स्कूल के दिन कितने कूल होते हैं न! क्लास 8th के बाद 9th में ही जाना है ये पता होता है, 12th तक तो इसकी कोई टेंशन ही नहीं होती कि आगे कहां पढ़ना है या क्या करना है। उसके बाद फ़ाइनली ग्रेजुएशन में एडमिशन और फिर..?? फिर सारी दुनिया आपके पीछे, खासकर वो लोग जो आपसे युगों-युग पहले मिले और दोबारा आपको मुंह दिखाने ही नहीं आए। तब आपके पैरेंट्स कैसे पीछे रहें? वो तो इसे अपनी प्रायोरिटी समझते हैं क्योंकि ये आपके करियर का सबसे खास टाइम होता है और उनके लिए ये जानना बहुत ज़रूरी है कि उनकी लाडली आगे क्या करने वाली है। ऐसे में अगर आप अपने करियर को लेकर कंफ्यूज़ हैं तो आपकी वाट लगने ही वाली है। हम लाए हैं उन्हीं डायलॉग की लिस्ट जो हमारे ग्रेजुएट होते ही हमें पैरेंट्स सुनाने लगते हैं।
1. आगे क्या करना है ?
सोचना है डैडी, सोचने देंगे तब तो पता चलेगा। क्या पता सरप्राइज़ हो !!!
2. अभी और पढ़ने का प्लान है या जॉब का सोचा है?
प्लान सिचुएशन के हिसाब से होता है, आप जितनी जल्दी सब कुछ चाहते हैं उसके हिसाब से सब फ्लॉप नज़र आ रहा है।
3. तुम्हारे कॉलेज का प्लेसमेंट तो अच्छा रहा, फिर क्या हुआ?
फिर यही हुआ कि मेरा प्लेसमेंट नहीं हुआ, समझ गए आप?
4. शर्मा जी की बेटी को 8 लाख का पैकेज मिल रहा है, तुम्हारे साथ ही पढ़ती थी न?
पढ़ती तो मेरे साथ मेहता जी की भी बेटी थी, फेल हो गई..उसके बारे में भी बोलिए। अब नहीं बोलेंगे, कंपेरिज़न करने से फ़ुर्सत मिले तब न। जान ले लो बच्चे की।
5. ग्रेजुएशन के पहले तो कहती थी खूब स्कोप है इस कोर्स का..
पागल थी, इसलिए कहती थी। तीन साल में अगर मैं ग्रेजुएट हो सकती हूं तो क्या दुनिया वहीं की वहीं रहेगी?
6. इतनी उम्मीदों से पढ़ाया था, देखते हैं क्या होता है आगे।
आप तसल्ली देना बंद कीजिए, शायद अब ग्रेजुएशन के बाद कुछ हो ही जाए।
7. अभी से जॉब!! सोच लो, फिर आगे पढ़ाई मुश्किल हो जाएगी
ग्रेजुएशन के बाद पढ़ना ही नहीं है तो मुश्किल क्या होगी, आपको कुछ पता भी है।
8. तुम्हारी बुआ भी पूछ रही थी कि आगे क्या सोचा है तुमने ?
जो आज तक ये पूछने नहीं आए कि आपकी बेटी ज़िंदा है या मर गई, उन्हें अचानक से फिक्र सताने लगती है। सोशल न्यूज़ अपडेशन भी ज़रूरी है यार।
9. हमें तो यही पता है कि गवर्नमेंट जॉब से बेहतर कुछ नहीं होता, एकसाथ लाइफ़ सेट।
ज़रूरी नहीं कि हमारी पसंद मैच करे डैड, हो सकता है मुझे पूरी लाइफ़ एक ही छत के नीचे एक ही चेयर पर बैठकर जॉब करना न पसंद हो।
10. बैंक, SSC या UPSC के एग्ज़ाम्स क्यों नहीं ट्राइ करतीं?
…क्योंकि ग्रेजुएशन के बाद इंजीनियरिंग, मेडिकल, बैंक और एडमिनिस्ट्रेशन के अलावा भी बहुत कुछ है जिसमें आपकी जेनेरेशन ने इंट्रेस्ट नहीं लिया।
11. जो सही लगता है वो करो..लेकिन आगे का सोच लेना, फिर पछताना न पड़े।
थैंक्स, अगर आप ऐसा नहीं कहते तो मैं बिना सोचे-समझे ही डिसाइड कर लेती, अब तो सोचना ही पड़ेगा। Huh!
12. जॉब में इतना टाइम लगेगा तो शादी कब होगी?
हां, अब तो आपको लग रहा होगा कि मेरी शादी की ‘उम्र’ हो गयी है। आप लोगों ने ग्रेजुएशन को माइक्रोवेव समझ रखा है, गर्म होते ही “रेडी टू सर्व”.. अभी-अभी तो कॉलेज से बाहर आयी हूं। आप थोड़ा टाइम देना सीखिए, प्लीज़! और मैं आपको शिकायत का मौका नहीं दूंगी।
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