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navratri do's and don'ts, नवरात्रि के 9 दिनों में जानिए क्या करें और क्या न करें

नवरात्रि के 9 दिनों में जानिए क्या करें और क्या न करें

नवरात्रि के दिनों को बेहद शुभ दिन माना जाता है। यूं तो पूरे साल में चार नवरात्र मनाए जाते हैं। हालांकि, चैत्र और शारदीय नवरात्र के दौरान विशेष व्रत रखे जाते हैं। व्रतचरण शरीर, मन और आत्मा को शुद्ध करता है और आध्यात्मिकता की ओर झुकाव बढ़ाता है। कहा जाता है कि ऐसा करने से आध्यात्मिक प्रेम का निर्माण होता है। साथ ही नवरात्र के व्रतों को शारीरिक, मानसिक और धार्मिक रूप से कई लाभ मिलते हैं।
नवरात्र धार्मिक रूप से पवित्र और उन लोगों के लिए श्रद्धेय समय है, जो आध्यात्मिकता की खोज कर रहे हैं। नवरात्रि में, पहले तीन दिन तमस की विशेषता के लिए माने जाते हैं। और देवी दुर्गा के रूप में पूजनीय हैं। अगले तीन दिनों में राजस की विशेषता है। इस समय, देवी को लक्ष्मी के रूप में पूजा जाता है। देवी लक्ष्मी की पूजा करने से राजसिक प्रवृत्तियों को संतुलित किया जा सकता है। नवरात्रि के अंतिम तीन दिन सत्व की विशेषता है। जहां देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। देवी सरस्वती की पूजा करने से हमारा सत्त्व बढ़ता है। नवरात्रि (Happy Navratri Wishes in Hindi) में, आपकी चेतना तमस, राजस से गुज़रती है और अंतिम तीन दिनों में यह सत्त्वगुण में पर्वितित हो जाती है। 
कई लोग नवरात्रि पर देवी की विशेष पूजा करते हैं। नवरात्र व्रत का पालन करते समय कुछ नियमों और बातों का ध्यान रखना चाहिए। कहा जाता है कि नवरात्र व्रत के नियमों को जानना बहुत जरूरी है। इन नियमों का सख्ती से पालन करना भी उचित है। इसीलिए आज हम आपको यहां बताने जा रहे हैं कि विष्णु पुराण के अनुसार नवरात्रि के इन 9 दिनों के क्या नियम (navratri fasting rules) होते हैं। तो आइए जानते हैं नवरात्रि के 9 दिनों में क्या करें और क्या नहीं –

नवरात्रि के 9 दिनों में क्या करना चाहिए What to do during Navratri in Hindi

What to do during Navratri in Hindi

  • व्रतचरण काल ​​में भक्ति का बहुत महत्व है। कहा जाता है कि ईमानदारी से प्रार्थना, पूजा, नाम स्मरण, मंत्र जप सकारात्मक और शुभ परिणामों में मदद करता है।
  • नवरात्रि के पूरे दिन घर में शांति का वातावरण बनाकर रखें। 
  • हमेशा फलाहार एक ही जगह पर बैठकर ग्रहण करें।
  • घर में यदि कलश स्थापना की है और अखंड ज्योति जला रहे हैं तो दोनों समय देवी माता की पूजा-आरती और नैवेद्य चढ़ाना न भूलें। 
  • नौ दिनों तक सूर्योदय के साथ ही स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनना चाहिए।
  • इसके अलावा व्रत करने वाले लोगों को बिस्तर पर नहीं सोकर जमीन पर सोना चाहिए।
  • इस दौरान नीम, गुलाब जल को नहाने के पानी में उपयोगी माना जाता है।
  • अगर आप घर पर ही हैं और बाहर नहीं जाना है तो आपको स्वछता की दृष्टी से नंगे पैर रहना चाहिए। साथ ही साफ़ और पवित्र कपड़ों का ही प्रयोग व्यक्ति को करना चाहिए।
  • नवरात्रों में व्यक्ति को नौ दिनों तक देवी माता जी का विशेष श्रृंगार करना चाहिए। 
  • सबसे महत्वपूर्ण बात नवरात्र व्रताचरण शुद्ध मन से, ईमानदारी से और भाव से करना है। क्योंकि आस्था में किया गया कोई भी व्रत सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। 
https://hindi.popxo.com/article/importance-of-kanya-pujan-in-navratri-in-hindi

नवरात्रि के 9 दिनों में क्या नहीं करना चाहिए What not to do during Navratri in Hindi

What not to do during Navratri in Hindi

  • अगर नवरात्र में आपके घर कलश स्थापना होती है और अखंड ज्योति जल रही है तो घर को खाली छोड़कर बाहर नहीं जाना चाहिए। किसी न किसी का घर में होना जरूरी है।
  • कहा जाता है कि नवरात्रि का व्रत रखने वाले लोगों को नौ दिनों तक नींबू नहीं काटना चाहिए।
  • वहीं व्रत रखने वाले लोगों को बेल्ट, चप्पल-जूते, बैग जैसी चमड़े की चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
  • नवरात्रि के दिनों में नाखून नहीं काटने चाहिए। क्योंकि इसे शुभ नहीं माना जाता है। इसी के साथ दाढ़ी, मूंछ व बाल भी नहीं कटवाने चाहिए।
  • नवरात्रि के इन नौ पावन दिनों में व्रत करने वालों को काले वस्त्र नहीं धारण करने चाहिए। 
  • इसके अलावा नवरात्रि के दौरान व्रत करने वालों को दिन में नहीं सोना चाहिए।
  • दुर्गा चालीसा, मंत्र या सप्तशती पढ़ते हुए बीच में दूसरी बात बोलने या उठने की गलती कतई ना करें। इससे पाठ का फल नकारात्मक शक्तियां ले जाती हैं।
  • नवरात्रि के दिनों में घर में कलह, द्वेष और किसी का अपमान किए जाने पर घर में अशांति रहती है और बरकत नहीं होती।
  • किसी से भी जोर से बात न करें। आवाज मध्यम और शांत होनी चाहिए। झूठ मत बोलो। 
  • वहीं नवरात्रि के दौरान शारीरिक संबंध भी नहीं बनाने चाहिए, क्योंकि इसका कोई फल नहीं मिलता है।
  • नवरात्रि के समय घर में प्याज-लहसुन व नॉनवेज का सेवन बंद कर देना चाहिए। क्योंकि ये सब तामसिक भोजन में आते हैं। दरअसल, आयुर्वेद के मुताबिक मौसम में आ रहे बदलाव को देखते हुए खाने में लहसुन-प्‍याज का इस्‍तेमाल नहीं करना चाहिए। क्योंकि इससे शरीर की गर्मी बढ़ती है।
https://hindi.popxo.com/article/ram-janam-katha-in-hindi
10 Apr 2021
good points

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