सबके साथ कुछ बातें ऐसी होती हैं, जिन्हें खुलकर किसी से शेयर नहीं किया जा सकता। लेकिन फिर भी जिंदगी की सच्चाई होती हैं ऐसी बातें। आप कहना चाहते हैं, दिल में दबी ऐसी बातें पर नहीं कह पाते। हम डार्क सीक्रेट सीरीज़ में बिना नाम बताए, कुछ लोगों की जिंदगी की कुछ ऐसी ही घटनाओं को बयां करते हैं। आज डार्क सीक्रेट सीरीज़ में पढ़ें एक ऐसी महिला की कहानी, जिसे बस यूं ही एक ऐसा हमसफर मिल गया, जिसके साथ उसका बिना उम्मीद, बिना जिम्मेवारी एक खूबसूरत संबंध बना…..तो पढ़ें इस महिला की कहानी खुद उसी की जुबानी –
मैं एक 32 वर्षीय तलाकशुदा और कामकाजी महिला हूं और चेन्नई में अपनी 4 साल की बेटी के साथ रहती हूं। मेरी जिंदगी पिछले चार- पांच सालों से रोलरकोस्टर राइड की तरह उतार-चढ़ाव भरी रही है। मैं एक संपन्न परिवार से हूं और देखने में काफी क्यूट हूं लेकिन पिछले दिनों अपने पति से होने वाले तलाक ने मुझे तोड़ कर रख दिया। मैं एक दोमंजिला बिल्डिंग में ग्राउंड फ्लोर वाले फ्लैट में किराये पर रहती हूं। अभी कुछ ही महीनों पहले मेरे फ्लैट के ऊपर वाले फ्लैट में एक अनजाना सा विदेशी युवक रहने आया है।
बेइंतेहा हैंडसम युवक
यह युवक बेइंतेहा हैंडसम है, लेकिन उसके चेहरे पर एक अजीब सा सन्नाटा रहता है। उसके उड़ते हुए घने बाल, बड़ी बड़ी गहरी आंखों और मजबूत बाहें, चौड़े कंधों ने कब मेरे मन पर कब्जा कर लिया, पता ही नही लगा। उसे कभी किसी ने मुस्कुराते नहीं देखा था, लेकिन पिछली बार जब वो मेरे सामने पड़ा तो मेरी बच्ची को देखकर वो हल्का सा मुस्कुराया था। वह बहुत कम बोलता है। पता नहीं क्यों, इतनी रहस्यमय पर्सनैलिटी वाले इस युवक की ओर मन आकर्षित होने लगा था। वह समय का इतना पाबंद है कि उसके आने- जाने के समय से घड़ी मिलाई जा सकती है।
सभी लेडीज़ की नजर
कॉलोनी की सभी लेडीज़ की नजरों में था वो। सभी उसके बारे में जानना चाहती थीं और मेरे समेत सभी उसको देखकर हॉर्नी फील करने लगी थीं, लेकिन वो किसी से बात नहीं करता था। हम सबके लिए वो एक तरह का एलियन जैसा था।
वो अंधेरी रात
एक दिन मेरी बेटी को बहुत तेज बुखार आ गया था और करीब दो दिन हम हॉस्पिटल के चक्कर लगाते रहे। इस बीच किसी बात को लेकर मेरे एक्स हज़बैंड से भी मेरी बहुत गंदी लड़ाई हो गई। मेरी हालत बहुत बुरी थी। मेरी प्यारी बच्ची बुखार से तप रही थी और मैं अपने एक्स के साथ जोर- जोर से लड़ाई में बिजी थी, उधर से उसने कुछ ऐसा कहा कि मैंने जोर से चीख कर फोन को उठाकर फेंक दिया और रोने लगी। वह अंधेरी रात बहुत भयावह थी।
मेरे ही दरवाजे पर..
अचानक मेरे फ्लैट के पिछले दरवाजे से किसी ने खटखटाया। मैं डर गई, लेकिन हिम्मत करके मैंने दरवाजा खोला। सामने ऊपर रहने वाले मिस्टर स्ट्रेंज को देखकर मैं हैरान रह गई। उसके एक हाथ में दूध के दो गिलास और कुछ कुकीज़ थे और दूसरे हाथ में एक ब्लूटूथ स्पीकर था। वो बिना कुछ बोले एकदम अंदर आ गया और सीधे डाइनिंग टेबल पर पहुंचा। दूध के गिलास रखकर उसने मेरी रोती हुई बच्ची को गोद में लिया और उसे चुप कराने की कोशिश करने लगा। उसने अपने ब्लूटूथ स्पीकर पर किसी और भाषा (शायद स्पैनिश या इटैलियन) का एक स्वीट सा गाना लगा दिया। मेरी ओर देखते हुए दूध पीने और कुकीज़ खाने का ऑर्डर किया। वह अब तक कुछ नहीं बोला था।
चुप्पी की वजह
मैं किसी आज्ञाकारी बच्चे की तरह टेबल पर बैठ गई और कुकीज के साथ दूध पीने लगी। इस बीच उसने मेरी बेटी को चुप करा दिया था। तब वह पहली बार उसने पूछा कि क्या मैंने उसे दवा दे दी है। मैंने अपनी बेटी को दवा दे दी और वह सो गई। मैंने उसे उसके बिस्तर पर सुला दिया और वापस आकर अपना दूध और कुकीज खत्म किये। हम यूं ही चुपचाप बैठे रहे और इसके बाद मैंने उससे पूछा कि वह इतना चुप कैसे रह लेता है।
शब्द और जहर
उसने कहा, शब्द जहर होते हैं। मैं जहर न पीता हूं और न ही निकालता हूं। यह बात मुझे बहुत आश्चर्यजनक लगी, लेकिन फिर भी मैं उसे कम्युनिकेशन का महत्व बताने लगी। मैंने यहां तक बता दिया कि कैसे मेरे समेत कॉलोनी की सभी महिलाएं उसपर मरती हैं। वो हल्की मुस्कान के साथ चुपचाप सुनता रहा …। मेरा लेक्चर खत्म हुआ तो वो बोला, आपने बहुत कुछ बोला, लेकिन फायदा क्या हुआ? सुनकर लगा कि जैसे उसने थप्पड़ जड़ दिया हो। अब मुझे कोई जवाब ही नहीं सूझ रहा था। हम दोनों कुछ देर यूं ही बैठे रहे।
क्या तुम आ रही हो?
अचानक वह उठा और बोला, मुझे नहाने की जरूरत है, क्या तुम आ रही हो!! मैं एकदम सन्न रह गई। मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि कोई अनजान ऐसा कह सकता है। समझ नहीं आ रहा था कि क्या जवाब दूं, कैसे रिएक्ट करूं। वो अपनी गहरी आंखों से मुझे देखे जा रहा था… फिर बिना मेरे जवाब का इंतजार किये उसने बाहर जाते वक्त कहा कि मैं लाइट्स ऑफ करके दरवाजा खुला छोड़ दूंगा और गायब हो गया। इस शॉक से बाहर आने में मुझे थोड़ा वक्त लगा…. मैं 5 मिनट यूं ही बैठी रही… फिर बिना कुछ सोचे सीढ़ियों से ऊपर चली गई।
समर्पण की रात
ऊपर उसके फ्लैट में एकदम अंधेरा था और बाथरूम के खुले दरवाजे से हल्की सी रोशनी आ रही थी। वो शॉवर के नीचे एकदम नैकेड यानि बिलकुल नंगा खड़ा था। उसका मुंह दूसरी तरफ था। एक बार तो मुझे लगा कि मैं वापस चली जाऊं..लेकिन आखिरकार मैंने खुद को उसके आगे समर्पित कर दिया। एक लंबे अरसे बाद मैंने एक पुरुष का साथ महसूस किया था….। फिर वह रात पिछले कई सालों में बेहतरीन रात बन गई। उस दिन वो हर तरह से परफेक्ट था और उसने हर कोशिश करके मुझे क्लाइमेक्स दिया था, बिना कुछ बोले…।
कुछ यूं बदला रुटीन
मैं इसे डार्क सीक्रेट नहीं मानती, वो तो मेरी जिंदगी की सुबह थी। उस दिन के बाद से मेरी रोजमर्रा बाकी दिनों से कुछ बदल गई है। हम हर सोमवार, बुधवार और शुक्रवार मिलते हैं। एक-दूसरे को ऑयल मसाज देते हैं। हमने घर के हर कोने में सेक्स ट्राई किया है, यहां तक कि किचन और रूफटॉप तक..। हां, उसने यह साफ कर दिया है कि उसे कोई इमोशनल कनेक्शन या बातचीत नहीं चाहिए और न ही एक-दूसरे के बारे में कुछ जानने की कोशिश…। अब वह मेरा परफेक्ट पड़ोसी है।
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