जब भी कोई शादीशुदा कपल झगड़ता है तो इसका असर पत्नी से ज्यादा पति पर पड़ता है। यह बात हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि ऐसा एक नई स्टडी में सामने आया है। इस स्टडी के अनुसार आपसी झगड़े का नकारात्मक असर महिला से ज्यादा पुरुष की हेल्थ पर होता है। इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ रिलेशनशिप रिसर्च की एक कॉन्फ्रेंस में पेश की गई इस रिसर्च में 183 नवविवाहित जोड़ों से लेकर 16 साल के विवाहित जोड़ों को शामिल किया गया था। इनमें पति की एवरेज उम्र 26 साल और पत्नी की 24 साल रखी गई थी।
बहुत से विषय और सवालों को बनाया आधार
कॉन्फ्रेंस में अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए रोजी श्राउट ने कहा, “हमने बहुत से ऐसे विषय, जैसे कि बच्चे, पैसा, ससुरालवाले और आराम जैसे मामलों में असहमति का पति और पत्नी की हेल्थ पर प्रभाव देखा। लेकिन यह देखकर हमें बहुत आश्चर्य हुआ कि हर तरह के झगड़ों का असर पत्नी से ज्यादा पति की हेल्थ पर पड़ा।” रिसर्च में हिस्सा लेने वाले लोगों से कुछ सवाल भी पूछे गए, जैसे काम से उनकी हेल्थ पर क्या असर पड़ता है, उन्हें सोने में समस्या या सिरदर्द होता है या नहीं। इन सवालों पर उनके जवाबों के आधार पर पार्टिसिपेंट्स को 1 से 5 तक का हेल्थ स्कोर दिया गया।
रिसर्च में निकाला गया हेल्थ स्कोर
रिसर्चर्स ने पाया कि पति अगर अपनी पत्नी से असहमत होता है तो उसका हेल्थ स्कोर ऐसी ही स्थिति में पत्नी के होने से भी काफी कम आता है। ऐसी ही स्थिति में पाया गया कि पत्नी की हेल्थ पर असहमति के कितने भी मुद्दे होने के बावजूद कोई असर नहीं पड़ता। झगड़े वाली रिलेशनशिप के हेल्थ पर होने वाले असर पर यह पहली स्टडी नहीं थी। इससे पहले हुई एक और स्टडी का कहना है कि शादी में होने वाले झगड़े से स्ट्रेस हारमोन रिलीज होता है जो व्यक्ति के इम्यून सिस्टम के साथ- साथ दिल और दूसरे अंगों पर भी असर डालता है। लेकिन इस ताजा स्टडी में मतभेद होने पर पति और पत्नी की हेल्थ पर होने वाले असर का यह महत्वपूर्ण डिफरेंस पता लगा है।
और ज्यादा रिसर्च की जरूरत पर बल
श्राउट ने इस स्टडी के परिणामों को शुरूआती बताते हुए इस मामले में ज्यादा रिसर्च की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा, “हो सकता है कि मतभेद के मुद्दों की संख्या का असर महिलाओं पर न पड़े, लेकिन, इसका जरूर पड़ेगा कि इन्हें कैसे सुलझाया जाता है, लेकिन अगर दोनों पति- पत्नी में मतभेद के दौरान ज्यादा शत्रुता हो जाए तो महिला की हेल्थ पर ज्यादा असर देखा जा सकता है। “
महिलाएं लेती हैं परिवार की मदद
इसकी वजह यह देखी गई कि विवाहित जोड़े में मतभेद होने पर पुरुष तो अपने आप में रहते हैं जबकि महिलाएं अपने इमोशन को कंट्रोल में रखने के लिए दोस्तों और परिवार की मदद ले लेती हैं। इससे उनका स्ट्रेस कम होता है और उनकी हेल्थ पर होने वाला नुकसान भी कम होता है। इस स्टडी का निष्कर्ष यह निकाला गया कि ऐसे मामलों में पुरुषों को न सिर्फ उनकी रिलेशनशिप के लिए, बल्कि उनकी हेल्थ के लिए भीखुलकर अपनी बात कहने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
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