किसी भी इंसान का मानसिक स्वास्थ्य उतना ही जरूरी होता है, जितना कि उसका शारीरिक स्वास्थ्य। अपने मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना, शरीर का ध्यान रखना जितना ही अहम होता है। हालांकि, कई बार जिंदगी को संभालते हुए या फिर परिवार को संभालते हुए कुछ लोग अपने मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज कर देते हैं। इसकी वजह से वो मानसिक बीमारी का शिकार हो जाते हैं और इससे लड़ना कई बार काफी मुश्किल हो जाता है। इस वजह से मेंटल हेल्थ डे पर हम यहां 6 ऐसे सेलेब्स के बारे में बताने वाले हैं, जिन्होंने अपने मानसिक स्वास्थ्य के बारे में खुलकर बात की है और लोगों को इंस्पायर भी किया है। इन सेलेब्स ने बताया है कि मानसिक तौर पर बीमार होना उतना ही सामान्य है, जितना कि बुखार या कोई अन्य बीमारी होना।
दीपिका पादुकोण

बॉलीवुड में अपनी मेंटल स्ट्रगल के बारे में बात करने वाली सबसे पहली एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण हैं। उन्होंने खुलकर अपने डिप्रेशन के बारे में बात की थी और ऐसा करते हुए उन्होंने कई लोगों को इंस्पायर भी किया था। 2015 में दीपिका ने अपने डिप्रेशन के बारे में बात की थी। उन्होंने एक टीवी इंटरव्यू में कहा था, मुझे लगता है कि यह स्ट्रेस था और इस वजह से मैंने इसे डाइवर्ट करने के लिए अपने काम पर अधिक ध्यान देना शुरू किया और लोगों के साथ वक्त बिताना शुरू किया। कुछ समय के लिए तो यह काम किया लेकिन नैगिंग सेंसेशन बनी रही। मुझे फॉक्स करने में परेशानी हो रही थी और मैं छोटी सांसे लेने लगी थी और अचानक मैं इसे संभाल नहीं पाई। इतना ही नहीं बाद में दीपिका पादुकोण ने अपनी ऑर्गेनाइजेशन लिव लव लाफ भी शुरू की, जो मेंटल परेशानी से जूझ रहे लोगों की मदद करता है।
विराट कोहली

केवल दीपिका पादुकोण ही नहीं बल्कि विराट कोहली भी ऐसी परिस्थिति का सामना कर चुके हैं। विराट कोहली ने एक इंटरव्यू में अपने इमोशन के बारे में खुलकर बात की थी औऱ मेंटल इलनेस से अपनी लड़ाई के बारे में बताया था। उन्होंने कहा था कि उनकी रीसेंट परेशानियों के कारण उनके मानसिक स्वास्थ्य पर असर हुआ है। किंग कोहली ने कहा था, हाल ही में, ”मुझे एहसास हुआ कि मैं अपनी तीव्रता का थोड़ा दिखावा कर रहा था। मैं खुद को समझाने की कोशिश कर रहा था कि आपमें तीव्रता है। फिर भी, आपका शरीर आपसे इसे छोड़ने के लिए कह रहा है। आपका माइंड मुझसे रुकने और बैक अप लेने के लिए कह रहा है।”
अनुष्का शर्मा

अनुष्का शर्मा भी एन्जाइटी का शिकार हो चुकी हैं। अनुष्का ने 2015 में अपने एक जवाब में लिखा था, ”मुझे एन्जाइटी है और मैं इसका इलाज करा रही हूं। मैं अपनी एन्जाइटी के लिए दवाइयां ले रही हूं और मैं यह क्यों कह रही हूं? क्योंकि यह पूरी तरह से सामान्य है। यह एक बायोलॉजिकल प्रोबल्म है। मेरे परिवार में डिप्रेशन के केस रह चुके हैं। अधिक से अधिक लोगों को इसके बारे में खुलकर बात करनी चाहिए। इसमें कुछ भी शर्मनाक नहीं है या फिर ऐसा जिसे छिपाया जाना चाहिए। अगर आपको नियमित रूप से पेट में दर्द है तो क्या आप डॉक्टर को नहीं दिखाएंगे? यह भी उतना ही आसान है। मैंने इसे अपना मिशन बना लिया है कि मैं इसे शर्मनाक नहीं समझूंगी और लोगों को इसके बारे में एजुकेट करूंगी।”
शाहरुख खान

शाहरुख खान बॉलीवुड के किंग के रूप में जाने जाते हैं लेकिन 2010 में वह भी डिप्रेशन का सामना कर चुके हैं। दरअसल, पठान एक्टर ने बताया था कि उन्हें डिप्रेशन था। उन्होंने कहा था, ”मेरी शोल्डर इंजरी और दर्द के बाद मैं डिप्रेशन में चला गया था लेकिन अब आखिरकार मैं इससे बाहर आ गया हूं। मैं स्वस्थ हूं और पहले से ज्यादा एनर्जेटिक महसूस कर रहा हूं।” उन्होंने आगे कहा, ”जब बात अपने इमोशन्स को शेयर करने की आती है तो मैं बहुत स्ट्रगल करता हूं। मैं बहुत प्राइवेट, शांत और शाई इंसान हूं। मुझे इस पर गर्व नहीं है लेकिन कई बार लोग मुझे मेरे प्यार, दोस्ती, गुस्सा या फिर माफी मांगने के तरीके के कारण मिसअंडरस्टुड कर लेते हैं क्योंकि मेरे अंदर वो स्किल्स नहीं हैं।”
इलियाना डीक्रूज

एक्ट्रेस इलियाना डीक्रूज ने बताया था कि उन्हें body dysmorphia (ऐसी कंडीशन जहां आपकी बॉडी जैसी दिखती है उससे आपको खुशी नहीं मिलती है और आपको अपनी बॉडी में हमेशा कमी नजर आती हैं, इसकी वजह से कॉन्फिडेंस न होना, सोशल एंजाइटी या डिप्रेशन आदि होता है) है। उन्होंने साथ ही यह भी दिखाया था कि एक एक्ट्रेस के लिए भी इंसिक्योर महसूस करना सामान्य है और इसका मतलब ये नहीं है कि आप अपने सपनों या फिर गोल्स को पूरा न करें।
अमाला पॉल

अमाला पॉल एक मशहूर मलयाली एक्ट्रेस हैं जो इंस्टाग्राम पर खुलकर अपनी बात रखती हैं। जनवरी 2020 में अपने पिता की मौत के बाद वह कुछ समय के लिए मुश्किलों का सामना कर रही थीं और उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर इस बारे में खुलकर बात की थी। एक्टर ने माना था कि वह डिप्रेशन में जाने की कगार पर थी और खुद को अपनी मां को खोने वाली थीं। अमाला का कहना है कि टॉप पर पहुंचने की रैट रेस में एक इंसान खुद से प्यार करना भूल जाता है और लोगों को इस तरह से कंडीशन किया जाता है कि वो अपने ट्रॉमा को खुद के अंदर ही रखते हैं और उसके बारे में किसी से बात नहीं करते हैं।