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प्रेग्नेंसी स्ट्रेच मार्क्स

प्रेग्नेंसी स्ट्रेच मार्क्स क्रीम का इस्तेमाल कब से शुरू करना चाहिए?

स्ट्रेच मार्क्स का नाम आते ही हमारे मन में सिर्फ प्रेग्नेंसी की ही बात आती है। क्योंकि प्रेग्नेंसी स्ट्रेच मार्क्स को लेकर ही महिलाएं सबसे ज्यादा स्ट्रेस में रहती हैं। मगर सच तो यह है कि स्ट्रेच मार्क्स, त्वचा की वह महीन रेखाएं होती हैं जो अचानक वजन के बढ़ने से त्वचा में जो खिंचाव उत्पन्न होता है, उसके कारण होती हैं। 

वैसे तो स्किन में इलास्टिसिटी होने के कारण वह स्ट्रेच हो जाती है लेकिन वह जब हद से ज्यादा खिंच जाती है तब कोलेजन (स्किन में टीशू बनाने वाला प्रोटीन) के प्रोडक्शन में बाधा उत्पन्न हो जाती है। इस वजह से स्किन में स्ट्रेच मार्क्स विकसित होने लगते हैं।

स्ट्रेच मार्क्स सिर्फ प्रेग्नेंसी में ‍वजन बढ़ने के कारण नहीं होते हैं, बल्कि ज्यादातर लोगों में स्ट्रेच मार्क्स मोटापे के कारण भी होते हैं। बॉडी बिल्डरों के शरीर में बदलाव होने के कारण स्ट्रेच मार्क्स के निशान दिखाई देने लग जाते हैं। जो लोग कुछ हफ्तों के लिए स्टेरॉयड युक्त स्किन क्रीम या मलहम (जैसे हाइड्रोकार्टिसोन) का इस्तेमाल करते हैं, उनमें भी स्ट्रेच मार्क्स के निशान दिख सकते हैं। 

स्ट्रेच मार्क्स होने के कारण (Causes of Stretch Marks in Hindi)

स्ट्रेच मार्क्स होने का पहला कारण अचानक वजन का बढ़ना होता है। इसके पीछे और भी कारण हैं, जैसे-

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  • प्रेग्नेंट होना
  • प्यूबर्टी की शुरुआत
  • वजन का जल्दी बढ़ना या कम होना
  • अत्यधिक वजन होना
  • महिला होना
  • कुछ विशेष प्रकार के स्टेरॉयड क्रीम या टैबलेट का इस्तेमाल करना
  • परिवार के किसी सदस्य को स्ट्रेच मार्क्स होने का इतिहास होना
  • इसके अलावा स्ट्रेच मार्क्स कुशिंग सिंड्रोम नामक स्थिति के कारण भी हो सकता है।
प्रेग्नेंसी स्ट्रेच मार्क्स
प्रेग्नेंसी स्ट्रेच मार्क्स के कारण

प्रेग्नेंसी स्ट्रेच मार्क्स के कारण (Causes of Pregnancy Stretch Marks in Hindi)

प्रेग्नेंसी के दौरान पेट और शरीर के अन्य अंगों में स्ट्रेच मार्क्स के निशान त्वचा की आम समस्या होती है। लेकिन यह माँ और बच्चे के लिए खतरे की बात नहीं होती है। 

प्रेग्नेंसी स्ट्रेच मार्क्स होने के पीछे कुछ कारण हैं, जैसे- स्किन स्ट्रेच। इस दौरान त्वचा में बार-बार विस्तार और खिंचाव होने के कारण त्वचा फटने लगती है। दूसरा कारण यह है कि हार्मोन का स्तर बढ़ जाने के कारण भी स्ट्रेच मार्क्स होते हैं, पर यह बात अभी भी प्रामाणिक तौर पर साबित नहीं हुई है कि प्रेग्नेंसी के दौरान इन सब कारणों से स्ट्रेच मार्क्स होते हैं। 

प्रेग्नेंसी स्ट्रेच मार्क्स क्रीम का इस्तेमाल कब से शुरू करना चाहिए? (When should you start using Stretch Marks Cream during Pregnancy in Hindi)

अब तो आप समझ ही गए हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में बदलाव होने के कारण और वजन के बढ़ने के कारण स्तन, पेट, कूल्हा, बट और जांघों पर स्ट्रेच मार्क्स पहले तिमाही से ही पड़ना शुरू हो जाते हैं। प्रेग्नेंसी में स्ट्रेच मार्क्स कब आते हैं इस बात को समझने के लिए आगे विस्तार से जानते हैं।

आमतौर पर गर्भावस्था के बाद के ट्राइमेस्टर (छठे या सातवें महीने के आसपास) के दौरान प्रेग्नेंसी स्ट्रेच मार्क्स दिखाई देने लगते हैं, कुछ महिलाओं को जैसे ही उनके पेट बढ़ने लगते हैं, उनमें मार्क्स दिखना शुरू हो जाता है। ज्यादातर जिनका रंग गोरा होता है, उन महिलाओं में प्रेग्नेंसी स्ट्रेच मार्क्स का रंग गुलाबी होता हैं, जबकि सांवले रंग की महिलाओं में स्ट्रेच मार्क्स का रंग आसपास की त्वचा की तुलना में हल्के होते हैं। उनके विकास का पैटर्न तीन चरणों का अनुसरण करता है।

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स्टेप 1: शुरुआत में स्ट्रेच मार्क्स का रंग गुलाबी दिखाई देता है, और खुजली भी हो सकती है। स्ट्रेच मार्क्स के आसपास की त्वचा भी ‘चपटी’ और ‘पतली’ दिख सकती है।

स्टेप 2: धीरे-धीरे, स्ट्रेच मार्क्स लंबाई और चौड़ाई में बढ़ेंगे और लाल या बैंगनी रंग के हो जाएंगे।

स्टेप 3: आखिरी स्टेप में जब यह परिपक्व हो जाते हैं, तब अपना लाल/गुलाबी रंग खो देते हैं। गर्भावस्था के बाद के महीनों में, रंग में थोड़ा हल्कापन आ जाता है और हल्के सफेद या चांदी के हो जाते हैं। वे आकार या लंबाई में थोड़े अनियमित भी दिखाई देते हैं।

अभी स्ट्रेच मार्क्स के उपचार को लेकर उतना अध्ययन सामने नहीं आया है। पर एक बात ध्यान देने की यह है कि प्रेग्नेंसी स्ट्रेच मार्क्स के निशान पूरी तरह से बनने के पहले से ही इसको रोकना आसान होता है। स्ट्रेच मार्क्स को कम करने के लिए जितनी जल्दी इसका बचाव का उपाय करना शुरू कर देंगे उतना ही अच्छा है और डिलीवरी के बाद तक इस उपाय को जारी रखना चाहिए।

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प्रेग्नेंसी स्ट्रेच मार्क्स क्रीम का इस्तेमाल करने से स्ट्रेच मार्क्स को पूरी तरह से रोका या खत्म तो नहीं किया जा सकता लेकिन स्किन की इलास्टिसीटी बढ़ने और त्वचा के मुलायम होने से स्ट्रेच मार्क्स का असर कम होता है। कहने का मतलब यह है कि अगर प्रेग्नेंसी स्ट्रेच मार्क्स क्रीम का इस्तेमाल पहली तिमाही से ही करना शुरू कर देंगे तो इसका असर त्वचा पर कम दिखेगा।

प्रेग्नेंसी स्ट्रेच मार्क्स
  प्रेग्नेंसी स्ट्रेच मार्क्स क्रीम

प्रेग्नेंसी स्ट्रेच मार्क्स क्रीम खरीदते समय किन बातों का रखें ख्याल (Tips to Buy Pregnancy Stretch Marks Cream in Hindi)

प्रेग्नेंसी स्ट्रेच मार्क्स क्रीम में रेटिनोइड्स नहीं होना चाहिए, क्योंकि यह ब्रेस्टफीडिंग या प्रेग्नेंसी में नुकसानदायक साबित हो सकता है। इसके अलावा क्रीम में कुछ चीजें होनी चाहिए, जैसे –

  • नट बटर (जैसे कोको, शीया, या जोजोबा)
  • विटामिन ए और ई
  • हाईऐल्युरोनिक एसिड
  • नारियल, आर्गन, या रोजहिप ऑयल
  • एलोवेरा
  • पेप्टाइड्स

आशा करते हैं कि इस लेख के द्वारा आप समझ ही गए होंगे कि प्रेग्नेंसी स्ट्रेच मार्क्स क्यों होते हैं और प्रेग्नेंसी स्ट्रेच मार्क्स क्रीम का इस्तेमाल कब से शुरू करना अच्छा होता है। हैप्पी प्रेग्नेंसी!

चित्र स्रोत: फ्रीपिक (Freepik)

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21 Mar 2022

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