आज की तेजी से भागती दुनिया में जहां हर मिनट मायने रखता है। बेहतर जीवनशैली के लिए हर कोई संघर्ष कर रहा है। लेकिन अच्छी सेहत एक अच्छी जीवनशैली जीने के लिए उतनी ही महत्वपूर्ण है, और ये आपको स्वस्थ रखता है। चाहे कोई कितनी भी सलाह या आहार का पालन करे। आप जो भी करते हैं, अच्छा या बुरा, आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। बेहतर स्वास्थ के लिए हम अक्सर उन चीजों को फॉलो करते हैं जो हमें आसान लगती हैं, अपनी तरफ लुभाती है या फिर जिनका ऐड हम टीवी, मोबाइल पर अक्सर देखते हैं। लेकिन दूसरी तरफ उन सब्जियों या पौधों को नजरअंदाज कर देते है जिन्हें आसानी से अपने ही घर में लगाया जा सकता है या बाजार में भी आसानी से उपलब्ध हो सकती हैं। इसीलिए यहां हम एक ऐसे ही देसी पौधे गिलोय (giloy benefits in hindi) से आपको परिचित कराने जा रहे हैं, जिसे आयुर्वेद में अमृतकुंभ के नाम से जाना जाता है। गिलोय के पत्ते के फायदे से लेकर उसके तने तक में तमाम औषधीय गुण मौजूद होते है। यहां हम बात करेंगे गिलोय के पत्ते के फायदे और साथ ही गिलोय के फायदे और नुकसान इन हिंदी के बारे में भी। छुईमुई अका लाजवंती के फायदे और नुकसान
गिलोय क्या है? – What is Giloy in Hindi
गिलोय का पौधा भारत, श्रीलंका और म्यांमार की उष्णकटिबंधीय में पाया जाता है। इस पौधे को अमृत भी कहा जाता है क्योंकि इसे औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है। गिलोय को अमृतवल्ली भी कहते हैं क्योंकि ये कभी न सूखने वाली एक बड़ी लता है। इसका तना देखने में रस्सी जैसा लगता है। इसके कोमल तने तथा शाखाओं से जड़े निकलती हैं। इस पर पीले व हरे रंग के फूलों के गुच्छे लगते हैं। इसके पत्ते कोमल तथा पान के आकार के और फल मटर के दाने जैसे होते हैं। गिलोय को गुलवेलसत्त्व कहा जाता है। इस गुलवेली का उल्लेख विभिन्न ग्रंथों में मिलता है। विभिन्न भाषाओं में इन गुलवेली के नाम इस प्रकार हैं –
- मून सीड
- गांचा टिनोस्पोरा
- पालो गदंचा
- गडुची
- गिलोय
- अमृता
- गुलोची
- अमृतबेल
- गुंलवेल
- अमृथावल्ली
- गिलोगुलरिच
- गुलबेल आदि।
गिलोय की सेवन विधि – Giloy Uses in Hindi
हर चीज को खाने का एक तरीका होता है और साथ ही एक नियम भी। क्योंकि हर चीज एक तरह से असर नहीं करती है। अगर आपको गिलोय खाने का तरीका सही नहीं पता है तो इससे आपको फायदा नहीं भी हो सकता है। गिलोय का सेवन रोजाना करना चाहते हैं तो इसके लिए जरूरी है कि आप इसका सेवन उचित मात्रा में ही करें। नहीं तो ये आपको नुकसान भी पंहुचा सकती है। आप गिलोय का सेवन 3 तरीके से कर सकते हैं। गिलोय सत्व, गिलोय जूस या गिलोय स्वरस और गिलोय चूर्ण। तो आइए जानते हैं गिलोय खाने का तरीका यानि कि गिलोय सेवन विधि के बारे में –
गिलोय का जूस
गिलोय रस पीने का तरीका होता है। गठिया आदि रोगों में गिलोय का जूस का रोज सेवन करने से फायदा होता है। गिलोय का जूस बनाने के लिये गिलोय का तना लें और उसे अच्छी तरह से धो कर गर्म पानी में अच्छी तरह से उबाल लें। जब पानी आधा बचे। तो गैंस बंद करके इसे ठंडा होने दें और छान कर एक जग में रख लें। अब रोजाना एक गिलास गिलोय का जूस पी सकते हैं।
गिलोय का काढ़ा
अगर आपको तेज बुखार है तो 3 दिन लगातार गिलोय का काढ़ा पीना फायदेमंद होता है। गिलोय का काढ़ा बनाने के लिए गिलोय के तने का टुकड़ा लें और इसके साथ 4-5 तुलसी की पत्तियां, 2 काली मिर्च, थोड़ी सी कच्ची हल्दी, थोड़ी अदरक, थोड़ी अश्वगंधा डालकर इमामदत्ते में कूट लें। इसके बाद एक बर्तन में 2 गिलास पानी डालकर गर्म करें और इसमें यह कूटी हुई सामग्री डाल दें। अब धीमी आंच में पकने दें। जब पानी आधा बचे। तो गैस बंद करके इसे कप में छान लें और हल्का गुनगुना इसका सेवन करें। यह एक बार में आधा से एक गिलास पिया जा सकता है।
गिलोय की गोली
गिलोय की गोली मार्केट में कई ब्रांड्स में उपलब्ध है। अगर आप कहीं ऐसी जगह रहते हैं जहां पर गिलोय का पौधा नहीं मिल रहा है, वहां आप गिलोय की गोली का सेवन काढ़ा या पर दवाई के तौर पर कर सकते हैं। अपने पाचन तंत्र को फिट रखने के लिए इसका सेवन आप रोजाना भी कर सकते हैं।
गिलोय के फायदे – Giloy Benefits in Hindi
गिलोय तुलसी के फायदे
गिलोय और तुलसी दोनों में ही ऐसे औषधीय गुण पाये जाते हैं, जो हमारी शरीर की इम्यूनिटी को बूस्ट करते हैं। गिलोय तुलसी का साथ में सेवन आप काढ़ा और जूस के तौर पर कर सकते हैं। यह दोनों ही औषधियां एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती हैं, जो शरीर को कई बीमारियों से लड़ने की ताकत देती है।
गिलोय की लकड़ी के फायदे
गिलोय के पेड़ में लकड़ी नहीं होती है। लेकिन गिलोय की तने को ही लकड़ी माना जाता है। यह एक बेल होती है जो जगह के अनुसार फैलती जाती है। गिलोय के पौध की हर चीज बेहद काम ही होती है। इसके पत्ते से लेकर इसके तन तक हर चीज का इस्तेमाल जड़ी-बूटी बनाने में किया जाता है।
गिलोय चूर्ण के फायदे
गिलोय चूर्ण आपको मार्केट में आसानी से मिल जायेगा या फिर आप चाहें तो इसे घर पर भी बना सकते हैं। बार-बार जुकाम, खांसी बुखार से परेशान हैं या फिर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम है तो गिलोय चूर्ण का सेवन रोजाना करें। गिलोय चूर्ण के कई चमत्कारी फायदे होते हैं।
गिलोय जूस के फायदे – Giloy Juice Benefits in Hindi
गिलोय जूस डायबिटीज व हाई ब्लड प्रेशर वाले मरीजों के लिए बेहद अपयोगी औषधि है। ऐसे मरीजों को गिलोय जूस रोजाना पीना चाहिए। इसमें मौजूद एंटीबायोटिक और एंटीवायरल तत्व शरीर में मौजूद अशुद्धियों को दूर करते हैं।
नीम गिलोय तुलसी के फायदे
नीम गिलोय तुलसी तीनों ही अमृत तुल्य औषधियां हैं। इन तीनों का साथ में सेवन करने से जीवनशौली से जुड़े विकारों को दूर किया जा सकता है। साथ तनाव और थकान को कम करने में नीम गिलोय तुलसी के फायदे ही फायदे हैं।
सफेद दाग में गिलोय के फायदे
सफेद दाग में गिलोय काफी कारगर साबित हुआ है। सफेद दाग होने पर 10 से 20 मिलीलीटर गिलोय के रस को रोजाना 2-3 बार कुछ महीनों तक निरंतर सफेद दाग कि जगह पर लगाया जाए तो ये दाग कम हो सकते हैं।
गिलोय से होने वाले दूसरे फायदे – Giloy ke Labh
- गिलोय सत्व, इलायची व वंशलोचन को शहद के साथ लेने पर टी.बी. की बीमारी में फायदा होता है।
- मिर्गी रोग से राहत पाने के लिए गिलोय व पुनर्नवा का काढ़ा बनाकर पीना चाहिए।
- पित्त की प्रॉब्लम से रिलीफ के लिए एक चम्मच गिलोय का चूर्ण, गुड़ के साथ खाएं।
- गिलोय का एक चम्मच चूर्ण मट्ठे के साथ सुबह-शाम लेने से बवासीर में आराम मिलता है।
- गिलोय का एक चम्मच चूर्ण घी के साथ खाने से गैस की परेशानी से छुटकारा मिलता है।
- बांझपन से छुटकारे के लिए गिलोय और अश्वगंधा को दूध में पकाकर रेगुलर लेना अच्छा होता है।
- कब्ज दूर करने के लिए गिलोय का चूर्ण गुड़ के साथ लें।
- यूरिन से रिलेटेड प्रॉब्लम से रिलीफ पाने के लिए गिलोय का काढ़ा काफी फायदेमंद होता है।
- डाइजेशन पॉवर बढ़ाने के लिए आधा ग्राम गिलोय पाउडर आँवला या गुड़ के साथ खाएं।
- हाथ-पैर व शरीर में होने वाली जलन को खत्म करने के लिए गिलोय के रस को नीम के पत्ते और आँवले के साथ काढ़ा बनाकर दिन में दो-तीन बार पीएं।
- कान में दर्द होने पर गिलोय के पत्तों का रस गुनगुना करके डालें, जल्द राहत मिलेगी। इससे कान का मैल भी निकल जाता है।
- उल्टियां होने पर गिलोय के रस में मिश्री या शहद मिलाकर दिन में दो बार पीने से आराम मिलेगा।
पतंजलि गिलोय स्वरस के फायदे
गिलोय के पत्ते के फायदे के बारे में तो आप ने जान ही लिया। लेकिन जिन लोगों को गिलोय का पौधा आसानी से नहीं मिल पाता या फिर काढ़े बनाने में बहुत झंझट लगता है। उनके लिए स्वामी रामदेव ने पतंजलि का गिलोय जूस बनाया है। पतंजलि गिलोय स्वरस कई प्रकार की बीमारियों को दूर रखता है। क्योंकि यह रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करती है और कई विकारों के उपचार के लिए भी इसका सेवन किया जाता है। तो आइए जातने पतंजलि गिलोय स्वरस के फायदे कौन-कौन से हैं –
- पतंजलि गिलोय स्वरस के रोजाना सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और बीमारियों से दूर रहते हैं।
- इससे बढ़ती उम्र के प्रभावों को भी कम किया जा सकता है।
- गिलोय के सेवन से से कैंसर जैसे जानलेवा रोगों में भी लाभ मिलता है। पतंजली आयुर्वेद में अभी कई रोगियों को गिलोय और गेहूं के जवारे के रस से ब्लड कैंसर के रोगियों पर परिक्षण चल रहा है जिसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो रहे हैं।
- पतंजलि गिलोय स्वरस आखों से सबंधित विकारों में भी बेहद लाभकारी है।
- डेंगू व वायरल बुखार आदि में भी गिलोय का जूस पीने से फायदा मिलता है।
- यही नहीं कई तरह के यौन विकारों को दूर करने में भी पतंजलि गिलोय स्वरस कारगर है।
- काली मिर्च और गिलोय के जूस के सेवन से सीने में दर्द से छुटकारा मिलता है।
- अगर किसी को मूत्र त्याग करने में जलन या दर्द की दिक्कत है तो पतंजलि गिलोय स्वरस पीने से लाभ मिलता है।
- गिलोय के पत्तों के रस को मिश्री के साथ लेने पर एसिडिटी में राहत मिलती है।
गिलोय घनवटी के फायदे – Giloy Ghan Vati ke Fayde
गिलोय घनवटी या गिलोय क्वाथ के फायदे बहुत हैं। पंतजलि गिलोय घनवटी विशेष रूप से इम्यून सिस्टम को बढ़ाने व शरीर की रक्षा प्रणाली को चुस्त-दुरुस्त बनाये रखने के लिए उपयोग किया जाता है। चरक संहिता में, गिलोय को रसयंकल्प कहा जाता है। एक रसायन होने के नाते, यह स्फूर्तिदायक और जीवन देने वाला है। इसका उपयोग विभिन्न प्रकार की आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है। जैसा कि संस्कृत में ‘अमृता’ के रूप में उल्लेख किया गया है, इस पौधे में कई औषधीय गुण हैं। गुलाल एक चिरस्थायी बेल है और इसके अनगिनत फायदे हैं। इस बेल का सार निकाला जाता है और इसकी गोलियां या कैप्सूल बनाया जाता है। इसे गुलेल घनवटी भी कहा जाता है। पंतजलि में गिलोय घनवटी के नाम से आती है। जीर्ण ज्वर और सभी प्रकार के बुखार में, पोस्ट-बुखार एनीमिया, पेट फूलना, प्यास, कम प्रतिरक्षा के कारण लगातार बीमारी, भूख न लगना या भूख न लगना, यकृत विकार, पीलिया, खांसी, मधुमेह, त्वचा रोग, उच्च कोलेस्ट्रॉल आदि बीमारियों में गिलोय घनवटी बहुत ही उपयोगी है।
गिलोय के नुकसान
अति तो हर चीज की बुरी होती है। इसीलिए अगर आप गिलोय का सेवन (giloy in hindi) भी तय मात्रा में नहीं करेंगे तो आपको इसके साइड इफेक्ट्स भी झेलने पड़ सकते हैं। इसलिए हमेशा गिलोय का सेवन उचित मात्रा में ही करें। यह पौधा कितना फायदेमंद है? हमने ये तो जान लिया, लेकिन कुछ मामलों में, इसका सेवन हानिकारक है या इसके दुष्प्रभाव दिखाई देते हैं। आइए जानते हैं गिलोय के नुकसान के बारे में –
- गर्भावस्था के दौरान गिलोय का सेवन करने से नुकसान हो सकता है।
- गिलोय डायबिटीज के रोग में फायदेमंद है और इसे कम करता है। इसलिए जिन्हें लो डायबिटीज की शिकायत हो, उन्हें गिलोय रस पीने के नुकसान हो सकते हैं।
- यदि अगर किसी व्यक्ति की कोई हाल ही में सर्जरी या ऑपरेशन हुआ हो तो उसे भी गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए।
- स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी गिलोय का काढ़ा नहीं पीना चाहिए। ये उनके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।
- इसके अत्यधिक सेवन से पिंपल्स और एक्ने की भी समस्या हो सकती है।
गिलोय के सेवन से जुड़े सवाल-जवाब
गिलोय का सेवन बुखार के दौरान करना फायदेमंद माना जाता है। लेकिन आप चाहें तो इसे नियमित रूप से पानी के साथ उबाल कर पी सकते हैं। इससे स्वास्थ्य और सौंदर्य दोनों ही बेहतर बने रहते हैं।
अगर आप बुखार उतारने के लिए गिलोय का काढ़ा का सेवन कर रहे हैं तो इसे तीन दिन तक ले सकते हैं। अगर बुखार के अलावा दूसरे किसी कारण से पी रहे हैं तो इसे हफ्ते में 3 से 4 बार पी सकते हैं।
गिलोय के पत्ते बेहद लाभकारी (giloy benefits in) होते हैं इसे आप शहद के साथ पीस खा पी सकते हैं। गिलोय के पत्ते का उपयोग कई तरह की जड़ी-बूटी बनाने में भी किया जाता है।
लगभग सभी तरह के बुखार जैसे डेंगू, स्वाइन फ्लू, चिकनगुनिया आदि से बचाव के साथ इनसे होने वाले साइड इफेक्ट से राहत दिलाने में गिलोय का रस महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
गिलोय की तासीर बहुत गर्म होती है। इसीलिए सर्दियों की तुलना में इसका सेवन गर्मियों सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। गिलोय लगभग सभी तरह के ज्वर यानी फीवर और सर्दी-जुकाम में लाभदायक होता है।
गिलोय का उपयोग आयुर्वेद में कई बीमारियों को ठीक करने हेतु किया जाता है। गिलोय के पत्ते और तने को सुखाकर इसका पाउडर बनाया जाता है और इसे काढ़े के रूप में इस्तेमाल करते हैं।
गिलोय और त्रिफला के चूर्ण को सुबह-शाम शहद के साथ लेने से मोटापा कम होने लगता है या गिलोय, हरड़, बहेड़ा, आंवले का काढ़ा बनाकर शिलाजीत के साथ रेगुलर पीने पर भी बढ़ता मोटापा रुक कर धीरे- धीरे कम हो जाता है।
गिलोय में एक-दो नहीं बल्कि बहुत से औषधीय गुण पाये जाते हैं। इसकी छाल, जड़, तना और पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट्स, कैल्शियम, फॉस्फोरस, प्रोटीन और अन्य न्यूट्रिएंट्स पाये जाते हैं।
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