डायपर रैशेज शिशुओं और छोटे बच्चों में होने वाली बहुत कॉमन प्रॉब्लम है। माँ जितना भी ध्यान क्यों न रखें, लेकिन बच्चे की स्किन इतनी सेंसिटिव होती है कि कभी न कभी वो इसकी चपेट में आ ही जाते हैं।
बच्चे के लिए यह स्थिति काफी तकलीफदेह भरी होती है, जिसे देख हर माता-पिता परेशान हो जाते हैं। इस लेख में डायपर रैशेज से बचाव के लिए कुछ अहम बातों के बारे में जानेंगे। साथ ही यदि बच्चा डायपर रैशेज से परेशान है, तो इसके लिए भी कुछ कारगर उपायों के बारे में जानेंगे।
शिशु को डायपर रैशेज से बचाकर रखने के लिए पेरेंट्स को निम्नलिखित बातों का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। चलिए जानते हैं छोटे बच्चों को डायपर रैशेज से बचाने के असरदार उपाय क्या हैं।
बच्चों के डायपर रैशेज होने का मुख्य कारणों में से एक है समय पर डायपर न बदलना। अगर बच्चा लंबे समय तक गीले डायपर में रहता है, तो इससे बच्चे को रैशेज की शिकायत होती है। ऐसे में पेरेंट्स को बच्चे का डायपर समय-समय पर चेक करते रहना चाहिए। गीला होने पर डायपर को तुरंत बदल दें।
डायपर बदलते समय शिशु के गुप्तांगों की सफाई करना न भूलें। पहले वाला डायपर उतारने के बाद शिशु के डायपर एरिया की त्वचा को वाटर-बेस्ड और डर्मेटोलॉजिस्ट टेस्टेड वाइप्स से साफ करें। वाइप्स में बैम्बू वाटर होगा तो सोने पर सुहागा। बैम्बू वाटर में कई जरूरी मिनरल्स के साथ प्राकृतिक फ्लेवोनोइड्स मौजूद होते हैं। ये त्वचा पर शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करते हैं। तुरंत बच्चे को दूसरा डायपर पहनाने की बजाय कुछ देर शिशु को ऐसे ही छोड़ दें। जब बच्चे का डायपर एरिया पूरी तरह से सूख जाएं, तब उन्हें डायपर क्रीम लगाएं।
बेबी वाइप्स से शिशु की त्वचा को साफ करने के बाद जब त्वचा सूख जाए तो बारी आती है डायपर रैशेज क्रीम लगाने की। शिशु के लिए हमेशा डर्मेटोलॉजिस्ट टेस्टेड जिंक ऑक्साइड युक्त डायपर क्रीम का चुनाव करें। यह शिशु की त्वचा सॉफ्ट बनाकर रखने के साथ जलन की समस्या से बचाव करती है। साथ ही, बैक्टीरिया को पनपने से रोकती है। इसलिए, शिशु को दूसरा डायपर पहनाने से पहले डायपर एरिया की त्वचा पर डायपर रैशेज क्रीम जरूर लगाएं।
शिशु को रैशेज हो भी जाते हैं, तो उनकी स्किन पर डायपर रैश क्रीम (Babychakra Diaper Rash Cream) लगाना फायदेमंद होगा। यह क्रीम डर्मेटोलॉजिकली टेस्टेड है। इस क्रीम में जिंक ऑक्साइड के साथ ऑर्गेनिक मोरिंगा ऑयल, कैलेंड्यूला ऑयल, ऑर्गेनिक शिया बटर, नीम ऑयल और कैमोमाइल ऑयल के गुण हैं। ये सभी नेचुरल पदार्थ बच्चे की रैशेज की समस्या को दूर करने के साथ उनकी स्किन को सॉफ्ट बनाते हैं।
शिशु के लिए डायपर लेते समय सही साइज का चुनाव करें। डायपर हमेशा थोड़ा ढीला होना चाहिए। कुछ माता-पिता लीकेज न हो, इसके लिए फीटिंग वाले डायपर का चयन करते हैं। इससे बच्चे की स्किन को हवा पास होने की जगह नहीं मिलती। इससे भी शिशु को डायपर रैशेज होने का जोखिम होता है।
इसलिए, शिशु के लिए हमेशा थोड़ा ढीला डायपर लेने की सलाह दी जाती है। इससे शिशु के डायपर एरिया की त्वचा को सांस लेने और हवा पास होने का स्पेस मिल सके।
पेरेंट्स को बच्चों के लिए डायपर खरीदते समय उनकी क्वालिटी पर गौर करना चाहिए। डायपर लंबे समय तक बच्चे की स्किन के संपर्क में रहता है। बच्चे की त्वचा को डायपर से किसी तरह का नुकसान न पहुंचे, इसके लिए सस्ते की बजाय अच्छी क्वालिटी वाले डायपर खरीदें। बेहतर होगा कि शिशु के लिए सॉफ्ट, फ्लफी और सुपर एब्जॉर्ब क्वालिटी वाले डायपर का चुनाव करें।
लेख में ऊपर आपने डायपर रैशेज से बचाव के लिए जरूरी टिप्स के बारे में जाना। शिशु को अगर डायपर रैशेज हो भी गए हैं, तो उन्हें किस तरह की रैशेज क्रीम लेनी चाहिए, लेख में आपको यह भी बताया गया है। बस ध्यान रखें कि हर शिशु की त्वचा अलग होती है। इसलिए किसी भी बेबी रैशेज क्रीम का इस्तेमाल करने से पहले पैच टेस्ट जरूर करना न भूलें।
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