भारतीय महिला मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन (Lovlina Borgohain), जिन्होंने शुरू से ही टोक्यो ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympics 20-2021) में बेहतरीन प्रदर्शन किया और सेमीफाइनल में पहुंच गई। इसके साथ ही उन्होंने कांस्य पदक की जीत तो पक्की ही कर ली थी। हालांकि 4 अगस्त को हुए सेमीफाइनल मुकाबले में लवलीना के पास विश्व चैंपियन तुर्की की मुक्केबाज बुसेनाज सुरमेनेली को हराकर अपने पदक का रंग बदलने का मौका था। लेकिन सुरमेनेली ने लवलीना को 5-0 से हरा दिया और वो फाइनल की रेस से बाहर हो गईं। लेकिन इसके बाद भी लवलीना ने भारत की झोली में एक और कांस्य पदक डाल दिया।
लवलीना की ओलंपिक में शानदार पारी के बाद देश-दुनिया से लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रॉन्ज जीतने पर लवलिना को बधाई दी है। उन्होंने फोन पर बात की और कहा लवलिना की सफलता ने हर भारतीय को गर्व से भर दिया है, खासतौर से असम और नॉर्थ ईस्ट को। साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट भी शेयर किया है।
हालांकि पहली बार ओलिंपिक खेल रहीं भारतीय महिला बॉक्सर लवलिना बोरगोहेन ने सेमीफाइनल मुकाबला हारने के बावजूद इतिहास लिख दिया। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता है। ऐसा करने वाली वो दूसरी महिला बॉक्सर हैं, इससे पहले 2012 में मेरीकॉम ने ब्रॉन्ज जीता था।
सेमीफाइनल मुकाबले के बाद लवलीना ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि उन्हें अच्छा तो नहीं लग रहा है, क्योंकि गोल्ड मेडल के लिए कड़ी मेहनत की थी। मगर वो ब्रॉन्ज मेडल का भी जश्न मनाएंगी। लवलिना ने कहा, ‘मेडल जीतने की खुशी है। जितना सोचा था, उतना नहीं हासिल कर पाई। प्रिपरेशन की बात करें तो प्रॉब्लम हुई थी। यही सोचकर तैयारी की थी कि मुझे सोना चाहिए। हम लोगों को कोविड की वजह से इतनी अच्छी ट्रेनिंग नहीं मिल रही थी। पुणे में ट्रेनिंग की। लड़कों के साथ भी लड़ाई लड़ते थे।’
दरअसल, 69 KG वेट कैटेगरी के इस मुकाबले में लवलिना वर्ल्ड नंबर वन तुर्की की बुसेनाज सुरमेली के खिलाफ लड़ रही थीं। मैच में दोनों मुक्केबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया। लेकिन तुर्की के सुरमेनेली ने फुर्ती से खेल दिखाया और मैच में शुरू से ही दबदबा बनाए रखा। सुरमेनेली का पंच लवलीना को सीधा और एक दम सटीक लक्ष्य पर लगा जिसकी वजह से उन्होंने अधिक अंक बनाए। इसलिए तीनों राउंड में उन्होंने जजों का दिल जीत लिया और मैच 5-0 से जीत लिया। लेकिन वही लवलीना की जीत योग्यता का प्रमाण है और ये नारी शक्ति की दृढ़ता को दिखाती है।
आपको बता दें कि लवलीना ओलंपिक पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय मुक्केबाज और दूसरी महिला मुक्केबाज बन गई हैं। विजेंदर सिंह ने इससे पहले 2008 बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। मैरी कॉम ने 2012 लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। लवलीना ने पहली बार में हीं ओलंपिक में मेडल जीत कर एक उदाहरण पेश किया है।
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