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#डार्क सीक्रेट:  जब मुझे पता लगा कि मेरी रूममेट एक कॉलगर्ल है…

#डार्क सीक्रेट:  जब मुझे पता लगा कि मेरी रूममेट एक कॉलगर्ल है…

कॉलगर्ल, यह शब्द ही सुनने में बड़ा अजीब सा लगता है। क्या आपमें से किसी का वास्ता कभी किसी कॉलगर्ल से पड़ा है…? नहीं ना। तो हम आपको एक 18 साल की छोटी सी लड़की का यह अनुभव उसी की जुबानी बता रहे हैं, जिसकी रूममेट एक कॉलगर्ल निकली। उसने अपने काम में शामिल होने के लिए उसे इनवाइट भी किया था। पढ़ें इस लड़की की आपबीती, उसी की जुबानी –

हंसराज कॉलेज में एडमिशन

क्या आप समझ सकते हैं कि उस दिन मेरी हालत क्या हुई होगी, जिस दिन मुझे ये डार्क सीक्रेट पता लगा कि मेरी रूममेट एक कॉलगर्ल है। उस वक्त मैं सिर्फ 18 साल की थी और मैंने ग्रेजुएशन करने के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी के हंसराज कॉलेज में एडमिशन लिया था। चूंकि मैं दिल्ली की नहीं थी, पानीपत रहती थी, इसलिए मेरे पापा ने दिल्ली में किसी से पूछा तो उन्होंने बताया कि इस कॉलेज के नजदीक बत्रा सिनेमा के पास जीटीबी नगर का इलाका रहने के लिए सही रहेगा। इसके बाद मैं अपने पापा के साथ दिल्ली आई और हमने जीटीबी नगर में देखकर एक पीजी यानि पेइंग गेस्ट एकॉमोडेशन में बात कर ली। यह बिल्डिंग नई बनी थी और इसके रूम बड़े और बाथरूम भी अच्छा था। पीजी मालिक भी हमारी तरह पंजाबी थे, इसलिए भी मेरे पापा को यह जगह सही लगी। उन्होंने बताया था कि पीजी में रहने वाले ज्यादातर लोग आईएएस की तैयारी कर रहे हैं और सभी मुझसे बड़े हैं।

कॉर्नर वाला रूम

हमने कॉर्नर वाला रूम चुना, जो बालकनी के साथ और डबल शेयरिंग में था। हालांकि यह रूम पांचवे फ्लोर पर था (पूरी 78 सीढ़ियां) और बताया गया था कि एक- दो दिन में लिफ्ट चलने लगेगी, पर वह दिन फिर कभी नहीं आया। इसके बाद रात को नौ बजे मेरे पापा मुझे बाय कहकर चले गए। उस वक्त मेरी रूम मेट बाथरूम में नहाने गई हुई थी जो बहुत देर बाद नहाकर निकली। जब वह उस कॉमन बाथरूम से बाहर आई, मैं उसे देखकर दंग रह गई, क्योंकि वह केवल टॉवल में ही निकलकर आ गई थी और बालकनी बिलकुल खुली हुई थी। मुझे यह देखकर बड़ा अजीब सा लगा कि बालकनी खुली देखकर भी उसे कुछ फर्क नहीं पड़ा। उसने मुझे हैलो कहा और अपने शरीर पर ढेर सारे लोशन और कोल्ड क्रीम लगाने लगी। मैं उस वक्त अपने बैग से सामान निकाल कर रख रही थी। उसने मेरे सामने ही अपने अंडर गारमेंट्स पहने और मेरी तरफ आई। मैंने हैरत से उसे देखते हुए उससे कहा कि बालकनी खुली हुई है। तो उसने जवाब दिया, देखने दो, लोग अपनी आंखें ही सेक लेंगे। उसकी इस बात को मैं पचा ही नहीं पा रही थी।

लगातार मिल रहे शॉक्स

उसने मेरी एक्सेसरीज़ को देखा और पूछ लिया कि क्या वो मेरे कलेक्शन में से कुछ पहन सकती है? मैंने सोचा कि वह रात को दस बजे ऐसा क्यों पूछ रही है, फिर भी मैंने हामी भर दी। फिर उसने एक डीप नेक का टॉप पहना, जो बहुत ही अजीब सा लग रहा था। इसके 15 मिनट के बाद ही उसे एक कॉल आया। वह बालकनी की तरफ भागी और कहा कि बस 5 मिनट में आ रही हूं। उसने मुझे बताया कि वह लाजपत नगर में एक मूवी देखने जा रही है और रात को 2- 3 बजे तक वापस आ जाएगी। मुझे लगातार शॉक्स मिल रहे थे और उसने एक और शॉक दे दिया कि मेन दरवाजा रात भर खुला रहता है, मैं चिंता न करूं, कोई नहीं आता। उसने मुझे अपना फोन नंबर दे दिया पर मुझे अपनी सेफ्टी को लेकर चिंता हो रही थी। उसके जाने के बाद मैंने वो अलमारी चेक की, जिसका एक हिस्सा मुझे इस्तेमाल करना था। वहां उसके हिस्से में मुझे ढेरों फेंसी लॉन्जरी दिखाई दीं। मुझे लगा कि शायद कुछ और बड़ी होने के बाद मुझे भी यही सब पहनने का शौक हो जाए।

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जागते हुए बीती सारी रात

मेरी वह पूरी रात जागते हुए ही बीती। मैं वहां किसी को नहीं जानती थी और न जाने कैसे- कैसे ख्याल मेरे दिमाग में चलते रहे। सुबह के 5 बजे तक जब वह नहीं आई तो मैंने उसे फोन किया। मेरे कॉल करने पर उसने कहा कि रात काफी हो गई थी और वह स्लीपी थी तो अपने रिलेटिव के घर चली गई और कुछ ही देर में आ जाएगी। इसके बाद पूरे वीक सब कुछ अजीब अजीब होता रहा। वह लगभग रोज ही देरी से वापस आती थी। एक दिन जब मैं कॉलेज नहीं गई थी तो दोपहर में एक बजे मेरे पड़ोस में रहने वाली एक लड़की मेरे पास आई और पीजी के बारे में बात करने लगी। उसने पूछा कि मुझे किसी चीज की जरूरत हो तो बताऊं। वह मुझसे पांच साल बड़ी थी। इसके बाद कुछ झिझकते हुए उसने मेरी रूममेट के बारे में पूछा। मैं उस वक्त काफी छोटी थी और शायद इसीलिए मैंने जो कुछ अजीब सा महसूस किया था, सब उसे बता दिया कि वह देर से आती है, मुझसे मेरी एक्सेसरीज मांगती रहती है, कभी रूम साफ नहीं करती, लॉन्जरी नहीं  धोती…. सब कुछ।

पता लगा ये डार्क सीक्रेट

तब उसने मुझे ये डार्क सीक्रेट बताया जिसे सुनकर मैं सन्न रह गई और कांपने लगी। इसके बाद मैंने अपनी रूममेट की स्टडी टेबल चेक की तो वहां मुझे बहुत सी मेडिसिन रखी मिलीं। ढंग से देखा तो वो सब या तो पिल्स थी या फिर इनर्जी टेबलेट्स। मैं इतनी डर गई जैसे मौत मेरे सामने हो और तुरंत एक घंटे के अंदर अपने होमटाउन पानीपत के लिए निकल गई।

साथ चलने का ऑफर

फिर मुझे रूम पर जाने का मन ही नहीं किया, इसलिए कई दिनों तक मैं पानीपत से रोज कॉलेज आने- जाने लगी। लेकिन एक दिन मुझे कॉलेज में अचानक पीरियड स्टार्ट हो गए तो कोई और ऑप्शन न होने पर मुझे पीजी जाना पड़ा। मैंने मन को कड़ा किया और तय किया कि मैं नॉर्मल बिहेव करूंगी। उस दिन वो शाम को करीब 6 बजे आ गई। तब मैं अपनी दोस्त से फोन पर बात कर रही थी कि मैं स्मार्टफोन, नये कपड़े और क्या- क्या लेना चाहती हूं। यह बातें उसने सुन लीं और मेरे पास आकर बात करने लगी। मैंने उसे कहा कि मेरे एग्जाम हैं और मुझे अभी पढ़ना है, लेकिन वह यह कहते हुए मुझसे बात करती रही कि मेरे साथ उसे बहुत कम समय मिलता है और मैं कुछ देर बाद भी पढ़ सकती हूं। इसी बातचीत में उसने मुझे उसके साथ चलने का ऑफर दिया और यह भी बताया कि मुझे काफी अच्छा पैसा मिल सकता है और फिर मैं एक स्मार्टफोन, नये कपड़े और बहुत कुछ खरीद पाऊंगी।

बैग कर लिया पैक

उसने मुझे यह भी बताया कि कैसे वह यह सब करने लगी और उसका क्लाइंट बहुत अच्छा आदमी है। उसकी इन बातों से मैं इतना ज्यादा घबरा गई कि तुरंत बाथरूम में चली गई। मुझे लग रहा था कि वह जबरदस्ती मुझे अपने साथ ले जाएगी, इसलिए मैंने रोते- रोते अपनी पड़ोसी को कॉल किया और उसे सारी बात बताई। फिर मैं बाथरूम से ही उसके रूम में चली गई और तब तक वापस नहीं आई, जब तक कि मेरी रूममेट चली नहीं गई। वो रात 8.30 पर वहां से निकली और फिर तुरंत मैंने अपने सारे सामान के साथ बैग पैक कर लिया और तुरंत पानीपत के लिए निकल गई।

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हरियाणा रोडवेज से इतनी रात में जाना सेफ नहीं होता, लेकिन मेरे पास कोई ऑप्शन नहीं था। घर पहुंची तो घंटों मम्मी के पास बैठकर रोती रही। इसके  बाद अगले 1- 2 दिन कॉलेज नहीं गई। कुछ दिनों के बाद मैंने अपने कॉलेज के सामने ठीक- ठाक जगह देखकर शिफ्ट कर लिया और फिर सब कुछ सही तरह से चला।

मैं अपनी उस रूममेट के बारे में कुछ नहीं कहना चाहती कि उसने सही किया या गलत, यह उसकी जिंदगी थी और उसका ही निर्णय था। बस, इस घटना ने मुझे आगे के तीन साल दिल्ली में रहने के लिए बड़ी हिम्मत दे दी थी।

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02 May 2018

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