हर कोई यही सोचता है कि साल की शुरुआत है तो नई लिस्ट बनाते हैं या फिर नए गोल्स सेट करते हैं लेकिन अगर साल के पहले दिन ही जिंदगी कोई ऐसा मोड़ ले ले जिसके बारे में आपने सपने में भी न सोचा हो? मेरा कहने का मतलब है कि कुछ ऐसा हो कि एक पल में जिंदगी ही बदल जाए। मेरे साथ कुछ ऐसा ही हुआ। तो दरअसल, 1 जनवरी 2023 को मेरा 7 साल लंबा रिलेशनशिप पूरी तरह खत्म हो गया और एक ही झटके में जिंदगी बदल गई।
शुरुआत में चीजें कुछ मुश्किल लगीं, रोना-धोना भी किया लेकिन कभी नहीं सोचा था कि चीजें कुछ ऐसी बदलेंगी कि मुझे लगने लगा कि यह तो बहुत अच्छा हुआ। मेरा कहने का मतलब है कि मुझे रोने-धोने के बाद एहसास हुआ कि मैं मेरे जीवन से किसी एक इंसान के चले जाने के कारण अपनी जिंदगी थोड़ी न रोक दूंगी। तो खुद को वक्त देने के लिए और इस ब्रेकअप से ओवरकम करने के लिए मैंने जिंदगी में पहली बार सोलो ट्रिप पर जाने का फैसला लिया।
मैंने ठान लिया कि इस साल तो मैं एक सोलो ट्रिप कर के ही रहूंगी। फिर मैंने यह ढूंढना शुरू किया कि अपनी सोलो ट्रिप के लिए मुझे कौन सी जगह जाना चाहिए। अब चूंकि मुझे पहाड़ बहुत पसंद है इसलिए मैंने हिमाचल प्रदेश में स्थित एक छोटे से गांव हलाण जाने का फैसला किया। हालांकि, घर से यूं ही सोलो ट्रिप पर चले जाना आसान नहीं था। इतना ही नहीं शुरुआत में तो मेरे घरवालों को भी यकीन नहीं हुआ कि मैं सोलो ट्रिप पर जा रही हूं। लेकिन जैसे ही मैंने उन्हें बताया कि मैंने अपनी बस की टिकट बुक कर ली है तो तुरंत ही घरवाले भी हैरान रह गए। लेकिन जैसे तैसे थोड़ी हिम्मत जुटा कर और थोड़ी सी जिद्द करके मैं अपनी सोलो ट्रिप पर निकल पड़ी।
ऐसा था मेरा सोलो ट्रिप का एक्सपीरियंस
ब्रेकअप के बाद खुद को संभालना और अपनी जिंदगी को वापस ट्रैक पर लेकर आ पाना काफी मुश्किल लगने लगता है। ऐसा महसूस होता है कि जिंदगी का जैसे एक हिस्सा ही खुद से अलग हो गया हो। इसी वजह से मैंने सोलो ट्रिप पर जाने का फैसला किया था। घर से निकलते वक्त थोड़ा डर जरूर लगा था लेकिन बस में बैठने के बाद न तो मुझे मेरा ब्रेकअप ही याद आ रहा था और न ही मुझे डर का ही एहसास हुआ। इतना ही नहीं मुझे बहुत हल्का महसूस हो रहा था और मुझे कोई अंदाजा नहीं था कि मेरा यह ट्रिप कैसा जाने वाला है। लेकिन मैंने अपने मन में कोई सवाल या आशंका भी नहीं रखी और बिल्कुल जिंदगी की ताल पर नाचते हुए इस ट्रिक को एक्सपीरियंस किया।

तो सुबह लगभग 9 बजे मेरी बस ने मुझे मनाली से थोड़ा पहले उतारा और वहां से मैंने नग्गर के लिए कैब की और फिर नग्गर से मैंने हलाण के लिए ऑटो किया और करीब 11.30 बजे मैं हलाण पहुंची। वहां पहुंचते ही जैसे ही मैंने पहाड़ों और बादलों को इतना करीब से देखा तो मानों कि मैं अपनी सभी परेशानियों को पूरी तरह से भूल गई। केवल उस वक्त में उस पल में खो कर रह गई। वह नजारा आज भी मेरी आंखों में बसा हुआ है।
मैं हलाण के एक होस्टल कम होटल में रुकी थी और मार्च के महीने में वहां शायद की कोई गेस्ट था। शुरुआत में मुझे लगा कि अरे यहां तो कोई और गेस्ट भी नहीं है। मैं यहां एक हफ्ता कैसे निकालूंगी लेकिन जैसे-जैसे मेरी वहां के लोगों से जान-पहचान हुई और जिस तरह से होस्टल में रहने वाले लोगों ने मुझे घर जैसा महसूस कराया, उसके बाद मानों एक ही दिन बाद मुझे लगने लगा कि यह तो घर जैसा है। वहां पालतु कुत्ते थे तो हम सुबह-सुबह पहाड़ों में वॉक पर चले जाते थे और ऐसा लगता था कि वो कुत्ते मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं। वो मेरे साथ-साथ ही चलते थे, मेरे पास आ कर बैठ जाते थे और पता नहीं चलता था कि किस तरह से 2-3 घंटे बस चिड़ियों की चहचहाट सुनते हुए, पहाड़ों को देखते हुए निकल जाते थे।
मुझे इस सोलो ट्रिप में एहसास हुआ कि ब्रेकअप तो जिंदगी का एक छोटा सा मसला है। कोई बात नहीं अगर वह चला भी गया। जिंदगी ने मेरे लिए एक नया रास्ता खोल दिया। मुझे खुद पर इतना विश्वास हो गया कि मैं अकेले घूमने जा सकती हूं, नए लोगों से बात कर सकती हूं, नए लोगों से दोस्ती कर सकती हूं और सबसे बेस्ट चीज, नेचर से दोस्ती कर सकती हूं। मानों जैसे उस जगह ने मेरा पूरा दर्द अपने अंदर सोख लिया हो और मेरे अंदर उम्मीद की एक नई किरण भर दी हो।
मेरी पहली सोलो ट्रिप ने मुझे एक शानदार एक्सपीरियंस ही नहीं दिया बल्कि साथ ही मुझे जीने का नया तरीका भी सिखाया। मुझे अपनी पहली सोलो ट्रिप से समझ आया कि मैं खुद से प्यार कर सकती हूं, खुद के साथ खुश रह सकती हूं और सबसे जरूरी, जब लगे कि दुनिया में मुझे कोई नहीं समझ सकता, तब असल में इस धरती ने, पहाड़ों ने मुझे समझा। केवल कुछ वक्त नेचर के साथ बिताने से ही एक शांती का एहसास हुआ, पेड़ों को गले लगाने से सही में परेशानी कम हो जाती है। तो अगर मेरा ब्रेकअप नहीं हुआ होता तो शायद मैं कभी जान ही नहीं पाती मैं जिंदगी में कितना कुछ कर सकती हूं और मैं अकेले भी संपूर्ण हूं। इस वजह से मैं तो खुद को बहुत खुशकिस्मत मानती हूं कि मेरा ये रिश्ता खत्म हो गया और मैंने खुद को सोलो ट्रिप पर जाने के लिए तैयार किया। इतना ही नहीं इसके बाद मैंने 2 सोलो ट्रिप्स और की और हर बार मुझे बहुत ही अच्छे लोगों से मिलने का मौका मिला और नेचर से काफी कुछ सीखने को मिला।