पहली बार माँ बनना हर महिला के जीवन का सबसे खास सफर होता है। गर्भावस्था की प्लानिंग करते ही उन्हें दादी-नानी और दोस्तों से माँ बनने के टिप्स भी मिलने लगते हैं। कोई किसी खाने से परहेज करने की नहीसत देते हैं, तो कोई घर से बाहर न निकलने का सुझाव देता है।
प्रेग्रेंसी टिप्स से जुड़ी इन्हीं बातों का ध्यान रखते हुए हम इस लेख में माँ बनने के टिप्स बता रहे हैं। पहली बार माँ बनना एक हेल्दी सफर से जुड़ा रहे और आप अपने मदरहुड का आनंद ले पाएं, इसके लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें, जिनके बारे में नीचे बताया गया है।
पहली बार माँ बनना है और क्या करें, क्या न करें, इस सवाल की उलझन को हम दूर करेंगे। बस ध्यान रखें कि अपनी गर्भावस्था को लेकर मन में सकारात्मक ऊर्जा बनाएं रखें और समय-समय पर रूटीन चेकअप कराते रहें।
गर्भावस्था में कैफीन का सेवन करना कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ा सकता है। दरअसल, कैफीन बहुत ही धीरे डाइजेस्ट होता है, जिस वजह से यह माँ के प्लेसेंटा से होते हुए भ्रूण के खून में मिल सकता है। ऐसा होने पर भ्रूण की हृदय गति प्रभावित हो सकती है।
इसके आलाव, कैफीन की अधिकता होने से गर्भवती महिला को उच्च रक्तचाप जैसी समस्याएं हो सकती है। इसलिए, पहली बार माँ बनने वाली महिलाएं यह जरूर जान लें कि गर्भावस्था के दौरान कैफीन का सेवन कम से कम करें।
गर्भावस्था में कब्ज होना सबसे सामान्य परेशानी होती है। वैसे देखा जाए, तो कब्ज का माँ व शिशु के स्वास्थ्य पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं हो सकता है, लेकिन यह गर्भावस्था से जुड़ी जटिलताओं को बढ़ा सकता है। बार-बार कब्ज होने से माँ का पाचन तंत्र प्रभावित हो सकता है, जिससे शरीर को पोषक तत्व मिलने में परेशानी हो सकती है।
ऐसे में प्रेग्नेंसी में कब्ज से बचने के लिए आहार में फाइबर युक्त खाद्य का सेवन किया जा सकता है। इसके लिए फलों के साथ ही साब्जियों का सेवन उचित मात्रा में करें।
माँ बनने के टिप्स के लिए जरूरी सुझाव है कि माँ का आहार स्वस्थ, पौष्टिक व संतुलित होना चाहिए। इसके लिए मां के आहार में निम्नलिखित खाद्यों को शामिल करना चाहिए, जैसेः
साथ ही, कुछ तरह के खाद्यों से परहेज भी करना चाहिए, जैसे –
गर्भावस्था के दौरान शरीर को पानी की आवश्यकता बढ़ जाती है। ऐसे में अगर पानी की मात्रा घट जाए, तो न सिर्फ डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है, बल्कि माँ का ब्लड प्रेशर भी बढ़ सकता है। इसलिए, शरीर में पानी की पूर्ति के लिए दिनभर में करीब 8 से 12 गिलास की मात्रा में पानी पिएं। साथ ही, दूध, फलों का जूस, स्मूदी व नारियल पानी से भी शरीर में पानी की मात्रा को पूरा किया जा सकता है।
नियमित रूप से एक्सरसाइज करें। हालांकि, ध्यान रखें कि गर्भावस्था के दौरान किस तरह की एक्सरसाइज की जा सकती हैं, इस बारे में अपने डॉक्टर की सलाह लें और किसी अनुभवी विशेषज्ञ की देखरेख में ही प्रेग्नेंसी वाली एक्सरसाइज करें।
इसके अलावा, कीगल जैसे व्यायाम पर जोर दिया जा सकता है। कीगल एक्सरसाइज करने से पेल्विक की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, जिससे नॉर्मल डिलीवरी की संभावना को बढ़ाया जा सकता है।
न सिर्फ शारीरिक स्वच्छता, बल्कि गर्भावस्था में भोजन की स्वच्छता पर भी ध्यान देना चाहिए। कच्चे, खुले में रखे हुए व खराब हुए भोजन में विभिन्न तरह के बैक्टीरिया होते हैं। ये माँ व गर्भस्थ शिशु को जोखिम पहुंचा सकते हैं। साथ ही ये गर्भपात का भी कारण बन सकते हैं। इसलिए, कच्चा दूध, अधपके खाद्य, स्प्राउट्स व फंफूदी लगे हुए भोजन का सेवन न करें।
गर्भवती महिलाओं में आयरन की कमी मुख्य तौर पर देखी जा सकती है। आयरन की विशेषता की बात करें, तो आयरन शरीर में हीमोग्लोबिन का निर्माण करता है, जो रक्त की कोशिकाओं में पाया जाने वाला एक तरह का प्रोटीन होता है और यही शरीर के विभिन्न अंगों व ऊतकों तक ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करता है।
इसके अलावा, प्रसव के दौरान भी शरीर से अधिक खून बह सकता है। ऐसे में शरीर में खून की कमी न हो, इसके लिए आहार में आयरन की उचित मात्रा को बनाए रखना आवश्यक हो सकता है।
पहली बार माँ बनना हर गर्भवती महिला के लिए अलग-अलग अनुभव वाला सफर होता है। शारीरिक रूप से यह सफर सुखदायी बना रहे, इसके लिए लेख में बताए गए माँ बनने के टिप्स आपके काम आ सकते हैं। साथ ही, अगर शरीर में किसी पोषक तत्व की कमी होती है, तो डॉक्टरी सलाह पर दवाएंओं के जरिए भी उनकी पूर्ति की जा सकती है।
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