अपने बच्चों को लेकर हर माता-पिता की यही ख्वाहिश होती है कि बड़े होकर वह एक बेहतर और काबिल इंसान बने। इसके लिए वे हर वो जरूरी प्रयास करते हैं जो उनके बच्चे की जिंदगी पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। आपने वो कहावत तो सुनी होगी कि बच्चे मिट्टी के समान होते हैं। उन्हें जैसे सांचे में डाले वो वैसे ही ढल जाते हैं। इसलिए बच्चे को बेहतर इंसान बनाने के लिए बचपन से ही उनके भीतर अच्छी आदतों का संचार किया जाना चाहिए। इस लेख में हम कुछ ऐसी ही महत्वरूर्ण बातों के बारे में जानेंगे, जो आपके बच्चे को एक बेहतर और सफल इंसान बनाने में मदद करेंगी।
सभी पेरेंट्स अपने बच्चे को अच्छी आदतें सिखाते हैं। इस चक्कर में कई माता-पिता ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिससे बच्चा जिद्दी और गुस्सैल बन जाता है। नीचे कुछ ऐसे पेरेंटिंग टिप्स साझा कर रहे हैं, जो आपके बच्चे को बेहतर इंसान बनाने में आपकी मदद करेंगे।
हर माता-पिता को अपने बच्चे से प्यार होता है, इसमें कोई दो राय वाली बात नहीं है। लेकिन कई बार कुछ पेरेंट्स बच्चे के प्रति अपने प्यार को ठीक से जताना नहीं जानते हैं। खासतौर से ऊपर से सख्त रहने वाले पिता। बच्चे के लिए वो अपने प्यार को मन में ही रखते हैं। दोनों में से किसी भी पेरेंट को ऐसा नहीं करना चाहिए। बच्चे को बातों के जरिए व अपने हाव-भाव के जरिए, यह बताएं कि आप उनसे कितना प्यार करते हैं।
हर किसी के जीवन में उतार चढ़ाव आते हैं। लेकिन पेरेंट्स को बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए हर बुरे समय का पॉजिटिव रहकर सामना करना चाहिए। आप परेशानियों को पॉजिटिविटी के साथ हैंडल करेंगे तो इससे बच्चे का नजरिया भी पॉजिटिव होगा। बच्चे के सामने नेगेटिव बातें करने से बचें। किसी भी बात को लेकर रोने की जगह उसका हल ढूंढने का प्रयास करें। बच्चे को भी इसी तरह सकारात्मक सोच रखने और देखने का पाठ पढ़ाएं।
बच्चे को बचपन में आप जैसी आदत डालते हैं, वो उसी में ढल जाते हैं। बचपन में सिखाई गई बातें बच्चे बहुत जल्दी से सिखते हैं। बच्चों को हाइजीन के बारे में समझाएं। यही नहीं खुद भी हाइजीन मेंटेन करके रखें। आपको देखकर बच्चा जागरूक होगा। इससे वे स्वस्थ तो रहेंगे ही साथ ही खुद को लेकर अच्छा महसूस करेंगे। इससे बच्चे का आत्मविश्वास भी बढ़ता है। इसलिए बच्चों में शुरुआत से निम्न बातों की आदत डालें:
सभी माता-पिता अपने बच्चों को दूसरा का सम्मान करना सिखाते हैं। लेकिन, पेरेंट्स को बच्चों को खुद का सम्मान करने के बारे में भी समझाना चाहिए। बच्चे को बताएं कि दूसरों का सम्मान करने का यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि कोई भी उनका अपमान कर सकता है। बच्चे को बड़ों का आदर व दूसरों की मदद करने के साथ खुद से प्यार करना सिखाना, माता-पिता की जिम्मेदारी है।
आज के समय दोनों पेरेंट्स का वर्किंग होना बहुत कॉमन है। ऐसे में माता-पिता को बच्चे के साथ ज्यादा समय बिताने के लिए नहीं मिल पाता है। पेरेंट्स बच्चों की हर फरमाइश तो पूरी करते हैं, लेकिन उनकी जिम्मेदारी यह भी है कि वे बच्चे के साथ बैठकर उनको सुनें। उनको समय दें। अगर बच्चा कुछ शेयर करना चाहता है, तो उससे बात करें व उसकी भावनाओं को समझें। सिर्फ जरूरतों को पूरा करना गुड पेरेंटिंग करना नहीं होता है।
बच्चे की परवरिश माता-पिता की सबसे अहम जिम्मेदारी होती है। इस लेख में आपने कुछ ऐसे बिंदुओं के बारे में जाना, जो बच्चों की पॉजिटिव पेरेंटिंग में आपकी मदद करेंगे। उम्मीद करते हैं यह लेख बच्चे की अच्छी परवरिश करने में आपके लिए मददगार साबित होगा।
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