दीपिका पादुकोण की गिनती बॉलीवुड की नम्बर वन और सबसे ज्यादा कमाने वाली अदाकाराओं में होती है। 2007 में ‘ओम शान्ति ओम’ से अपने करियर की शुरूआत करने वाली दीपिका ने बहुत कम समय में ‘पीकू’, ‘बाजीराव मस्तानी’ और पद्मावत जैसी फिल्में करके दर्शकों का दिल जीत लिया है। लेकिन दीपिका का काम सिर्फ फिल्मों तक ही सीमित नहीं है। बहुत कम ही लोगों को पता होगा कि दीपिका ने साल 2015 में मेन्टल हेल्थ अवयरनेस यानि मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता के लिये ‘लिव लव लाॅफ’ फांउडेशन शुरू किया था, जो तब से अब तक लोगों को अवसाद और मानसिक स्वास्थ्य संबंधित हर तरह की सहायता दे रहा है।
फाउंडेशन के एक ईवेंट में दीपिका ने माना था कि एक समय में उन्होंने काफी समय तक मानसिक रूप से अवसाद का सामना किया है और इसीलिए उन्हें पता है कि जो व्यक्ति इससे जूझ रहा हो, उसके साथ हमदर्दी रखना और उसकी बात को ध्यान से सुनना कितना जरूरी है। उन्होंने कहा कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य यानि अवसाद को देखने का नजरिया बहुत ही खराब है। अगर कोई अवसाद से जूझ रहा हो और डॉक्टर से सलाह लेने जाए तो उसे कोई रोगी नहीं, बल्कि पागल ही मान लिया जाता है। यहां तक कि अगर कोई इस स्थिति से जूझ रहा हो तो वह स्वयं भी इसीलिए डॉक्टर के पास नहीं जाता क्योंकि उसे लगता है कि लोग उसे पागल समझेंगे। दीपिका ने बताया कि इसीलिए उन्होंने इस फाउंडेशन को शुरू किया है, ताकि लोगों में जागरूकता पैदा हो और मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति को लोग पागल न समझ कर बीमार ही समझें।
आखिर क्या है डिप्रेशन
आज डिप्रेशन यानि अवसाद दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली बीमारियों में से एक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि हर पांच में से एक भारतीय अपने जीवन में कभी न कभी अवसाद का शिकार होता ही है। हालांकि हममें से ज्यादातर लोग इस बात को जानते नहीं हैं कि दरअसल डिप्रेशन है क्या। ज्यादातर लोग डिप्रेशन को सैडनेस यानि दुखी होना समझ लेते हैं। दीपिका की “द लिव लव लाफ फाउंडेशन” का फोकस हर तरह के मेंटल हेल्थ कनसर्न पर है और शायद इसीलिए उन्होंने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर मेंटल हेल्थ से रिलेटेड A टू Z के बारे में बताया है।
डिप्रेशन का A यानि एंग्जाइटी
दीपिका ने अपने इंस्टाग्राम पर यह पोस्ट शेयर की है जिसमें लिखा है कि चिंता और टेंशन की यह फीलिंग आपको बहुत परेशान कर देती है। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, डिजीनेस फील होती है और हार्टरेट भी काफी तेज हो जाता है। जिन लोगों को डिप्रेशन होता है, उन्हें अक्सर एंग्जाइटी भी होती है। अगर कोई लड़की डिप्रेशन और एंग्जाइटी में है तो ऐसे में अगर उसका बॉयफ्रेंड किसी वजह से फोन नहीं उठाए तो उसे महसूस होने लगता है कि वह जानबूझकर उसे इग्नोर कर रहा है।
डिप्रेशन का B यानि बाईपोलर डिसऑर्डर
बाईपोलर डिसऑर्डर एक तरह का डिप्रेशन ही है जिसमें बहुत तेजी से और बहुत ज्यादा इमोशनल चेंज यानि भावनात्मक बदलाव आते हैं। जैसे कभी आपको किसी पर बहुत ज्यादा गुस्सा आने लगे और थोड़ी ही देर में उसपर बहुत ज्यादा प्यार आने लगे। यह इमोशनल चेंज करीब एक सप्ताह तक रहते हैं। ऐसा व्यक्ति कभी- कभी इसके बाद डिप्रेशन में भी चला जाता है।
डिप्रेशन का C यानि काउंसलर
डिप्रेशन का सी बहुत ही महत्वपूर्ण है, जो है काउंसलर। अगर आप अपनी जिंदगी में कभी भी इस तरह की भावनाएं महसूस करते हैं तो काउंसलर से जरूर मिलें। काउंसलर या साइकोलॉजिस्ट से मिलने का मतलब यह नहीं है कि आप पागल हैं, बल्कि इसका मतलब है कि आपको डॉक्टर की सलाह की जरूरत है। अगर आप काउंसलर से किसी वजह से नहीं मिल पाते तो आप कम से कम अपने अपने किसी करीबी से अपनी परेशानी के बारे में बात करें।
डिप्रेशन का D यानि स्वयं डिप्रेशन
इसमें दीपिका ने बताया है कि अगर आप किसी भी तरह के दुख में डूबी हैं, और सिर्फ दुख में नहीं, बल्कि आपको किसी भी बात में मन नहीं लग रहा है। किसी भी काम में खुशी नहीं मिल रही है। वेट लॉस या वेट गेन हो रहा है। आपको ठीक से नींद भी नहीं आ रही है। साथ ही ऐसा लग रहा है कि आप इस दुनिया में किसी के लिए कोई महत्व नहीं रखतीं तो आप डिप्रेशन में हैं। ऐसे में आपको किसी से इसके बारे में बात करनी चाहिए।
इसी तरह से दीपिका पादुकोण के इंस्टाग्राम पर डिप्रेशन से रिलेटेड A टू Z सभी बातों को अच्छी तरह से समझाया गया है। अगर आप इस बारे में ज्यादा जानना चाहते हैं तो दीपिका के इंस्टाग्राम पर जाकर यह सब देख सकते हैं।
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