सारा अली खान के दादा, परदादा भले ही अंग्रेजों के जमाने से नवाब रहे हों और रॉयल अंदाज में जीएं हो, एक्ट्रेस खुद को रॉयल महसूस नहीं करती हैं। हालांकि सारा के दादा मंसूर अली खान आखिरी नवाब थे। आज भी पटौदी पैलेस सारा के पापा सैफ अली खान के पास है, लेकिन फिर भी सारा खुद को रॉयल कम समझती हैं और ज्यादा किसी आम इंसान की तरह देखती हैं। एक्ट्रेस खुद को एक नॉर्मल मुंबई गर्ल की तरह देखती हैं जिसकी लाइफ बहुत सिंपल है।
द हिंदू को दिए अपने इंटरव्यू में सारा ने कहा है “जब लोग ऐसा सोचते हैं तो मुझे यह काफी हास्यास्पद लगती है। मैं खुद को एक शाही के रूप में नहीं जोड़कर देखती। मैं अपनी मां के साथ अपने जीवन का अधिकांश समय मुंबई के जुहू में रही हूं। मैं अपने पिता से मिलने बांद्रा जाती हूं। मैं हिमाचल प्रदेश, केदारनाथ और जम्मू-कश्मीर में में छुट्टियां मनाती हूं । गंभीरता से, मुझे नहीं पता कि शाही का मतलब क्या है।”
सारा की सिंपल लाइफ की बात करें तो सारा ने पहले भी अपने इंटरव्यू में बताया है कि वो और उनके भाई इब्राहिम अपने पेरेंट्स के सामने अपनी बात मनवाने के लिए विक्टिम कार्ड खेलते थे। सारा ने कहा था कि अपने पेरेंट्स के डिवोर्स के बाद हम दोनों कई बार अपनी बात मनवाने के लिए विक्टिम कार्ड खेलते थे, जैसे 11 साल की उम्र में मां से कहना कि अब्बा भी यहां नहीं है, ये मुझे दे दो या फिर 15 साल में अब्बा से कहना कि अब आप हमारे साथ नहीं रहते तो ये मुझे दिला दें।
सैफ अली खान और अमृता सिंह का डिवोर्स साल 2004 में हुआ था। सारा और इब्राहिम अपनी मम्मी अमृता सिंह के पास पले बढ़े हैं।