बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध ने मानवता के कल्याण के साथ-साथ सदैव मनुष्यों को अहिंसा और सत्य का मार्ग दिखाया। गौतम बुद्ध ने पूरे विश्व में अपने ज्ञान की रोशनी फैलाई। बुद्ध के अनुयायियों का मानना है कि उनके बताए गए रास्तों पर चलने से कोई भी व्यक्ति जीवन में सुख समृद्धि और सफलता हासिल कर सकता है। कुछ मान्यताओं के अनुसार बुद्ध, भगवान विष्णु के 9वें अवतार माने जाते हैं। तो चलिए जानते हैं कौन थे गौतम बुद्ध और कैसे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई। बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर आप भी अपने जानने वालों और परिजनों के साथ गौतम बुद्ध सुविचार और बुद्ध पूर्णिमा सन्देश शेयर कर सकते हैं। बुद्ध के विचार और उपदेश मन को शांति देने वाले है। कहते है जीवन में सत्य और सही मार्ग अपनाने में अगर किसी समय कोई कठनाई आये तो हर व्यक्ति को एक बार बुद्ध के विचार जरूर पढ़ने चाहिए।
गौतम बुद्ध कौन थे? – Gautam Buddha Kaun the
गौतम बुद्ध का जन्म लुंबिनी में 563 ईसा पूर्व इक्ष्वाकु वंशीय क्षत्रिय शाक्य कुल के राजा शुद्धोधन के यहाँ हुआ था। उनकी मां का नाम महामाया था, जिनका निधन बुद्ध के जन्म के सात दिन बाद ही हो गया था। जब गौतम बुद्ध 29 वर्ष की आयु के हुए तो उन्होंने राजपाठ का मोह त्याग कर वन की ओर ज्ञान की तलाश में निकल गए थे। यह फैसला उनके जीवन का सबसे अनमोल फैसला था। ज्ञान की प्राप्ति का अर्थ है जीवन के सही मायनों को समझना और सदा सच का निर्वहन करते हुए अपने कर्तव्यों को पूरा करना।
Gautam Buddha Kaun the
गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति कब हुई? – Gautam Buddha History in Hindi
गृह (घर) त्याग करने के बाद बुद्ध ने कई वर्षों तक बोध गया (बिहार) में बोधि वृक्ष के नीचे कठोर साधना की तब जा कर उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और वे सिद्धार्थ गौतम से भगवान बुद्ध बन गए। अगर इतिहास की तरफ नजर डालें तो बुद्ध के प्रथम गुरु आलार कलाम थे,जिनसे उन्होंने संन्यास काल में शिक्षा प्राप्त की। गौतम बुद्ध ने जीवन में कड़े संघर्ष किये तब जाकर ज्ञान की प्राप्ति हुई।
Gautam Buddha History in Hindi
भगवान बुद्ध द्वारा दिया गया ज्ञान – Buddha Gyan in Hindi
भगवान बुद्ध ने मुख्यत: लोगों को मध्यम मार्ग का उपदेश किया। उन्होंने कहा ऐसे मार्ग को हमेशा चुनो जो आपको बीच का रास्ता दिखाए। उन्होंने कहा कि दुःख, उसके कारण और निवारण के लिए अष्टांगिक मार्ग सुझाया। उन्होंने अहिंसा का मार्ग दिखाया। अपने ज्ञान में उन्होंने हमेशा यज्ञ और पशु-बलि की निंदा की। सदा सच कहने और सही करने का सन्देश दिया। बुद्ध के उपदेशों का सार इस प्रकार है
- महात्मा बुद्ध ने सनातन धर्म के कुछ संकल्पनाओं का प्रचार किया जैसे गायत्री मंत्र
- ध्यान तथा अन्तर्दृष्टि
- मध्यमार्ग का अनुसरण
- चार आर्य सत्य
- अष्टांग मार्ग
Buddha Gyan in Hindi
भगवान बुद्ध से जुड़ी प्रेरणादायक कहानी – Buddha Stories in Hindi
बहुत समय पहले एक बार भगवान बुद्ध वन में घूम रह रहे थे तब एक भिक्षुक चक्षुपाल भगवान से मिलने आए। चक्षुपाल नेत्रहीन थे मगर स्वाभाव से उनके गुणों की चर्चा हर तरफ थी। एक बार अन्य भिक्षुओं ने चक्षुपाल की कुटिया के बाहर मरे हुए कीड़ों को देख उनकी निंदा करनी शुरू कर दी। कि उन्होंने इन जीवित प्राणियों की हत्या की।
तब बुद्ध ने सभी निंदा करने वाले भिक्षुकों को अपने पास बुलाया और पूछा कि क्या तुमने भिक्षु को कीड़े मारते हुए देखा है। उन्होंने उत्तर दिया- नहीं। इस पर भगवान बुद्ध ने उन साधकों से कहा कि जैसे तुमने उन्हें कीड़ों को मारते हुए नहीं देखा वैसे ही चक्षुपाल ने भी उन्हें मरते हुए नहीं देखा और उन्होंने कीड़ों को जान बूझकर नहीं मारा। ऐसे में उनकी निंदा करना गलत होगा। तब क्रोध में भिक्षुओं ने जवाब दिया जरूर उन्होनें कोई पाप किये होंगे इसलिए वह अंधे हैं। भगवान बुद्ध ने भिक्षुओं को जवाब देते हुए बताया चक्षुपाल पूर्व जन्म में एक चिकित्सक थे।
एक अंधी स्त्री ने उनसे वादा किया था कि यदि वे उसकी आंखें ठीक कर देंगे तो वह और उसका परिवार उनके दास बन जाएंगे। मगर आँख ठीक होने के बाद स्त्री दास बनने से इंकार करने लगी। तब उसे सबक सिखाने के लिए चक्षुपाल ने उसकी आँखों में दूसरी दवा डाल दी जिससे महिला फिर अंधी हो गई। उसके बाद महिला ने बहुत विलाप किया मगर चक्षुपाल जरा भी नहीं पसीजा। जिसके फलस्वरूप अगले जन्म में उन्हें अंधा बनना पड़ा।
Buddha Stories in Hindi
परिश्रम और धैर्य से जुड़ी बुद्ध की कहानी – Gautum Buddh ki Kahani
एक बार भगवान बुद्ध अपने अनुयायियों के साथ किसी गांव में उपदेश देने जा रहे थे। उस गांव के पूरे रस्ते में उन लोगों को जगह-जगह बहुत सारे गड्ढे खुदे हुए मिले। बुद्ध के एक शिष्य ने उन गड्ढों को देखकर कहा इस तरह गड्ढे़ का खुदे होने का तात्पर्य क्या है? बुद्ध बोले, पानी की तलाश में किसी व्यक्ति ने इतने गड्ढे खोदे है। अगर वह धैर्यपूर्वक एक ही जगह पर गड्ढे़ खोदता तो उसे पानी जरूर मिलता। हर व्यक्ति को परिश्रम करने के साथ धैर्य भी रखना चाहिए। जीवन में किसी भी काम में सफल होने के लिए परिश्रम के साथ-साथ धैर्य भी जरूरी है।
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