॉम की त्वचा काफी सेंसिटिव हो जाती है, जिसका ध्यान रखना आपकी प्रायोरिटी होना चाहिए। क्योंकि इस दौरान त्वचा को डर्मेटाइटिस, एक्जिमा व अन्य इंफेक्शन होने का जोखिम अधिक होता है। न्यू मॉम्स के शरीर में हार्मोनल बदलाव होने के कारण त्वचा के धूप निकलने पर डार्क पैचेज हो सकते हैं। इसलिए हमेशा घर से बाहर निकलने से 15 मिनट पहले चेहरे, हाथों व पैरों पर सनस्क्रीन जरूर लगाएं। ये आपको अल्ट्रावॉयलेट रेज से सुरक्षा प्रदान करेगा।
ध्यान दें हमेशा न्यू मॉम्स के लिए डर्मेटोलॉजिस्ट द्वारा टेस्टेड किए गए सनस्क्रीन का चयन करें। साधारण सनस्क्रीन में कुछ ऐसे इंग्रीडिएंट्स हो सकते जिससे बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है।
कई माँएं बच्चे की देखभाल में खुद का ध्यान रखना ही भूल जाती हैं। सुबह उठकर नहाने के बाद समय समय पर कंघी करें, काजल, मस्कारा आदि लगाएं। इससे आपका सेल्फ कॉन्फिडेंस बढ़ेगा। आप अच्छी दिखेंगी तो अच्छा महसूस भी करेंगी।
डिलीवरी के शुरुआत के छह महीने किसी तरह की एक्सरसाइज व भारी भरकम काम करने की मनाही होती है। लेकिन आप दिनभर घर में बंद रहने की जगह सुबह उठकर वॉक पर जाएं। इससे आपको फ्रेश हवा मिलेगी और आप लाइट फील करेंगी। चाहें तो मेडिटेशन का भी सहारा ले सकती हैं।
इस लेख में आपने जाना कि न्यू मॉम के लिए बच्चे के साथ खुद का ख्याल रखना भी कितना जरूरी होता है। साथ ही न्यू मॉम के लिए कुछ टिप्स दी गई हैं जिनकी मदद से वे अपना ख्याल रख सकती हैं।