पैनिक अटैक यानि बार-बार घबराहट होना (ghabrahat hona)। घबराहट (panic meaning in hindi) एक ऐसी चीज़ है, जो कभी भी किसी को भी हो सकती है। फिर चाहे वो किसी बात को सोच-सोच कर हो, किसी के ख्याल से हो या फिर तनाव और डर के चलते हो। मगर जब यही घबराहट बार-बार होने लगे तो इसे कतई हल्के में नहीं लेना चाहिए। क्योंकि तब यही घबराहट पैनिक अटैक का रूप ले लेती है। बहुत से लोगों को अपने जीवनकाल में सिर्फ एक या दो पैनिक अटैक होते हैं, और समस्या दूर हो जाती है, शायद तब जब तनावपूर्ण स्थिति समाप्त हो जाती है। लेकिन अगर आपको बार-बार, अप्रत्याशित पैनिक अटैक आए हैं और एक और हमले के लगातार डर में लंबे समय तक रहे हैं, तो आपको पैनिक डिसऑर्डर नामक स्थिति हो सकती है। आज हम आपको घबराहट से जुड़ी हर जानकारी देने जा रहे हैं। इस कड़ी में सबसे पहले यह जान लेते हैं कि आखिर पैनिक अटैक क्या होता है (panic attack meaning in hindi)। पैरों में जलन का घरेलू उपाय
पैनिक अटैक अचानक, भय, घबराहट या चिंता के कारण होता है। ये न सिर्फ शारीरिक रूप से बल्कि भावनात्मक रूप से भी नुकसान पहुंचाते हैं। अगर आपको पैनिक अटैक होता है, तो आप पा सकते हैं कि आपको सांस लेने में कठिनाई हो रही है, आपको बहुत पसीना आता है और आप कांपते हैं, और आप अपने दिल की धड़कन को महसूस कर सकते हैं। पैनिक अटैक के दौरान कुछ लोगों को सीने में दर्द और वास्तविकता या खुद से अलग होने की भावना का भी अनुभव होगा, इसलिए वे सोच सकते हैं कि उन्हें दिल का दौरा पड़ रहा है। bechaini hona ghabrahat hona इन सब के दौरान आप सोच सकते हैं कि आप खुद पर से नियंत्रण खो रहे हैं, दिल का दौरा पड़ रहा है या फिर मर भी रहे हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि panic attack kyu aata hai यानि घबराहट होने के कारण क्या हैं?
पैनिक अटैक यानि घबराहट होने के कारण कई हो सकते हैं और कभी-कभी ये बिना किसी स्पष्ट कारण के होते हैं। फिर भी यहां बताये गए कुछ कारणों के चलते पैनिक अटैक हो सकते हैं।
– पैनिक डिसऑर्डर होना
– एंग्जायटी डिसऑर्डर होना
– किसी डिसऑर्डर की दवा के चलते
– अतिसक्रिय थायराइड आदि होने के चलते
– मनोविकृति होने के कारण
पैनिक अटैक अक्सर तब होता है जब आप किसी ट्रिगर के संपर्क में आते हैं, लेकिन ट्रिगर लोगों के बीच व्यापक रूप से भिन्न होते हैं। कुछ मामलों में, कोई स्पष्ट ट्रिगर नहीं हो सकता है। यह ट्रिगर निम्न कारणों के चलते हो सकते हैं-
– सामाजिक घटनाओं
– सार्वजनिक रूप से बोलना
– टकराव
– ऐसी परिस्थितियां जो आपको आपके जीवन में अतीत या वर्तमान तनाव की याद दिलाती हैं।
घबराहट के लक्षण (panic attack symptoms in hindi) बिना किसी चेतावनी के शुरू हो जाते हैं, और मिनटों में चरम पर पहुंच जाते हैं। अगर आपको पैनिक अटैक है, तो यहां कुछ लक्षण दिए गए हैं जिनका आप अनुभव कर सकते हैं-
– एक तेज़ दिल, धड़कन, या तेज़ दिल की दर
– पसीना आना
– हिलना या कांपना
– सांस लेने में कठिनाई या ऐसा महसूस होना जैसे कि आपका दम घुट रहा हो
– सीने में दर्द या बेचैनी
– मतली या पेट खराब
– चक्कर आना, हल्का-हल्का, या बेहोशी महसूस करना
– अस्थिर महसूस करना
– ठंड लगना या गर्मी महसूस होना
– स्तब्ध हो जाना या झुनझुनी होना
– भावनाएं झूठी लगना मानो चीजें असत्य हैं
– अपने आप से अलग महसूस करना।
– नियंत्रण खोने का डर या “पागल हो जाना”
– मरने का डर
पैनिक अटैक (panic meaning in hindi) डरावने हो सकते हैं और आपको जल्दी मार सकते हैं। हम यहां आपको घबराहट रोकने का तरीका (panic attack treatment in hindi) बता रहे हैं, जिसका उपयोग आप पैनिक अटैक को रोकने या प्रबंधित करने के लिए कर सकते हैं। ये कुछ पल में आपकी मदद कर सकते हैं, जबकि इनमें से कुछ लंबी अवधि में मदद कर सकते हैं।
गहरी सांस लेने से हमले के दौरान घबराहट के लक्षण कम हो सकते हैं। गहरी सांस लेने के कई प्रभाव हो सकते हैं। यह विश्राम, आराम और सतर्कता की भावनाओं में सुधार कर सकता है और उत्तेजना संबंधी चिंता, अवसाद, क्रोध और भ्रम के लक्षणों को कम कर सकता है। अगर आप अपनी सांस को नियंत्रित करने में सक्षम हैं, तो आपको हाइपरवेंटीलेटिंग का अनुभव होने की संभावना कम होती है, जो पैनिक अटैक के लक्षण को बदतर बना सकता है। इसके लिए अपने मुंह से गहरी सांस अंदर और बाहर लेने पर ध्यान दें, महसूस करें कि हवा धीरे-धीरे आपकी छाती और पेट को भरती है और फिर धीरे-धीरे उन्हें फिर से छोड़ दें। चार तक गिनने के लिए साँस लें, एक सेकंड के लिए रुकें और फिर चार की गिनती में सांस छोड़ें।
कुछ पैनिक अटैक ट्रिगर्स से आते हैं जो आप पर हावी हो जाते हैं। यदि आप बहुत अधिक उत्तेजना वाले तेज़-तर्रार वातावरण में हैं, तो यह आपके पैनिक अटैक को बढ़ावा दे सकते हैं। उत्तेजनाओं को कम करने के लिए, अपने पैनिक अटैक के दौरान अपनी आंखें बंद कर लें। यह किसी भी अतिरिक्त उत्तेजना को रोक सकता है और आपके सांस पर ध्यान केंद्रित करना आसान बना सकता है।
सकारात्मक सोच यानि पॉजिटिव थिंकिंग काफी हद तक पैनिक अटैक को कम कर सकती है। ज्यादातर मामलों में घबराहट नकारात्मक सोच के चलते होती है। हमारा मन और दिमाग जब बिना किसी कारण गलत सोचने लग जाता है या फिर अपने आप ही होने वाली घटनाओं को इमैजिन करने लग जाता है तो पैनिक अटैक आते हैं। ऐसे में बेहतर होगा अपनी सोच को सकारात्मक रखें और कुछ भी ऊट-पटांग सोचने से बचे।
प्राणायाम शरीर और मन को शांत रखने का काम करता है। इससे तनाव दूर करने में भी मदद मिलती है। प्राणायाम करने के लिए आप आलती-पालती मार कर बैठ जाएं और आंखें बंद कर धीमी और गहरी सांसें लें। इस दौरान छाती से सांस लेने के बजाय अपने पेट से सांस लें। यह प्रक्रिया आपके मन को शांत रखेगी और किसी भी तरह की घबराहट को आपसे दूर रखेगी।
किसी भी तरह के तनाव को खुद से दूर रखें। इस बात से सभी वाकिफ हैं कि आजकल की लाइफस्टाइल में तनाव होना एक आम बात है। फिर वो तनाव पर्सनल लाइफ से लेकर प्रोफेशनल लाइफ तक किसी भी तरह का हो सकता है। बढ़ते तनाव के चलते अक्सर पैनिक अटैक आ जाते हैं। यही वजह है कि आपको कम से कम तनाव लेने की कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए आप दूसरी गतिविधियों में अपना मन लगा सकते हैं। जैसे अपनी पसंद का कोई और काम करें अपनी हॉबी फॉलो करें आदि।
कहते हैं चिंता चिता समान होती है। यह चिता अपने मन की होती है, जिसमें शरीर भी अंदर ही अंदर जल कर राख होता रहता है। ऐसे में चिंता करने के बजाय बेहतर होगा आप लोगों से मिले-जुलें। अपने दोस्तों व परिवारजनों के साथ समय बिताएं। उनके साथ कहीं बाहर घूमने जाएं। ऐसा करने पर आप पाएंगे कि धीरे-धीरे ही सही लेकिन आप अपनी घबराहट पर काबू पा रहे हैं।
जब भी आपको घबराहट या पैनिक अटैक महसूस हों, अपना ध्यान भटकाने की कोशिश करें। इसके लिए आप अपने किसी प्रियजन से फ़ोन पर बात कर सकते हैं, सोशल मीडिया सर्फिंग कर सकते हैं या फिर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपने पसंद का शो या फिल्म देख सकते हैं। अगर इससे भी मन न भरे तो आप गार्डनिंग कर सकते हैं या फिर यूं ही खुद के साथ कही टहलने निकल जाएं।
हमारा दिमाग अक्सर उन बातों के बारे में ज्यादा सोचता है, जो हमें लगता है कि अधिक महत्वपूर्ण हैं। कई मामलों में हम ये बातें किसी के साथ शेयर भी नहीं कर पाते। ऐसे में अपने विचारों को शब्दों का रूप देकर लिखना एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। विचारों को लिखना या लिखने की आदत बनाना एक अच्छी आदत है। क्योंकि ऐसा करने पर विचार आपके दिमाग से स्वतः ही कलम के ज़रिये किसी और तक पहुंच जाते हैं और आपका मन हल्का प्रतीत होता है। ऐसे में अच्छा होगा अपने लिए एक डायरी खरीदें और मन में उठने वाले सवालों से लेकर नकारात्मक और सकारात्मक विचारों को उसमें लिख दें और अपना मन हल्का कर लें।
जब घबराहट की समस्या यानि पैनिक अटैक बढ़ने लगें तो बेहतर होगा आप एक अच्छे से डॉक्टर को दिखाकर उनसे परामर्श (panic attack treatment in hindi) ले लें। पैनिक अटैक का होम्योपैथिक इलाज भी होता है। आप चाहें तो वो भी कर सकते हैं। डॉक्टर को दिखा लेने से यह फायदा है कि आपको अपनी समस्याओं का सटीक इलाज मिल जायेगा। और कई बार हम जो बातें खुद से भी नहीं कर पाते वो अपने डॉक्टर के साथ कर लेते हैं।
योग एक ऐसी गतिविधि है जो वास्तव में एक बेहतरीन घबराहट रोकने का तरीका है। इसके अतिरिक्त, योग तनाव को कम करने, घबराहट की भावनाओं को कम करने और बनाने में मदद करने के लिए जाना जाता है। योग ताकत बढ़ाने, संतुलन में सुधार और लचीलेपन को बढ़ाकर शरीर को नवीनीकृत करने का एक लोकप्रिय तरीका बन गया है। पैनिक डिसऑर्डर से पीड़ित लोगों के लिए नकारात्मक सोच और लगातार चिंताएं आम हैं। मैडिटेशन और सांस पर ध्यान केंद्रित करने से चिंता और भय को दूर करने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा वृक्षासन, ताड़ासन, वज्रासन, शशांकासन, शवासन, उत्तानपादासन, मकरासन जैसे कुछ आसन अनुलोम-विलोम जैसे प्राणायाम के साथ नियमित रूप से, सभी नकारात्मक विचारों और मन की थकान को दूर करने में मदद मिलती है। यह कहना गलत नहीं होगा कि पैनिक अटैक के लिए योग एक बेहतर विकल्प है।
सवाल- घबराहट की दवा क्या है?
जवाब- Zyrex Calmrex टैबलेट- 60 टैबलेट घबराहट की दवाओं में से एक है।
सवाल- घबराहट होने पर क्या करना चाहिए?
जवाब- घबराहट महसूस होने पैर आंखें बंद कर गहरी सांसें लें और मन से नकारात्मक विचारों को दूर करने की कोशिश करें।
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