महिला प्रधान फिल्म बनाने वाली जानीमानी निर्देशक कल्पना लाजमी का मात्र 64 साल की उम्र में रविवार को निधन हो गया। कल्पना सालभर से किडनी के कैंसर से पीड़ित थी और कुछ बॉलीवुड सेलिब्रिटीज़ की मदद से धीरुबाई अंबानी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। पिछले काफी समय से वे किडनी के कैंसर से ग्रस्त थी और तीन महीने से उनकी तबियत ज्यादा खराब थी। कल्पना की मां ललिता लाजमी आर्टिस्ट थी जबकि प्रसिद्ध निर्देशक गुरुदत्त उनके चाचा थे।
भूपेन हजारिका की थीं पार्टनर
हालांकि नजदीकी लोगों को मालूम थी, लेकिन पब्लिक में यह बात कल्पना लाजमी की मृत्यु के बाद ही उजागर हुई है कि वो पिछले 40 सालों से मशहूर गायक- निर्देशक भूपेन हजारिका की पार्टनर रहीं हैं। बताया जाता है कि जब कल्पना लाजमी भूपेन हजारिका से पहली बार मिलीं थी, तब उनकी उम्र मात्र 17 साल थी और भूपेन हजारिका 45 साल के थे।
कल्पना लाजमी ने बताई थी अपने प्यार की दास्तान
कल्पना लाजमी ने अपने एक संस्मरण में लिखा था कि रूढ़िवादी समाज में विशेष और अनोखी उनकी प्रेम कहानी लोगों के लिए प्रेरणा का काम कर सकती है। उनके अनुसार भूपेन हजारिका भी चाहते थे कि उनकी और कल्पना लाजमी की प्रेम कहानी लोगों के सामने आए। अपनी आत्मकथा ‘भूपेन हजारिका : एस आई न्यू हिम’ में कल्पना लाजमी ने कहा है, ‘‘मेरी उनके साथ नजरें मिलीं, और पहली नजर में ही प्यार हो गया … इसका प्रतिबिंब मैंने 40 साल बाद भी मैंने उसकी आंखों में देखा जब उनके जीवन की रोशनी बुझने वाली थी।’
महिला प्रधान फिल्में
कल्पना लाजमी ने श्याम बेनेगल के साथ बतौर सहायक निर्देशक काम शुरू किया था और एक निर्देशक के रूप में उन्होंने 1986 में पहली फिल्म बनाई थी- एक पल। इस फिल्म में शबाना आजमी और नसीरुद्दीन शाह प्रमुख भूमिकाओं में थे। इस फिल्म में प्रोडक्शन और स्क्रीनप्ले राइटिंग भी कल्पना लाजमी ने किया था। कल्पना लाजमी ने ज्यादातर फिल्में महिलाओं की समस्याओं पर बनाईं, जिनमें ‘एक पल, रुदाली, चिंगारी जैसी फिल्में बेहद खास हैं। लेकिन वर्ष 2006 के बाद उन्होंने किसी भी फिल्म का निर्देशन नहीं किया। यहां जानें उनकी दूसरी कुछ प्रमुख फिल्मों के बारे में –
1. रुदाली (1993)
फिल्म रुदाली में कल्पना लाजमी ने राजस्थान में रोने का पेशेवर काम करने वाली रुदालियों की जिंदगी की त्रासदी बखूबी बयां की है। फिल्म की कहानी शनीचरी नाम की एक औरत (डिंपल कपाड़िया) की जिंदगी को दर्शाती है जिसके जन्म के बाद उसकी मां भी उसे छोड़कर चली गई थी। उसकी पूरी जिंदगी दुर्भाग्य के इर्द- गिर्द चलती है। महाश्वेता देवी के कथानक पर बनी इस फिल्म रुदाली के लिए कल्पना लाजमी को 1993 में राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। इसी फिल्म के लिए डिंपल कपाड़िया को भी सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का नेशनल अवॉर्ड मिला। डिंपल के अलावा फिल्म में प्रमुख भूमिकाएं बॉलीवुड एक्टर्स राखी, राज बब्बर, अमजद खान ने निभाई थीं। इसके अलावा 66वें अकादमी अवॉर्ड्स में फिल्म ‘रुदाली’ को बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म कैटेगरी में भी एंट्री मिली थी। देखिये यह फिल्म –
2. दरम्यान: In Between (1997)
यह फिल्म जीनत बेगम (किरन खेर) नाम की एक महिला के इर्द गिर्द घूमती है जो एक फिल्म एक्ट्रेस है। उसका एक बेटा भी है जो एक हिजड़ा है और शर्म की वजह से उसे वह अपना छोटा भाई बताती है। साथ ही उसका इश्क एक सुपर स्टार के साथ है। लेकिन जब यह सुपरस्टार जीनत को छोड़कर एक नई एक्ट्रेस के प्यार में पड़ जाता है तो ज़ीनत डिप्रेशन में चली जाती है और शराब का सहारा लेती है। उसका करियर भी खत्म हो जाता है। बाकी आप फिल्म में खुद ही देख सकते हैं! यहां देखिये यह पूरी फिल्म –
3.दमन (2001)
दमन में कल्पना लाजमी ने घरेलू हिंसा या कहें कि वैवाहिक हिंसा को अपनी फिल्म का मुद्दा बनाया है। इस फिल्म का मुख्य किरदार रवीना टंडन ने निभाया था जिसमें दुर्गा सैकिया के रोल के लिए उनको बेस्ट एक्ट्रेस का नेशनल फिल्म अवॉर्ड मिला था। इस फिल्म को भारत सरकार ने खुद डिस्ट्रीब्यूट किया था। देखें यह फिल्म –
4. चिंगारी (2006)
चिंगारी फिल्म बेसिकली एक लव स्टोरी है, लेकिन यह एक आम लव स्टोरी नहीं है। यह लव स्टोरी है एक वेश्या और एक पुजारी की। साथ ही एक पढ़े लिखे युवा की जो एक आदर्श युवक है और गांव की राजनीति में फंस जाता है। देखें इस फिल्म का प्रमुख पार्ट –
इन्हें भी देखें –
अपनी शर्तों पर जीने वाली लड़कियों और महिला सेक्सुएलिटी पर बनी टॉप 10 बॉलीवुड फिल्म
30 नॉटी और सेक्सी हिंदी फिल्में, जिन्हें आप ‘उनके’ साथ कर सकती हैं एंजॉय !!
बहुत पसंद की गई हैं सच्ची घटनाओं पर बनीं ये टॉप 15 बॉलीवुड फिल्में