हर साल मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे (Mothers Day 2021) मनाया जाता है। मां का अपने बच्चों के प्रति प्रेम दुनिया में सबसे अनमोल होता है। इस जहां में प्यार के जितने रूप हैं, उनमें मां का प्यार पहले स्थान पर है लेकिन वक्त के साथ लोग मां के समर्पण और प्रेम को भूलने लगते हैं और उन्हें ये याद दिलाने के उद्देश्य से ही मातृ दिवस (maa quotes in hindi) यानी कि मदर्स डे मनाया जाता है। वैसे तो मां के प्रेम के लिए कोई दिन नहीं होता है। मां को ईश्वर का ही अवतार माना जाता है और उनकी पूजा सबसे पहले की जाती है लेकिन एक खास दिन मां के प्रेम के नाम जरूर समर्पित है, जिसे माताएं अपने बच्चों और परिवार के साथ सेलिब्रेट करती हैं।
इस साल मदर्स डे (Mothers Day Wishes in Hindi) पर हम आपके लिए कुछ बाइकर मॉम की कहानियां लेकर आए हैं। दरअसल, मैं यहां बाइकर मॉम का जिक्र इसलिए कर रही हूं क्योंकि ये वो मॉम हैं, जो अपने बच्चों, परिवार और घर की अन्य जिम्मेदारियों के साथ अपने सपने, अपने पैशन को भी फॉलो कर रही हैं। दरअसल, ऐसी कई मॉम होती हैं, जो बच्चे को जन्म देने के बाद अपनी जिंदगी अपने बच्चे को अच्छी परवरिश और अच्छी जिंदगी देने के नाम कर देती है।
इन बाइकर मॉम्स (Biker Moms) की स्टोरी कहीं न कहीं आपको भी इंस्पायर करेगी और उम्मीद दिलाएगी कि आप भी अपने घर, बच्चों और परिवार को संभालने के साथ अपना पैशन, अपना सपना फॉलो कर सकते हैं और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आपका सपना या आपका पैशन क्या है।
वैशाली भगत मास्टर
51 वर्षीय वैशाली भगत मास्टर अब तक अपनी बाइक से पूरा भारत घूम चुकी हैं। वैशाली का बेटा 28 साल का है, जो अमेरिका में सिविल इंजीनियर है। वैशाली ने हमें बताया कि बाइक चलाने के उनके सपने में उनका सबसे बड़ा समर्थक उनका बेटा है, जिसने उन्हें 6 साल पहले अपनी पहली कमाई से बाइक गिफ्ट की थी। वैशाली ने बताया कि उनके बेटे के पढ़ाई के सिलसिले में बाहर जाने के बाद उन्हें अपने बाइक चलाने के सपने और पैशन के लिए दोबारा से समय मिला। उन्होंने यह भी कहा कि, ”इस उम्र में महिलाएं आराम से अपना जीवन व्यतीत करने की सोचती हैं लेकिन 2011 में मैंने अपनी बाइक राइडिंग फिर से शुरू की। 10 साल में मैंने भारत के चारों कोने (उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम) की यात्रा की। मैंने अभी तक 1 लाख किलोमीटर से अधिक बाइक राइडिंग की है लेकिन आज भी मुझे इसमें नए जैसा ही महसूस होता है।”
वैशाली ने कहा कि वह अपने परिवार के समर्थन के कारण ही अपने बाइक राइडिंग (Bike Riding) के सपने को पूरा कर पाई हैं लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि इसमें उन्हें थोड़ी मुश्किलों का सामना भी करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि कई बार अपने घरेलू जीवन, वर्क लाइफ और पैशन के बीच बैलेंस कर पाना काफी मुश्किल होता है। वैशाली ने हमें यह भी बताया कि जब वह लंबी राइड्स पर जाती हैं तो उनके पति उनके हाथ का खाना काफी मिस करते हैं लेकिन वह कुछ दिनों के लिए मेड द्वारा बनाए गए खाना खा कर मैनेज कर लेते हैं। अपने पेशे के बारे में बात करते हुए वैशाली ने कहा कि वह आर्किटेक्ट और किसान हैं और जब वह लंबी राइड्स के लिए जाती हैं तो वह व्हाट्सएप वीडियो कॉल्स के जरिए अपने काम को मैनेज करती हैं।
प्रीति सारस्वत
प्रीति सारस्वत एक मां होने के साथ-साथ आंत्रप्रेन्योर, ट्रैवलर और मोटरसाइक्लिस्ट भी हैं। प्रीति से जब हमने बात की तो उन्होंने बताया कि बेटी 11 साल की है। प्रीति अपने काम, घर और पैशन के बीच बहुत ही अच्छे से सामंजस्य बनाए रखती हैं। वह अपनी बेटी के साथ क्वालिटी टाइम बिताने से लेकर, बाइक राइडिंग करने और साथ में अपनी ट्रैवल एजेंसी का काम भी देखती हैं। इतना ही नहीं 2021 की फोर्ब्स 45 अंडर 45 (इंडिया) द्वारा भी प्रीति सारस्वत को सम्मानित किया गया है। प्रीति सारस्वत से जब हमने पूछा कि वह इस साल लॉकडाउन के बीच मदर्स डे कैसे सेलिब्रेट कर रही हैं तो उन्होंने हमें बताया कि उनकी बेटी ने पूरा वीक उनके लिए कई सारे कार्ड बनाएं हैं और वह लॉकडाउन में अपनी बेटी के साथ अधिक से अधिक समय बिता कर मदर्स डे सेलिब्रेट कर रही हैं।
यहां हम आपको बता दें कि प्रीति सारस्वत सामाजिक स्थितियों पर हमेशा खुलकर अपना पक्ष रखती हैं और समाज में बदलाव के लिए वह कई बाइक राइड्स और रैलियों का हिस्सा रह चुकी हैं। कुछ समय पहले ही प्रीति ने इटावा में मिशन शक्ति राइड आयोजित कराई थी। इसके अलावा फरवरी 2021 में उन्होंन डेटॉल इंडिया, आरबी और प्लैन इंडिया के साथ महाराष्ट्र के कुछ गांव में कुपोषण की जंग के लिए खिलाफ भी एक राइड का आयोजन किया था। इसके अलावा प्रीति इंडिया रनवे के लिए भी वॉक कर चुकी हैं। वहीं वह एक बेहतरीन फोटोग्राफर भी हैं।
मेघा शिसोदिया
मेघा शिसोदिया पेशे से एक फैशन डिजाइनर, एजुकेशनिस्ट, ट्रैवलर, बाइक राइडर और सोशल वर्कर हैं। इसके अलावा मेघा 4 साल के बेटे की मां भी हैं। हालांकि, इतनी सारी जिम्मेदारियां होने के बाद भी वह हमेशा ही बाइक राडिंग को लेकर और बाइक चलाने के अपने पैशन को लेकर बहुत ही उत्साहित रहती हैं। मेघा पिछले 9 सालों से फैशन इंडस्ट्री में काम कर रही हैं और इसके साथ ही वह एजुकेशनिस्ट भी हैं। मेघा से जब हमने पूछा कि वह काम और परिवार की जिम्मेदारियों के बीच कैसे बैलेंस बनाए रखती हैं तो उन्होंने हमें बताया कि इसमें उनका परिवार उन्हें काफी सपोर्ट करता है। इसके बाद जब हमने उनसे पूछा कि वह इसके साथ बाइक राइडिंग के लिए समय कैसे निकालती हैं तो उन्होंने बताया कि, जब वह सिंगल डे राइड्स पर जाती हैं तो उनके पति बेटे को संभालते हैं और जब वह लॉन्ग राइड्स पर जाती हैं तो उनके पेरेंट्स उनके बेटे को संभालते हैं। यहां हम आपको बता दें कि मेघा को अपने काम के सिलसिले में भी काफी ट्रेवल करना पड़ता है और अपनी फैमिली और पेरेंट्स के सपोर्ट के जरिए वह अपनी सभी जिम्मेदारियों को अच्छे से निभा पाती हैं और बाइक राइडिंग के लिए भी समय निकाल पाती हैं।
मेघा, लॉकडाउन के दौरान अपने बेटे के साथ अधिक से अधिक समय बिता रही हैं। वह खाली समय में अपने बेटे को पेंटिंग, योगा, खाना बनाना और साइकिल चलाना सिखाती हैं। मेघा का कहना है कि बच्चे लॉकडाउन की वजह से स्कूल नहीं जा पा रहे हैं और इस वजह से ये समय उनकी स्किल्स को डेवल्प करने के लिए एक दम सही है। इसके अलावा जब हमने मेघा से पूछा कि वह इस साल मदर्स डे कैसे सेलिब्रेट कर रही हैं तो उन्होंने कहा कि वह घर पर ही अपने माता-पिता और बेटे के साथ मदर्स डे सेलिब्रेट करेंगी।
बता दें कि मेघा पिछले एक दशक से बाइक चला रही हैं और अब तक वह बाइक पर 20 स्टेटस कवर कर चुकी हैं। इसके अलावा कुछ समय पहले उन्होंने कुपोषण के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए महाराष्ट्र की बाइक राइड में हिस्सा लिया था, इसमें उन्होंने अन्य 6 महिला राइडर्स के साथ दिल्ली से महाराष्ट्र तक 1600 किलोमीटर बाइक चलाई थी। इसके अलावा मेघा, विकलांग बच्चों के लिए काम करने वाली कई एनजीओ के साथ भी जुड़ी हुई हैं।
तृप्ति सैनी
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तृप्ति सैनी, रुड़की उत्तराखंड से हैं लेकिन फिलहाल वह विशाखापटनम में रह रही हैं। दरअसल, तृप्ति के पति नौसेना अधिकारी हैं और उनका एक 4 वर्षीय बेटा है। एक नौसेना अधिकारी की पत्नी होने के कारण, उनके ऊपर परिवार की काफी अधिक जिम्मेदारियां हैं। इसके अलावा वह कोडिंगल टेक्नोलॉजी में कस्टमर सक्सेस टीम के साथ काम कर रही हैं और उनकी टीम, उनके परिवार की जरूरतों को समझती है और बहुत ही सपोर्टिव है। तृप्ति ने हमें बताया कि केवल उनका परिवार ही नहीं बल्कि वर्कप्लेस पर उनके सहकर्मी भी उन्हें काफी सपोर्ट करते हैं और इस वजह से वह काम और घर की जिम्मेदारियों को अच्छी तरह से निभा पाती हैं। इतना ही नहीं तृप्ति ने इसका श्रेय अपने बेटे को भी दिया, जो केवल 4 वर्ष का है लेकिन फिर भी समझता है कि उसकी मां काम करती हैं और कई बार वह मीटिंग में होती हैं। वह यह भी समझता है कि उसकी मां केवल घर की जिम्मेदारी ही नहीं निभा रही, बल्कि अपने सपने को भी जी रही है।
तृप्ति ने हमें बताया कि वह 14 साल की उम्र से बाइक चला रही हैं लेकिन शादी के बाद उनकी प्रायोरिटी बदल गईं और वह बाइक राइडिंग के अपने सपने को पूरी तरह से भूल गईं। तृप्ति ने हमें यह भी बताया कि जब उनके बेटे का जन्म हुआ तो वह पोस्टपार्टम डिप्रेशन में चली गई थीं और उन्होंने अपना आत्मविश्वास भी खो दिया था। तृप्ति ने कहा, उस वक्त मुझे एहसास हुआ कि खुद का ख्याल रखना कितना जरूरी है और अपने सपने को जीना भी कितना अहम है। इस वजह से मैंने 2018 में अपने लिए बाइक ली और मुझे फिर ऐसा लगने लगा कि मैं 14 साल की हूं। एक मां होने पर मुझे समझ आया कि खुद का ध्यान रखना भी कितना जरूरी है। कुछ लोग मुझे सेल्फिश कहते हैं क्योंकि मेरा बेटा छोटा है और मैं बाइक पर भी अलग-अलग जगह घूमती हूं और मैं काम इसलिए करती हूं क्योंकि मैं चाहती हूं कि मेरी अपनी पहचान हो। इस वजह से अब मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि लोग मेरे बारे में क्या सोचते हैं। मैं वो कर रही हूं, जो मैं हमेशा से करना चाहती थी और मेरा बेटा मेरे साथ है।
तो अगर आप एक मां है और हमारा ये आर्टिकल पढ़ रही हैं तो हम आपसे केवल इतना ही कहना चाहते हैं कि अपने सपने को जीने में कोई बुराई नहीं है और आप ये अपने परिवार की जिम्मेदारियों को निभाते हुए भी कर सकती हैं। सभी माताओं को हमारी तरफ से मदर्स डे की ढेर सारी शुभकामनाएं।
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