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आपके बाल झड़ कर बहुत कम हो गए हैं तो करवाएं हेयर ट्रांसप्लांट, ये है तरीका

आपके बाल झड़ कर बहुत कम हो गए हैं तो करवाएं हेयर ट्रांसप्लांट, ये है तरीका

बालों की कमी की समस्या का सामना ज्यादातर लोगों को 50 वर्ष की उम्र के बाद और कुछ लोगों को इससे पहले भी करना पड़ता है। इनमें से ज्यादातर मामलों की वजह आनुवांशिक होती है। पुरुषों में बालों को पहुंचने वाले नुकसान को मेल पैटर्न हेयर लाॅस कहते हैं। इससे सिर का अगला और ऊपरी हिस्सा ही प्रभावित होता है, लेकिन आजकल महिलाओं में भी हेयर लॉस और यहां तक कि गंजेपन के काफी मामले देखे जा रहे हैं। हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी में सिर के पिछले और अगल बगल के उस हिस्से के बालों को लिया जाता है, जहां गंजेपन वाले क्षेत्रों के मुकाबले आनुवांशिक रूप से मजबूत बाल होते हैं।

Hair Transplant 1

बालों की संख्या नहीं बढ़ती

बाल प्रत्यारोपण खोपड़ी में आपके बाल की कुल संख्या को नहीं बढ़ाता है क्योंकि यहां सिर के पिछले हिस्से से इस तरह से बाल का डिस्ट्रीब्यूशन किया जाता है ताकि गंजेपन वाले हिस्से में भी पर्याप्त मात्रा में बाल दिखाई दें और जिस जगह से बालों को लिया गया है, वह हिस्सा भी खराब न दिखाई दे। हेयर ट्रांसप्लांट यानि बालों के प्रत्यारोपण में इन स्थायी बालों की जड़ों का इस्तेमाल किया जाता हैऔर उन्हें उन जगह पर रोपा जाता है, जहां बाल कम होते हैं या फिर नहीं होते हैं। बालों के प्रत्यारोपण के लिए एफयूटी और एफयूई, दो विधियों का प्रयोग किया जा सकता है।

एफयूटी हेयर ट्रांसप्लांट

एफयूटी हेयर प्रत्यारोपण या स्ट्रिप विधि पुराना तरीका है जिसमें सिर के पिछले हिस्से से बाल वाली त्वचा के एक बारीक अंश को निकालकर ऐसे हिस्से में इस्तेमाल किया जाता है जहां बहुत कम बाल या ना के बराबर बाल होते हैं। सर्जरी की मदद से त्वचा के इस हिस्से को हटाने के बाद सिर की त्वचा को बंद कर दिया जाता है। इस क्षेत्र को तत्काल आसपास के बालों से ढक दिया जाता है। अगले चरण में निकाली गई त्वचा के अंश को विभिन्न छोटे हिस्सों में बांटा जाता है जिसमें एक या कुछ बाल होते हैं। इस्तेमाल किए गए अंशों की संख्या और बालों के प्रकार, गुणवत्ता एवं रंग के साथ उस जगह के आकार पर भी निर्भर करता है जहां इसे प्रत्यारोपित किया जाना है। इसके बाद सर्जन उस क्षेत्र को साफ करते हैं और सुन्न करते हैं जहां बाल को प्रत्यारोपित किया जाना है। एक सुई या छुरी के साथ छेद बनाए जाते हैं और प्रत्येक छिद्र में बहुत ही सावधानी से प्रत्येक बाल को प्रत्यारोपित किया जाता है।

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एफयूई हेयर ट्रांसप्लांट

एफयूई या फाॅलिक्यूलर यूनिट एक्सट्रैक्शन या रूट एक्सट्रैक्शन सबसे कम नुकसानदायक बाल प्रत्यारोपण तकनीक है जिसमें फाॅलिक्यूलर यूनिट ग्राफ्ट (हेयर फाॅलिसल्स) को एक-एक कर मरीज के उस क्षेत्र से निकाला जाता है और इसके बाद एक-एक करके कम बाल वाली जगहों पर प्रत्यारोपित किया जाता है। फॉलिक्यूलर यूनिट एक्सट्रैक्शन  (एफयूई) तकनीक नवीनतम और तेजी से लोकप्रिय होती बाल प्रत्यारोपण तकनीक है। इस विधि में फालिक्यूलर यूनिट्स (बालों की जड़ें) को एक-एक इकाई के तौर पर निकाला जाता है और फिर प्रत्यारोपित किया जाता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि जिस जगह से बाल निकाले जाते हैं वहां न के बराबर दाग धब्बे या निशान मिलते हैं। इन्हें एक पावर टूल की मदद से निकाला जाता है और फिर उस जगह प्रत्यारोपित किया जाता है जहां बाल कम होते हैं। इसका कोई निशान नहीं होता और इसलिए टांकों की भी जरूरत नहीं होती है। जिस जगह से बाल निकाले जाते हैं वह स्थान कुछ ही दिनों के भीतर सामान्य हो जाता है। यह तकनीक उन लोगों के लिए लाभदायक है जो अपने बालों को छोटा रखना चाहते हैं।

हेयर ट्रांसप्लांट का तरीका

Hair Transplant

मरीज को आॅपरेटिंग टेबल पर सिर झुकाकर बैठना होता है। सबसे पहले सिर को साफ किया जाता है और उस जगह एक लोकल एनेस्थीसिया का इस्तेमाल किया जाता है। आपका सर्जन इस सर्जरी से पहले या कुछ दिनों बाद ओरल एंटीबायोटिक दे सकता है। एक बार लोकल एनेस्थीसिया के प्रभावी होने पर सर्जन बारीक माइक्रोपंच का इस्तेमाल कर बालों को निकालता है। उन बालों को सलाइन साॅल्यूशन में सुरक्षित रखा जाता है और इसके बाद इन्हें  प्रत्यारोपित किया जाता है।

परिणाम और सावधानियां

बाल प्रत्यारोपण के बाद आपको दर्द की दवाएं और एंटीबायोटिक कुछ दिनों तक लेनी पड़ सकती हैं। इसके अलावा सर्जन एक या दो दिनों के लिए आपको सिर पर पहनने के लिए एक सर्जिकल ड्रेसिंग देगा। ज्यादातर लोग सर्जरी के दो से पांच दिनों के भीतर ही काम पर लौट जाते हैं। बाल प्रत्यारोपण के नतीजे सामान्य तौर पर संतोषजनक ही रहते हैं। इसके बाद अगर आपके बाल गिरते रहते हैं या फिर आपको मोटे बाल चाहिए होते हैं तो आपको कुछ अतिरिक्त सत्र लेने पड़ते हैं।

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(कॉस्मेटिक और एस्थेटिक सर्जन डॉ. अनूप धीर से बातचीत पर आधारित)

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28 Mar 2018

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