कला और संस्कृति में दिलचस्पी रखने वाले प्रॉफेशनल और शौकिया फिल्म निर्माताओं को भारतीय कला एवं संस्कृति की आॅनलाइन विश्वकोष सहपीडिया द्वारा आयोजित एक अनूठे आॅनलाइन हेरिटेज फिल्म फेस्टिवल में अपनी फिल्में शामिल करने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है।
फिल्मों की स्क्रीनिंग एक महीने तक चलने वाले इंडिया हेरिटेज वाॅक फेस्टिवल (आईएचडब्ल्यूएफ) 2018 का हिस्सा होगी। इसका आयोजन यस बैंक के थिंक टैंक यस ग्लोबल इंस्टीट्यूट की इकाई यस कल्चर के साथ सहपीडिया की भागीदारी से किया जा रहा है। इसमें भारतीय उपमहाद्वीप की मूर्त और अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के अनगिनत पहलुओं को दर्शाने वाली डाॅक्यूमेंटरी फिल्मों को शामिल किया जाएगा।
जानी-मानी नृत्यांगना और सीबीएफसी की पूर्व प्रमुख लीला सैमसन समेत कला एवं संस्कृति से जुड़ी प्रमुख हस्तियों की जूरी द्वारा चुनी गई फिल्मों को सहपीडिया के यूट्यूब चैनल पर प्रदर्शित किया जाएगा जहां फरवरी के पूरे महीने में रोजाना एक नई फिल्म रिलीज की जाएगी।
यह फेस्टिवल 16 साल से अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों के लिए खुला है और इसमें 30 मिनट तक की अवधि वाली उन सभी मौलिक फिल्मों को शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है जो एचडी- डीवीडी या ब्लू-रे क्वालिटी की हों। प्रविष्टियां भेजने की अंतिम तिथि 17 जनवरी 2018 है। इसमें 1 जनवरी 2015 से पहले निर्मित फिल्मों को शामिल नहीं किया जाएगा। प्रविष्टियां डीवीडी फाॅर्मेट में डाक द्वारा सहपीडिया कार्यालय, सी-1/3, पहली मंजिल, सफदरजंग डेवलपमेंट एरिया, नई दिल्ली- 110016 के पते पर भेजनी होंगी।
प्रविष्टियां जमा करने के लिए आवेदन पत्र और इससे संबंधी दिशा- निर्देश के बारे में विस्तृत जानकारी आईएचडब्ल्यूएफ 2018 की आधिकारिक वेबसाइट: www.indiaheritagewalkfestival.com पर उपलब्ध है।
सभी प्रविष्टियों के दो चरणों के मूल्यांकन के बाद ही निर्णय किया जाएगा, पहला चरण सहपीडिया की टीम और इसके बाद जूरी का निर्णय होगा।
आॅनलाइन हेरिटेज फिल्म फेस्टिवल फरवरी 2018 में आईएचडब्ल्यूएफ 2018 के लिए निर्धारित कई कार्यक्रमों में से एक प्रमुख कार्यक्रम है। यह एक महीने तक कई शहरों में चलने वाला कार्यक्रम है जिसमें उन शहरों की मूर्त और अमूर्त संस्कृति तथा विरासत से जुड़े लोगों को शामिल किया जाएगा और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता का समारोह आयोजित किया जाएगा।
इस कार्यक्रम में तकरीबन 60 सार्वजनिक आयोजन होंगे जिनमें तकरीबन 20 शहरों में हेरिटेज वाॅक (विशेषज्ञों की थीम, संरक्षण और निर्देशन पर आधारित), बैठकों (वार्ताओं), कार्यशालाओं, प्रदर्शनियों और परिचर्चाओं को शामिल किया गया है। ये सभी कार्यक्रम हमारे देश के सांस्कृतिक ताना- बाना को समृद्ध करने वाली वास्तुकला, खानपान, विरासत, शिल्प, प्रकृति एवं कला जैसे विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित होंगे।
यस बैंक के एमडी और सीईओ तथा यस ग्लोबल इंस्टीट्यूट के चेयरमैन राणा कपूर कहते हैं, “इंडिया हेरिटेज वाॅक फेस्टिवल भारत की विरासत का एक भव्य कार्यक्रम है जो भारत के नागरिकों में न सिर्फ जागरूकता और संरक्षण का भाव भरता है बल्कि देशभर में जवाबदेह पर्यटन को भी बढ़ावा देता है। हेरिटेज टूरिज्म का माॅडल स्थानीय समुदाय के साथ काम करता है और इसमें आत्म गौरव का भाव भरने तथा संपूर्ण विकास को बढ़ावा देने की क्षमता है। इन शहरों में सैर- सपाटा और अन्य कार्यक्रमों के जरिये इसमें शामिल लोग उत्कृष्ट कार्यों के गवाह बन सकते हैं जो ‘आइडिया आॅफ इंडिया’ की झलक दिखाते हैं और एक ठोस पहल के जरिये इनसे लोगों को जोड़ने की संभावना बनाते हैं।”
सहपीडिया के सचिव वैभव चौहान का कहना है, “जो लोग इस फेस्टिवल में शारीरिक रूप से शामिल नहीं हो सकते, उन तक पहुंच बनाने के लिए हम आॅनलाइन फिल्म फेस्टिवल का आयोजन कर रहे हैं। इससे विभिन्न क्षेत्रों के लोग भी जुड़ पाएंगे और हमारी अपेक्षा के मुताबिक कार्यक्रम में विविधता भी आएगी।”