प्रेग्नेंट महिलाओं को खाने से लेकर पीने तक और पहनने से लेकर घूमने तक की लाखों नसीहतें मिलती रहती हैं। इस दौरान उन्हें एक-एक कदम सोचकर रखना पड़ता है। क्या करना है और क्या नहीं करना है, ऐसी कई बातें हैं जिन्हें लेकर गर्भवती महिलाएं कन्फ्यूज रहती हैं। ऐसा ही एक सवाल है क्या प्रेग्नेंसी में हेयर कलर कराना चाहिए या नहीं।
अमूमन हर गर्भवती महिला बालों के ग्रे होने पर कलर कराने का सोचती है। लेकिन, शिशु को कोई नुकसान न हो, इसलिए हेयर कलर का इस्तेमाल करने से बचती हैं। इस लेख में आज हम गर्भावस्था में बालों को डाई करने को लेकर एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं व तमाम वैज्ञानिक पक्षों के बारे में चर्चा कर आपकी इस दुविधा को दूर करने का प्रयास करेंगे।
ज्यादातर हेयर कलर के इस्तेमाल को गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित माना गया है। कुछ अध्ययनों से यह जानकारी मिलती है कि हेयर कलर में मौजूद कैमिकल विषैले नहीं होते हैं। ये माँ और भ्रूण को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचा सकते हैं। हालांकि, इन रिसर्च पेपर की संख्या सीमित है। यही वजह इस बात पर आंख बंद करके भरोसा नहीं किया जा सकता है।
डॉक्टर्स का मानना है कि त्वचा हेयर डाई को शरीर में प्रवेश करने से रोकने में सक्षम होती है। जिन महिलाओं का स्कैल्प हेल्दी होता है, उनका शरीर हेयर कलर में मौजूद केमिकल को एब्सोर्ब नहीं करता है। बावजूद इसके चिकित्सक पहली तिमाही में हेयर डाई का इस्तेमाल करने से मना करते हैं।
दरअसल, पहली तिमाही के दौरान शिशु का तेजी से विकास होता है। इस दौरान शिशु के मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी समेत प्रमुख अंग बनते हैं। शिशु की सुरक्षा को देखते हुए चिकित्सक शुरुआत के 13 सप्ताह तक बालों में हेयर कलर लगाने से मना करते हैं।
यदि आप प्रेग्नेंसी में हेयर कलर कराने का प्लान कर रही हैं, तो नीचे कुछ टिप्स दे रहे हैं। बालों में डाई कराते समय गर्भवती महिलाओं के इनका विशेष ख्याल रखने की जरूरत होती है।
गर्भावस्था में बालों को डाई करना चाहिए या नहीं, इस बात से अब आप अच्छे से वाकिफ हो गई होंगी। गर्भावस्था बहुत नाजुक दौर होता है। इस दौरान हेयर कलर करते समय लेख में दी गई सावधानियों का विशेष ख्याल रखें। हेयर कलर का अधिक इस्तेमाल करने से परहेज करें। किसी भी हेयर डाई को लगाने से पहले पैच टेस्ट करना न भूलें।
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