क्या अलाउद्दीन खिलजी का अपने गुलाम मलिक काफूर के साथ प्रेम का था रिश्ता?
पिछले दिनों से काफी चर्चा में रही फिल्म पद्मावत में अलाउद्दीन खिलजी का चरित्र अय्याशी और क्रूरता से भरपूर था। हालांकि फिल्म में रणवीर सिंह ने यह चरित्र काफी बेहतरीन अंदाज में निभाकर इसके साथ पूरा न्याय किया है, फिल्म में वे ज़बरदस्त खलनायक लगे हैं। उन्होंने इस फिल्म में क्रूरता की सभी हदें पार कर दी हैं, वहीं उनका यह चरित्र गुलाम मलिक काफूर की वजह से भी काफी चर्चा में है। फिल्म में मलिक काफूर का किरदार जिम सर्भ ने बेहद खूबसूरती के साथ निभाया है। जिम सर्भ को कम ही लोग जानते होंगे, क्योंकि अब तक के अपने करियर में उन्होंने कुछ ही फिल्मों में काम किया है, क्योंकि बेसिकली वे थियेटर- एक्टर-डायरेक्टर हैं। सबसे पहले उनकी पहचान सोनम कपूर की ‘नीरजा’ से बनी, जहां उन्होंने आतंकवादी का किरदार निभाया था। भारतीय रंगमंच में अपने योगदान के लिए 2015 में उन्हें फोर्ब्स इंडिया अंडर 30 लिस्ट में जगह दी गई थी।
खिलजी और मलिक काफूर के बीच का रिश्ता
इतिहास में भी अलाउद्दीन खिलजी और मलिक काफूर के बीच संबंधों के बारे में काफी कुछ कहा गया है। फिल्म ‘पद्मावत’ में भी मलिक काफूर को अलाउद्दीन खिलजी का सबसे ज्यादा वफादार दर्शाया गया है। मलिक काफूर को अलाउद्दीन के चाचा जलालुद्दीन खिलजी ने उसे गिफ्ट में दिया था। मलिक काफूर अलाउद्दीन के एक इशारे पर कुछ भी करने को तैयार रहता था, इसीलिए वह अलाउद्दीन का सबसे भरोसेमंद था। फिल्म में ऐसे कई सीन दिखाए गए हैं जब गुलाम मलिक काफूर के दिल में अलाउद्दीन के लिए काफी कुछ नजर आता है। मलिक काफी हमेशा अलाउद्दीन के आस-पास रहा करता था। यहां तक कि वह अलाउद्दीन और उसकी बेगम के बीच के अंतरंग पलों को भी छिप-छिप कर देखा करता था। एक सीन में तो उसे अलाउद्दीन की बेगम से जलते हुए भी दिखाया गया है। फिल्म में एक सिक्वेंस है जहां मलिक काफूर अलाउद्दीन से खुद को मलिका-ए-हिंद बताता है। फिल्म ‘पद्मावत’ में एक ऐसा गीत भी है जो मलिक काफूर अलाउद्दीन को सोते वक्त सुनाकर बहलाता है। एक अन्य दृश्य में वो अलाउद्दीन के साथ नहाता है। यही मलिक काफूर राजा रतनसिंह से हुए युद्ध के वक्त अलाउद्दीन खिलजी की जान बचाने में अहम भूमिका निभाता है।
क्या समलैंगिक था अलाउद्दीन
फिल्म का दूसरा पक्ष यह भी है कि अलाउद्दीन एक नम्बर का अय्याश था और लड़कियों के साथ अय्याशी करता रहता था। फिल्म पद्मावत में दिखाया गया है कि दुनिया की हर नायाब चीज अलाउद्दीन खिलजी को चाहिए होती थी और इसीलिए उसे पद्मावती को पाने की तमन्ना थी, जो कभी पूरी नहीं हो सकी। तो इसका अर्थ यह हुआ कि वह समलैंगिक था। इतिहास को तलाशा जाए तो पता लगता है कि अलाउद्दीन खिलजी को लड़कियों और लड़कों ही नहीं, बल्कि बच्चों का भी शौक था। इसीलिए अपनी अय्याशी के लिए उसने अपने हरम में 70 हजार लड़कियां, गुलाम और बच्चे भी रखे हुए थे। कहा जाता है कि बाद में अलाउद्दीन की हत्या भी उसकी इसी अय्याशी की आदत की वजह से हुई। इतिहास में इस बात के भी प्रमाण मौजूद हैं कि अलाउद्दीन खिलजी मलिक काफूर के साथ रातें भी गुजारता था।
इन्हें भी देखें-
बहुचर्चित फिल्म ‘पद्मावत’ हमें देती है इन 9 बातों की सीख
फिल्म पद्मावत का रिव्यू : रानी पद्मावती के साहस और राजपूतों के गौरवपूर्ण इतिहास की बेजोड़ कहानी
आसान नहीं है पद्मावती जैसी ऐतिहासिक फिल्मों में कैरेक्टर्स के लुक्स तैयार करना