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आप भी नहीं जानते होंगे दिल्ली के बंगला साहिब गुरुद्वारे के बारे में ये 5 बातें

आप भी नहीं जानते होंगे दिल्ली के बंगला साहिब गुरुद्वारे के बारे में ये 5 बातें

 

 

दिल्ली (New Delhi) का बंगला साहिब गुरुद्वारा (Bangla Sahib Gurudwara) देशभर के सबसे बड़े गुरुद्वारों में से एक है। यह गुरुद्वारा न केवल एक श्रद्धालु तीर्थ स्थल है बल्कि राजधानी का सबसे बड़ा पर्यटक आकर्षण भी है। यहां रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह गुरुद्वारा 17वीं शताब्दी में बनाया गया था और आज हम आपको इसके बारे में कुछ ऐसे तथ्य बताने वाले हैं, जिनके बारे में आप शायद ही जानते होंगे। दुनिया के प्रसिद्ध स्मारक
गुरुद्वारा बंगला साहिब पहले एक हवेली थी, जो राजा जयसिंह की थी और उस समय वह राजा थे। इस हवेली को जय सिंह पुरा पैलेस के नाम से जाना जाता था और उस समय यह कनॉट प्लेस नहीं था बल्कि इसे जय सिंह पुरा के नाम से जाना जाता था। 

8 वें सिख गुरु

 

साल 1664 में गुरु हरकृष्ण जो सिखों के 8वें गुरु थे, वह इस हवेली में रहा करते थे। इस साल में कई लोग स्मॉल पॉक्स और क्लोरिया जैसी बीमारियों से जूझ रहे थे। उस दौरान 8वें सिख गुरु ने इस बीमार से सामना कर रहे लोगों की काफी सेवा की थी और इसके लिए वह अपनी हवेली में लोगों को आसरा दिया करते थे। इसके बाद वह भी इस बीमारी का शिकार हो गए और उनकी मृत्यु हो गई। इसके बाद राजा जय सिंह ने यहां कुएं के पास एक छोटा टैंक बनवाया क्योंकि यहां के पानी में हीलिंग प्रॉपर्टीज पाई जाती थीं। इसके बाद राजा जयसिंह ने इस हवेली को 8 वें सिख गुरु के नाम कर दिया। 

सरोवर

अगर आप बंगला साहिब गुरुद्वारा गए हैं तो आपको पता होगा कि यहां एक सरोवर है, जो बहुत ही शांतिपूर्ण जगह का अनुभव कराता है। वहां पर अधिकतर लोगों को एक शांति का अनुभव होता है। माना जाता है कि यहां के पानी में बीमारी को ठीक करने की क्षमता है। देशभर के लोग यहां दर्शन के लिए आते हैं और यहां के सरोवर के पानी को अमृत कहते हैं। 

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रसोई जहां 365 दिन 24 घंटे की जाती है सेवा

हर सिख गुरुद्वारे में दिनभर सेवा के रूप में लंगर कराया जाता है और यहां कोई भी खाना खा सकता है। बंगला साहिब गुरुद्वारे का लंगर घर एक समय में 800 से 900 लोगों को खाना खिलाता है। रिपोर्ट्स की मानें तो यहां रोजाना 35 से 75 हजार लोगों को खाना खिलाया जाता है। 
यहां रोज सुबह 5 बजे से लंगर शुरू हो जाता है और देर रात तक कराया जाता है। किसी को भी लंगर घर से भूखा नहीं भेजा जाता है। साथ ही कोई भी रसोई घर में सेवा करवा सकता है। फिर चाहे रोटी बनाना हो या दाल आदि कुछ भी। कई लोग लंगर घर की रसोई में सेवा करते हैं तो वहीं अन्य लंगर घर में खाना परोसने में मदद करते हैं। 

सबसे सस्ता डायग्नोस्टिक सेंटर

यह गुरुद्वारा हजारों लोगों को रोजाना खाना खिलाता है और हाल ही में यहां पर सबसे सस्ता डायग्नोस्टिक सेंटर शुरू किया गया है, जिसका उद्देश्य गरीब लोगों को सस्ते दामों में स्वास्थ्य सुविधा देना है। मरीज यहां MRI स्कैन केवल 50 रुपये में करा सकते हैं। गुरुद्वारा में किडनी डायलिसिस अस्पताल भी शुरू किया गया है। यहां कैश या फिर बिलिंग काउंटर नहीं है और मरीज मुफ्त में इलाज करा सकते हैं। बाहर से आने वाले लोग दिल्ली के बंगला साहिब गुरुद्वारे में रुक सकते हैं और लंगर घर में खाना खा सकते हैं। 
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04 Jun 2021

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