जानेमाने फैशन डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी ने निलया के नाम से वॉल कवरिंग रेंज लॉन्च की है जिसके लिए उन्होंने बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के साथ शूट कराया है। लगता है कि यह रेंज सब्यसाची के दिल के बेहद करीब है, तभी तो उन्होंने निलया की रेंज के हर वीडियो के साथ अपनी यादें भी शेयर की हैं। सब्यसाची के बचपन से जुड़ी कुछ बातें दीपिका पादुकोण के वीडियो के साथ हम यहां आपके साथ शेयर कर रहे हैं।
टाइगर से जुड़ी यादें
इस वीडियो के साथ सब्यसाची ने अपने बचपन की टाइगर से जुड़ी कुछ यादें शेयर की हैं। वे लिखते हैं कि उन्होंने सबसे पहले टाइगर कोलकाता के जू यानि चिड़ियाघर में देखा था। वह दिसंबर की सुबह थी और टाइगर सीधे उनकी आंखों में निडर होकर देख रहा था। वे कहते हैं, मैंने अपने पिता से पूछा कि क्या अपने हल्दी वाले पॉपकॉर्न उसे देना ठीक रहेगा। तब मैं छह साल का था। तब हमें नहीं मालूम था कि वह हमारी जिंदगी का जरूरी हिस्सा बन जाएगा। इसके बाद 2014 में रॉयल बंगाल टाइगर मेरा ब्रांड लोगो बन गया। तब से वह हमारी बेल्ट्स, बैग्स, पॉटरी और अब निलया वॉलपेपर पर दिख रहा है।
बचपन की यादें
सब्यसाची कहते हैं कि अगर आप उस वक्त बंगाल में रहे हो, जब मैं सत्तर और अस्सी के दशक के बीच वहां पला- बढ़ा, तो आपको पता होगा कि कंज्यूमर ही डिजाइनर हुआ करता था। मैं घंटों अपनी मां और उनकी सहेलियों को ऑरगेंडी साड़ी पर फ्रेम चढ़ाकर हेंड पेंटेड खूबसूरत फूल बनाते देखा करता था। अक्सर उनकी साड़ी के ये फूल उनके बालों में लगे फूलों से मैच किया करते थे। अगर आप स्टाइल की बात करें, तो यह मेरी मां और उनकी बंगाल आर्ट स्कूल की सहेलियों को को मेरी श्रद्धांजलि है। उनके पास जिस चीज की भी कमी होती थी, उसे अपनी कल्पना से पूरा कर दिया करती थीं और यही ट्रू आर्ट ऑफ ड्रेसिंग वेल और गुड हाउसकीपिंग है।
उत्तरी कोलकाला की याद
सब्यसाची को उत्तरी कोलकाता हमेशा आकर्षित करता था। वहां की घुमावदार सड़कें और संकरी गलियों से अक्सर ‘पैराडाइज़ लॉस्ट’ का अहसास होता था। हम्बल टी स्टाल, खत्म होती बुक बाइंडिंग फैक्टरी और सरसों के तेल की प्रेसरीज़ जमींदारों के पुराने पैलेस और संगीत के पुराने कमरे के लिए रास्ता बनाती थी। यह सरासर सुखवादी अधिकतमवाद में एक सबक है।
पूरी तरह से देर से दोपहर धूप में घूमते हुए कपड़ों के कफन में घिरे हुए ओस्लर और बैकारट शेंडेलर, क्रेंकी केबिनेट पर देवोंशर चाइना होल्डिंग और इन सबके बीच एक सिल्वर साल्वर में खूबसूरती से रखा लाइफबॉय सोप। महान यूरोपीय और बंगाली कलाकारों के काम एकसाथ सांप्रदायिक सद्भाव से एक फार्मा कंपनी के कैलेंडर के साथ मौजूद हैं। साथ में एक तेंदुए और फ़ुजी रंग का ब्लैक और व्हाइट परिवार का एक पोर्ट्रेट चित्रित किया गया है।
आंगन में एक तोता और एक कुक्कू एकसाथ चहक रहे हैं। दीवारों से धूल हटाती उंगलियां, ताकि एक और खजाना मिले। पेरिस से एक हैंड पेंटेड पेंट वॉलपेपर जो 18 कैरेट सोने से मढ़ा हुआ है और आप सोचते हैं कि आप इस शहर को जानते हैं।
सब्यसाची का पहला अपार्टमेंट
वर्ष 2002 में, सब्यसाची ने अपने पहले अपार्टमेंट को किराये पर लिया और अपने टेलर्स और पैटर्न मास्टर्स के साथ वहां पहुंच गए। यह अपार्टमेंट 1000 वर्गफीट में बना हुआ था। यही उनका घर, फैक्टरी और अटेली बन गया। इस अपार्टमेंट की दीवारों को उन्होंने बंगाल रेड यानी लाल रंग से रंग दिया, जिसपर फूलों के मोटिफ थे और जिंदगी के पेड़ों से प्रेरित पत्तियां थीं।
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