सरसों का इस्तेमाल हमारे दैनिक जीवन में आज से नहीं बल्कि बरसों से होता चला आया है। लेकिन हम में से ज्यादातर लोग इसे सिर्फ स्वाद और खाने में डाले जाने वाली एक सामग्री के तौर पर जानते हैं। सरसों का उपयोग भी हम हमेशा खाना बनाने की चीजों में ही करते हैं। सरसों को अंग्रेजी में मस्टर्ड सीड, तमिल और मलयालम में कडूगु, तेलुगु में अवालू, बंगाली में मोहोरी और पंजाबी में राई कहते हैं। दुनिया भर में ये लगभग हर किचन का अहम हिस्सा है। लेकिन क्या आपको पता है कि सरसों के बीज (Sarso Seeds) में ऐसे कई सरसों के औषधीय गुण हैं जो कई रोगों को जड़ से खत्म कर देते हैं। इसके इस्तेमाल से कैंसर, माइग्रेन, अस्थमा, कमर दर्द जैसे रोगों में भी फायदा होता है। तो आइये जानते हैं कि सरसों के बीज (mustard seeds in hindi) किन- किन रोगों से किस तरह से बचाते हैं और क्या हैं इनसे जुड़े दूसरे फायदे…
किन – किन चीजों में होता है सरसों के बीज का इस्तेमाल
इन बीमारियों के लिए औषधि का काम करते हैं सरसों के बीज
भारत में मूंगफली के बाद सरसों दूसरी सबसे महत्वपूर्ण तिलहनी फसल है जो ज्यादातर राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल एवं असम में उगाई जाती है। इसका वैज्ञानिक नाम ब्रेसिका कम्प्रेसटिस होता है। इसमें पीले रंग के फूल लगते हैं जो तने और शाखाओं के ऊपरी भाग में स्थित होते हैं। इसकी फलियां पकने पर फट जाती हैं और बीज जमीन पर गिर जाते हैं। हर फली में सामान्य तौर पर 8 से 10 बीज होते हैं जो भूरे, काले और पीले रंग के होते हैं। कौंच बीज के फायदे और नुकसान
भारतीय परिवारों में सरसों के बीज का इस्तेमाल ज्यादातर किचन में एक स्वाद बढ़ाने वाले मसाले के तौर पर किया जाता है। सरसों के बीज से बनने वाले तेल का उपयोग (sarso ka tel) एक बड़े पैमाने में आमतौर पर खाना पकाने के लिये होता है। वहीं सरसों (mustard in hindi) के बीज को तड़का लगाने व अचार को लंबे समय तक सही बनाए रखने और स्वाद बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यही नहीं, सरसों के बीज के पाउडर का इस्तेमाल गार्निशिंग में भी किया जाता है। आपको पता नहीं होगा कि सरसों के औषधीय गुण कई प्रकार के हैं जिनकी वजह से सरसों का उपयोग ब्यूटी प्रोडक्ट्स और कई रोगों की दवाएं बनाने में भी किया जाता है।
सरसों का बीज हर घर में इस्तेमाल किये जाते हैं। कहीं तेल के रूप में तो कहीं तड़के या फिर अचार में स्वाद बढ़ाने के लिए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये बीज सिर्फ स्वाद बढ़ाने के लिए ही नहीं इस्तेमाल होता है, बल्कि इसके कई हैरान कर देने वाले फायदे (sarson ke fayde) भी हैं। कई हेल्थ प्रॉब्लम्स में सरसों के बीज (mustard seeds in hindi) से बहुत आराम मिलता है। आइए आपको बताते हैं, सरसों का बीज और इसके तेल से जुड़े फायदे। (sarso ka tel)
चुकंदर के स्वास्थ्य लाभ – Health Benefits of Beetroot
सेहत के लिहाज से अच्छा माने जाने वाले सरसों का बीज (mustard seeds in hindi) न केवल हमारी हेल्थ में बल्कि खूबसूरती में भी चार चांद लगाने का काम करते हैं। हेल्दी स्किन चाहिए तो सरसों के बीज का इस्तेमाल करें। आपको इसका रिजल्ट तुरंत ही नजर आ जायेगा। दरअसल, सरसों के बीज में कैरोटिन और लुर्टिन से भरपूर होते हैं और साथ ही इनमें विटामिन A,C और K भरपूर मात्रा में मौजूद होता है। यह सब पोषक तत्व मिलकर इसे एक बेहतर एंटीऑक्सीडेंट बनाते हैं। जो कि चेहरे पर बढ़ती उम्र के असर को धीमा करता है। सरसों के बीज (sarso ka beej) में एंटी फंगल गुण पाये जाते हैं जो स्किन इंफेक्शन को दूर करने के साथ ही आपकी स्किन को हाइड्रेटेड रखने में भी मदद करते हैं। इससे आपकी त्वचा निखरी और तरोताजा दिखाई देती है।
सरसों के बीज में कैरोटिन, जेक्सैंथिन और विटामिन ए, सी और के की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इन सभी विटामिन के कारण यह एक एंटीऑक्सीडेंट की तरह व्यवहार करता है, जो बढ़ती उम्र की निशानियां जैसे झुर्रियां और रिंकल्स को दूर करता है। साथ ही आपको लंबे समय तक जवां बनाये रखने में भी मदद करता है।
वजन कम करने के लिए भी सरसों का बीज काफी फायदेमंद साबित होते हैं। (mustard seed in hindi) चाहे आप इनका सेवन पाउडर के तौर पर करें या फिर अपने भोजन में सिर्फ सरसों का तेल ही इस्तेमाल करें। सरसों कई तरह से वजन कम करने में मददगार साबित होती है। दरअसल, सरसों के बीज में बी कॉम्प्लेक्स विटामिन जैसे फोलेट, नियासिन, थियामिन, और राइबोफ्लेविन होते हैं, जिनसे बॉडी का मेटाबॉलिज्म अच्छा बना रहता है।
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सरसों के बीज बालों के लिए रामबाण औषधि है। (mustard seed in hindi) घने, काले और लंबे बाल चाहिए तो हफ्ते में कम से कम 3 बार सरसों के तेल से सर की मालिश (sarso ka tel) जरूर करें। इससे बाल की ग्रोथ तो अच्छी होती ही है, साथ ही शरीर का ब्लड सर्कुलेशन भी बढ़ता है। सरसों का तेल (sarso ka tel) समय से पहले बाल सफेद हो जाने वाली समस्या को रोककर स्वाभाविक रूप से आपके बालों को काला करने में मदद करता है। साथ ही सरसों के बीज बालों के लिए नैचुरल कंडीशनर का काम करते हैं। इसमें मौजूद फैटी एसिड बालों को अंदर गहराई से कंडीशनिंग करता है और साथ ही यह बालों को चमकदार और घना भी बनाता है।
पीरियड्स के दौरान महिलाओं के लिए सरसों के बीज का उपयोग काफी फायदेमंद साबित होता है। (mustard seed in hindi) इसमें तांबे, लोहे, मैग्नीशियम और सेलेनियम जैसे अनेक पोषक तत्व पाए जाते हैं। इनसे हाई ब्लड प्रेशर और पीरियड्स के दर्द में राहत मिलती है। पीरियड्स के उन 5 दिनों में महिलाओं की हड्डियों को होने वाले नुकसान को रोकने में मदद मिलती है। इसीलिए बड़े- बुजुर्ग पीरियड्स के समय महिलाओं को सरसों का साग खाने की सलाह देते हैं। सरसों का उपयोग हड्डियों में मैग्नीशियम की मात्रा को बढ़ाने में भी होता है और ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को भी कम करने में मदद करता है।
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सरसों के बीज (sarson ke bij) डायबिटीज जैसी लाइफस्टाइल बीमारी से भी मुक्ति दिलाते हैं। एक रिसर्च में ये तथ्य सामने आया है कि सरसों के बीज में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो कि को स्ट्रेस को शरीर पर हावी होने से रोकता है। यही नहीं शोधकर्ता इस बात का भी पता लगा रहे हैं कि सरसों के बीज ग्लूकोज को कैसे कम कर सकता है।
सरसों के बीज (sarson ke bij) में कैंसर को रोकने वाला गुण ग्लूकोजेल ओलेट (glucogel olet) होता है, जो कैंसर वाले ट्यूमर और गांठ के साथ कैंसर कोशिकाओं को बनने से रोकता है। सरसों में फाइटोन्यूट्रिएंट्स (phytonutrients) भी पाया जाता है जो विशेष तौर पर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर से बचाव रोकने में मदद करता है। रोजाना सरसों खाने से कैंसर होने की आशंका कम हो जाती है।
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माइग्रेन का दर्द इतना भयंकर होता है जैसे कोई सिर पर हथौड़े मार रहा हो। यह दर्द सिर के आधे हिस्से में होता है तो कभी-कभी पूरे सिर में भी होने लगता है। ऐसे में सरसों के बीज (sarson ke bij) इस दर्द के लिए रामबाण औषधि के रूप में काम करता है। क्योंकि इसमें मौजूद मैग्नीशियम माइग्रेन की समस्या को कम करने में मदद करता है।
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सरसों के बीज में सेलेनियम और मैग्नीशियम अच्छी मात्रा में पाया जाता है और दोनों ही एंटीइंफ्लेमेटरी होते हैं। सरसों को रोज़ खाने से अस्थमा के मरीज को सांस की बीमारी से राहत मिलती है। सरसों (mustard in hindi) से सर्दी को ठीक करने और सीने में जमे बलगम को बाहर निकलने में भी मदद मिलती है।
गठिया यानि अर्थराइटिस में घुटनों, कूल्हों, हाथ व शरीर के अन्य जोड़ों में दर्द होता है और इंसान चलने- फिरने में लाचार हो जाता है। ऐसे में सरसों के बीज या तेल का इस्तेमाल काफी राहत प्रदान करता है। खासतौर पर रूमेटिक अर्थराइटिस से पीड़ित लोगों को सरसों के तेल की मालिश जरूर करनी चाहिए। सरसों (mustard in hindi) में सेलेनियम और मैग्नीशियम होता है जो इस रोग में फायदा पहुंचाता है।
1- लंबे, घने और काले बालों के लिए हफ्ते में कम से कम 3 बार सरसों के तेल से सर की मालिश जरूर करें। और ध्यान रखें कि तेल लगाने के बाद बालों में प्लास्टिक बैग या गर्म तौलिया लपेट दें, इससे तेल अच्छे से बालों में सोख लिया जाएगा। इसे आधे घंटे के लिए यूं ही छोड़ दें फिर किसी अच्छे शैंपू से धो लें। फिर देखिए कैसे आपके बालों में जान आ जाएगी।
2- कान में दर्द उठ रहा हो या फिर उसमें कीड़ा घुस गया हो तो सरसों के तेल में 2 या 3 लहसुन की कलिया डाल कर तेल को अच्छी तरह से गर्म कर लें। गुनगुना रहने पर रुई के जरिये 2 बूंद कान में डालें। कीड़ा मरकर तेल के साथ बाहर आ जाएगा।
3- पैरों के तलवों में होने वाले दर्द को ठीक करने के लिए सरसों के बीज को लेकर पीस लें। अब इसे गुनगुने पानी में मिलाएं और अपने पैरों को 15 मिनट के लिए डुबो कर रखें। ऐसा करने से आपके तलवों में होने वाला दर्द ठीक हो जाएगा।
4- अगर कमर में दर्द हो रहा है तो सरसों के तेल में अजवाइन, हींग और लहसुन मिलाकर गर्म करें और कमर पर लगा कर हल्के हाथों से मालिश करें। तुरंत आराम मिलेगा।
5- कब्ज़ और पाइल्स की शिकायत रहती है तो इससे छुटकारा पाने के लिए एक चम्मच सरसों के बीज दिन में दो से तीन बार खाएं, इससे कब्ज में आराम मिलेगा।
6- जोड़ों के दर्द से परेशान हैं तो सरसों के तेल में कपूर डालकर गर्म करें या फिर इस तेल से मालिश करें, आराम मिलेगा।
7- मासिक धर्म के दौरान अगर खून का बहाव बहुत ज्यादा हो तो 40 ग्राम सरसों के सूखे बीज लेकर उन्हें पीसकर बारीक पाउडर बना लें। इसमें से 2 ग्राम सरसों के बीज का पाउडर लेकर दिन में तकरीबन दो बार दूध के साथ पीरियड्स से पहले या उस दौरान लें। यह भारी पीरियड्स को रोकने का बहुत ही प्रभावी घरेलू उपाय है।
8- बेसन में सरसों का तेल मिलाकर एक पेस्ट बना लें। इसमें 2 चम्मच दही और नींबू का रस मिला लें। इसे चेहरे पर 15 से 20 मिनट तक रोज लगाने से त्वचा की टैनिंग और काले धब्बे जैसी सारी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है।
9- सरसों के बीज नैचुरल स्क्रब की तरह काम करते हैं। आप इसमें लैवेंडर या गुलाब जल मिलाकर स्क्रब बना सकते हैं। इस स्क्रब का प्रयोग आप चेहरे और डेड स्किन को हटाने के लिए भी कर सकते हैं।
10- सर दर्द हो रहा हो या फिर माइग्रेन की शिकायत हो तो आधा चम्मच सरसों के बीज का पाउडर, 3 चम्मच पानी में घोलकर नाक पर लगाएं। इससे दर्द में राहत मिलती है।
11- गठिया के रोग से परेशान हैं तो सरसों के बीज का 100 ग्राम पाउडर लें। इसमें नमक, और सोडियम बाइकार्बोनेट डालें। अब इन सारी चीज़ों को मिलाकर इनका एक गाढा लेप तैयार कर लें। अब इस लेप को उन जोड़ों पर लगाएं जहां दर्द हो रहा है। कुछ ही समय में आराम मिल जाएगा।
12- सरसों के दानों को पीसकर शहद के साथ चाटने से कफ, खांसी और जुकाम से आराम मिलता है।
13- पायरिया से परेशान हैं तो सरसों के बीज का घरेलू नुस्खा अपनाएं। पिसा हुआ सेंधा नमक सरसों (mustard in hindi) के बीज के पाउडर या फिर तेल में मिलाकर रोजाना मंजन करने से दांतों का हिलना और मसूड़ों से खून आना बंद हो जाता है। दांत साफ और मजबूत हो जाते हैं।
14- गोरी रंगत पाने के लिए सरसों के बीजों को दूध के साथ भून कर, पीस लें| इस पेस्ट को चेहरे पर लगाकर 15 मिनट बाद गुनगुने पानी से चेहरा धो दें। रंग में निखार आ जाएगा।
15- रोजाना सरसों के तले में बना खाना खाने से दिल से संबंधित रोग होने की आशंका कम हो जाती है।
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