मैरिड और working होना बहुत सारी चीज़ों का मिला-जुला अहसास है और उसमें से एक अहसास ये भी है कि ‘ये इतना आसान नहीं है।’ क्यों? न ही working होना आसान है और न ही शादी की जिम्मेदारियां निभाना…ऐसे में जब ये दोनों चीजें एक साथ करनी पड़ें तो? कोई नहीं समझ सकता कि ये कितना मुश्किल काम है!! आइये लेते हैं एक क्विक पीक और जानते हैं उन चीज़ों के बारे में जिसे सिर्फ एक शादीशुदा वर्किंग वूमेन ही समझ सकती है।
जहाँ पूरी दुनिया, अकेले में एकदम क्वाइट atmosphere में कांफ्रेंस कॉल्स कर सकती है working woman कभी kitchen से आ रही आवाज़ तो कभी बाई की आवाज से ही जूझती रहती है। और अगर बच्चे हों तो continued नॉइज़ के माहौल में ही वो अपने काम निबटाती है।
इसे कहते हैं घर और ऑफिस साथ-साथ। एक नज़र ग्रोसरी लिस्ट पर तो दूसरी ऑफिसियल to-do पर। ये होता है super एक्टिव working woman का हिसाब-किताब!
hmmm…दूसरों को मल्टी-टास्किंग होने के लिए efforts करने पड़ते हैं जबकि हम कब मल्टी टास्किंग में सुपरहिट हो जाती हैं पता ही नहीं चलता। जब आप working हों, मैरिड हों और अगर mom हों तो आपको खुद ही नहीं पता चलता कि आप क्या कर रही हैं… बच्चे को दूध पिला रही हैं या फिर किसी ऑफिसियल मेल को रिप्लाई कर रही हैं।
वो घंटे- आधे घंटे का मौका Married Working Women को ऑफिस से मिली ऐसी छूट होती है जिसको वो बिना किसी टेंशन के घर के पेंडिंग वर्क जैसे, कभी कुकिंग गैस आर्डर करने, कभी इलेक्ट्रीशियन बुलाने, maid को रात का मेनू बताने जैसे कामों को निबटाने में करती है।
मीटिंग के वो पल जब आप प्रेजेंटेशन नहीं दे रही होती हैं, उस वक़्त आपकी मीटिंग सिर्फ मीटिंग नहीं रहती… बल्कि आपके लिये स्पेशल मौका होता है जब आप उन घरेलु चीज़ों पर concentrate करती हैं जिनको आप आधा छोड़ कर आई थीं। कहिये, जब लोग झपकी लेते हैं, तब भी हमारा दिमाग एक्टिव होता है…
बीत गए वो दिन जब आप वीकेंड का इंतज़ार अपने आप को unwind करने के लिए करती थी। अब वीकेंड का मतलब आपके लिए chilled out होने की जगह पेंडिंग काम को फुर्सत में करने का मौका है…और सारे रिलेटिव्स को ये बताने का कि आपको वो याद हैं। हुंह!
जो लोग ‘सुपर वुमन’ को सिर्फ फैंटसी की बात मानते हैं उन्हें आपकी ज़िन्दगी को थोडा करीब से देखना चाहिए… सच पता चल जाएगा। एक साथ इतने सारे काम निबटाना किसी आम इंसान का काम तो नहीं…
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