अब महिला अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ेंगी तीन तलाक की पीड़िता इशरत जहां
आखिरकार मुस्लिम समाज में अपनी पत्नी को एकसाथ तीन तलाक को ‘द मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स इन मैरिज एक्ट’ (मुस्लिम महिला के शादी के अधिकार का संरक्षण बिल) के तहत अमान्य करार देने वाले विधेयक को लोकसभा में मंजूरी मिल गई। इससे मुस्लिम समाज की महिलाओं में खुशी की लहर है क्योंकि अब एक साथ तीन तलाक देने वाले व्यक्ति को तीन साल की सजा मिलेगी। इसके बाद एक साथ तीन तलाक को अपराध ठहराने वाला विधेयक राज्यसभा में पेश किया जाएगा।
इसी के साथ ही अब इस एक साथ तीन तलाक की अब तक चल रही एकतरफा प्रथा के खिलाफ जंग लड़ने वाली इशरत जहां ने भाजपा का झंडा थाम कर महिला अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ने का तैयारी कर ली है।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की वजह से एक साथ तीन तलाक के खिलाफ हम जैसी पीड़िताओं के हक में यह क्रांतिकारी बिल लाया जा सका है, जिससे मैं बहुत खुश हूं। मैं बीजेपी की महिला शाखा के साथ मिलकर अब महिलाओं के अधिकार की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ूंगी।
इशरत जहां सुप्रीम कोर्ट तक एक साथ तीन तलाक की लड़ाई ले जाने वाली पांच याचिकाकर्ताओं में से एक हैं। इशरत के पति ने दुबई से उन्हें फोन पर तलाक दिया था. इसके बाद इशरत ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
इससे पहले इशरत ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण की। बंगाल भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष लॉकेट चटर्जी का कहना है कि इशरत जहां आर्थिक तंगी से गुजर रही हैं। इसलिए वह केंद्र सरकार से गुजारिश करेंगी कि उन्हें नौकरी दी जाए।
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