ADVERTISEMENT
home / वेलनेस
क्या-क्या फेस किया इन गर्ल्स ने एग्जाम्स में…  आप अपनी एंग्जाइटी को ऐसे करें कंट्रोल

क्या-क्या फेस किया इन गर्ल्स ने एग्जाम्स में… आप अपनी एंग्जाइटी को ऐसे करें कंट्रोल

स्कूल हो या कॉलेज, सभी जगह आजकल एग्जाम चल रहे हैं। देखते ही देखते पूरा साल न जाने कैसे कट जाता है, पता ही नहीं चलता और आ जाते हैंं फाइनल एग्जाम। जब एग्जाम बिलकुल सिर पर आ जाते हैं तब लगने लगता है कि क्या करें अब…। पूरे साल जो पढ़ा और जो नहीं पढ़ा, वो सब एकदम सिर पर चढ़ा हुआ सा दिखने लगता है। जो पहले से याद कर भी लिया हो, वह भी अब लगने लगता है कि याद नहीं है.. लगने लगता है कि एग्जाम में तो हम कुछ भी नहीं कर पाएंगे। अब क्या करें और ऐसे में दिमाग का पारा भी जब- तब चढ़ जाता है। घर के सारे लोग जहां ऐसे समय पर आपकी पूरी केयर करना चाहते हैं, वहीं आपका गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ा रहता है। समझ ही नहीं आता कि क्या करें। ऐसा सिर्फ स्कूल और कॉलेज के एग्जाम के समय ही नहीं, बल्कि तब भी होता है जब आप किसी प्रतियोगिता की परीक्षा यानि कॉम्पटीशन के लिए एग्जाम देने वाले हों। तो यहां हम आपको कुछ ऐसी ही स्टूडेंट्स से मिलाने वाले हैं जिनके साथ ऐसी स्थितियों में अच्छे की जगह बुरा हो चुका है और हम आपको ऐसी स्थितियों से निपटने के तरीके भी बताएंगे।

जब मेरा ब्रेकअप हो गया था

स्कूल में दसवीं की परीक्षा दे रही मीनल कहती हैं कि हालांकि मैंने पहले से एग्जाम की पूरी तैयारी की हुई थी लेकिन जब बोर्ड के एग्जाम आने वाले थे तब मैं तो बिलकुल ही नर्वस हो गई थी। मैंने अपने घर पर किसी से बात करना ही बंद कर दिया था। जब मेरा बॉयफ्रेंड मुझे कॉल करता था या फिर मैसेज करता था तो मैं कोई जवाब नहीं देती थी या फिर मैं उससे कुछ न कुछ बात पर लड़ाई कर लेती थी। काफी दिनों तक मेरी ऐसी बातों को सहन करने के बाद उसने भी मुझसे बात करना बंद कर दिया। मझे लगता था कि जैसे सारी दुनिया इस वक्त मेरे खिलाफ चल रही है। मुझे लगता था जैसे मैं एग्जाम में कुछ भी सही नहीं कर पाउंगी। पढ़ने बैठती थी तो मुझे लगता था कि मुझे कुछ भी नहीं आता। पता नहीं कैसे दिन थे वो। बाद में जैसे तैसे एग्जाम खत्म हुए और मैं अच्छे नंबरों के साथ पास भी हो गई। एग्जाम के बाद मैंने अपने बॉयफ्रेंड से अपने बिहेवियर के बारे में सॉरी बोला और तब हमारे बीच सब कुछ ठीक हो गया।

Exams anxiety and depression2

जब मुझे डिप्रेशन का सामना करना पड़ा

कॉलेज में पढ़ रही खुशाली बताती हैं कि कॉलेज में अपने पहले साल के दौरान जब एग्जाम होने वाले थे तो मैं डिप्रेशन में चली गई थी। उस पूरे साल मैंने क्या-क्या झेला, मैं बता नहीं सकती। मैं सिर्फ दुखी ही महसूस नहीं करती थी, बल्कि मुझे बहुत गुस्सा भी आने लगा था और यहां तक कि सुसाइड करने के बारे में भी सोचने लगी थी। मामला बिलकुल ही आउट ऑफ कंट्रोल हो गया था। अब लगता है कि कैसे उस वक्त मैं ये भी समझ नहीं पाती थी कि किसी से कैसे बात करनी चाहिए। जब आप डिप्रेशन यानि तनाव में होते हैं तो पॉजिटिविटी के सारे रास्ते खुद ही बंद कर लेते हैं, क्योंकि इससे भी आपको परेशानी होती है। आप क्या कर रहे हैं, आपको ही पता नहीं होता। आप एकदम अकेला महसूस करते हैं और चाहते भी यही हैं कि आप अकेले ही रहें। भगवान का शुक्र है कि ऐसे वक्त में मेरी फैमिली और फ्रेंड्स ने मेरी बहुत मदद की और मैं फाइनली जैसे तैसे डिप्रेशन से बाहर आ पाई।

ADVERTISEMENT

Exams anxiety and depression1

रिज़ल्स से पहले ज्यादा बढ़ गई  एंग्जाइटी

दिल्ली में जॉब कर रही तरन्नुम बताती हैं कि उनके लिए इंजीनियरिंग लाइन में आना ही लाइफ का सबसे बड़ा लक्ष्य था, इसलिए जब उन्होंने इंजीनियरिंग एंट्रेंस के एग्जाम दिये, तब से ज्यादा स्ट्रैस तब हुआ जब रिजल्ट आने वाला था। वे कहती हैं कि मुझे जब एग्जाम देने थे, तब भी टेंशन तो थी, लेकिन यह टेंशन एग्जाम के बाद कुछ ज्यादा ही बढ़ गई। हालांकि मैं उस वक्त किसी भी तरह की रिलेशनशिप में नहीं थी, इसलिए वैसा स्ट्रैस तो नहीं था। ऐसा उस हर व्यक्ति के साथ होता होगा जिसका इंटरेस्ट इंजीनियरिंग में न हो, लेकिन उस पर इंजीनियरिंग करने के लिए दबाव डाला जाए। और अगर आप किसी छोटे शहर से हैं तो पासिंग मार्क्स से काम नहीं चलता, अच्छे मार्क्स लाना भी बहुत जरूरी हो जाता है, क्योंकि आपकी स्टुपिड सोसायटी फिर आपको अच्छी नजरों से नहीं देखती। ऐसे में मैं हमेशा अपने मन में सोचती थी- टेक इट ईजी… और इसने मेरी स्ट्रैस से बाहर निकलने में बहुत मदद की। मैंने ग्रेड्स की चिंता किये बिना कम से कम एग्जाम पास कर लिया। इस बात को अब करीब दो साल बीत चुके हैं और मैंने अब इंजीनियरिंग कम्प्लीट कर ली है। अब अपने पास्ट को मुड़कर देखती हूं तो लगता है कि एग्जाम और रिजल्ट को लेकर मैंने जो स्ट्रगल की, वो कितनी फनी थी। अब मैं अपनी जिंदगी अपनी तरह से जी रही हूं और इसीलिए मेरी लाइफ एक हैप्पी लाइफ है।

क्लासमेट के सुसाइड ने स्ट्रैस बढ़ा दिया

स्कूल में 12वीं का एग्जाम  देने वाली रुचिका का कहना है कि जब पिछले साल मेरे फाइनल बोर्ड के एग्जाम होने वाले थे, उससे करीब एक ही महीने पहले मेरी बस में साथ जाने वाले मेरे क्लासमेट अभिषेक ने सुसाइड कर लिया। ऐसा उसने क्यों किया, यह तो ठीक से पता नहीं लग सका, क्योंकि वो पढ़ने में काफी अच्छा था। वह मेरी ही क्लास में पढ़ता था, लेकिन उसका सेक्शन अलग था। लेकिन उसके सुसाइड से हमारे सभी साथी एक अलग ही तरह के स्ट्रैस में आ गए थे। हर समय पढ़ते वक्त मेरे सामने उसका चेहरा आ जाता था। फिर पढ़ाई का स्ट्रैस और भी बढ़ जाता था। खैर, कैसे भी करके मेरे एग्जाम हुए और मैंने अपने नॉर्मल स्कोर से कुछ कम मार्क्स स्कोर किये।

Exams anxiety and depression3

ADVERTISEMENT

ये तो थे कुछ लड़कियों के स्ट्रैस और एंग्जाइटी से संबंधित कुछ अनुभव।  अब हम आपको एग्जाम के दौरान होने वाले लास्ट मूमेंट स्ट्रैस से बचने के कुछ उपाय बता रहे हैं, जिन्हें फॉलो करने से आपको नहीं होगी एग्जाम एंग्जाइटी-

  • पढ़ाई का एक शेड्यूल बनाएं और उसे फॉलो करें
  • पढ़ाई में मन लगाने के लिए ध्यान या योग करें
  • कम से कम आठ घंटे की नींद जरूर पूरी करें
  • जंकफूड कम से कम खाएं और हैल्दी भोजन करें
  • अपने दिमाग को पढ़ाई के बीच- बीच में कुछ आराम दें
  • मन में पॉजिटिविटी लाएं और निगेटिव बातें करने वाले लोगों से दूर रहें
  • एग्जाम से एक महीने पहले सारा सिलेबस खत्म कर पेपर्स सॉल्व करें
  • एक दिन पहले सिर्फ रिवीज़न करें

इसके अलावा अगर आपको अपनी एग्जाम एंग्जाइटी या स्ट्रैस के बारे में बात करनी हो तो आप संपर्क कर सकते हैं इन स्पेशलिस्ट्स से –

डॉ. समीर पारिख – +91-9811226117

डॉ. संजय चुघ – +91-9811079401

ADVERTISEMENT

डॉ. प्रवीण मलहोत्रा – +91-9811105092

इन्हें भी देखें- 

 
 
16 Feb 2018

Read More

read more articles like this
good points

Read More

read more articles like this
ADVERTISEMENT