प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को फलों व हरी सब्जियों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। लेकिन बात जब फलों का राजा आम की करें, तो इसे लेकर कई महिलाओं के मन में संशय की स्थिति बनी रहती है। कुछ लोग प्रेग्नेंसी में आम का सेवन करना सुरक्षित मानते हैं, वहीं कुछ इसको आहार में शामिल करने से मना करते हैं। यही वजह है इस लेख में विस्तार से जानेंगे कि गर्भावस्था में आम का सेवन करना चाहिए या नहीं।
गर्भवती महिला को भ्रूण के बेहतर विकास के लिए पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करने की सलाह दी जाती है। वहीं आम में फोलेट, आयरन, विटामिन-ए व कैल्शियम आदि पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो गर्भवती के लिए आवश्यक माने जाते हैं।
इसके अलावा, चूहों पर किए गए एक शोध में गर्भावस्था में इस बात की जानकारी मिलती है कि आम का सेवन करने से भ्रूण की हड्डियों व दांतों के विकास में मदद होती है। साथ ही आम में विटामिन-ए की मात्रा पाई जाती है। इस वजह से कई आहार विशेषज्ञ गर्भवती को सीमित मात्रा में आम का सेवन करने की सलाह देते हैं। इन तथ्यों को देखते हुए प्रेग्नेंसी में आम का सेवन सुरक्षित माना जा सकता है।
नीचे क्रमानुसार गर्भावस्था में आम का सेवन करने के फायदों के बारे में बता रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं:
गर्भवती महिलाओं के लिए विटामिन-ए को आवश्यक माना जाता है। वहीं, आम विटामिन-ए से समृद्ध होता है। बता दें, विटामिन ए गर्भवती महिला की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ
आम में विटामिन-सी, ए और ई जैसे महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। ये सभी एंटीऑक्सीडेंट प्रेग्नेंट महिलाओं को कई बीमारियों से सुरक्षा कवच प्रदान करते हैं। ऐसे में प्रेग्नेंसी के दौरान आम का सेवन लाभकारी साबित हो सकता है।
गर्भवती महिलाओं को एनीमिया का जोखिम अधिक होता है। यही वजह है चिकित्सक उन्हें आयरन युक्त आहार का सेवन करने की सलाह देत हैं। बात करें आम की तो इसमें आयरन की मात्रा पाई जाती है। इसके अलावा, इसमें विटामिन-सी भी होता है, जो आयरन के अवशोषण में सहायक भूमिका निभाता है। ऐसे में आम का सेवन करने से गर्भवती में काफी हद तक एनीमिया होने की संभावना कम हो सकती है।
गर्भावस्था के दौरान कब्ज की समस्या होना नॉर्मल है। आम का सेवन इस परेशानी से काफी हद तक राहत दिला सकता है। दरअसल, इसमें डाइट्री फाइबर होता है, जो पाचन के सुधार में अहम भूमिका निभाता है। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि प्रेग्नेंसी में आम का सेवन कब्ज से राहत प्रदान कर सकता है।
गर्भावस्था की पहली तिमाही के दौरान ज्यादातर महिलाओं को उल्टी, जी मिचलाना आदि परेशानी होती है। आम का सेवन मॉर्निंग सिकनेस के इन लक्षणों को काफी हद तक कम कर सकता है। इसके पीछे इसमें मौजूद विटामिन-बी 6 को प्रभावकारी माना जा सकता है।
वैसे तो गर्भावस्था में सीमित मात्रा में आम का सेवन सुरक्षित माना जाता है, परंतु कुछ स्थितियों में यह नुकसान का कारण बन सकता है। किन स्थितियों में गर्भवती को आम का सेवन करने से परहेज करना चाहिए, नीचे उसी के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
गर्भावस्था में आम खाने की मात्रा के बारे में बात करें, तो दिनभर में आप करीबन आधा कटोरी कटा हुआ आम ले सकती हैं। इसकी अधिक मात्रा लेने से इसलिए मना किया जाता है क्योंकि इसमें कैलोरी अधिक होती है। हर किसी की गर्भावस्था अलग होती है। इसलिए गर्भवती महिलाओं के लिए बेहतर होगा कि आम का सेवन करने से पहले एक बार चिकित्सक से परामर्श करें।
प्रेग्नेंसी में आम का सीमित मात्रा में सेवन करना चाहिए, यह तो आप जान चुके हैं। परंतु, इसका सेवन करते समय कुछ विशेष बातों का ख्याल रखने की जरूरत होती है।
इस लेख में आपने जाना कि गर्भावस्था में आम का सेवन कितनी मात्रा में करना चाहिए। साथ ही इसका सेवन करते समय किन एहतियात को बरतना चाहिए। लेख में दी गई बातों का विशेष ध्यान रखते हुए गर्भवती अपने आहार में सीमित मात्रा में आम को शामिल कर सकती है। यदि आम का सेवन करते समय किसी तरह का साइड इफेक्ट नजर आए, तो तुरंत इसका सेवन बंद कर दें व चिकित्सक से परामर्श करें।
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