चाय पीना और पिलाना कई देशों की संस्कृति का हिस्सा है। सुबह की शुरुआत हो, दोस्तों का साथ हो या फिर अकेले ख्यालों में खोना हो, गरमा गरम चाय की प्याली हर समय लोगों का साथ देती है। चाय पीने के फायदे तो बहुत हैं, लेकिन चाय पीने के नुकसान (Chai Peene ke Nuksan) भी किसी से कम नहीं हैं। सबसे बड़ी बात तो ये है कि सिर्फ दूध की चाय पीने के नुकसान नहीं हैं, वेट लॉस और स्किन के लिए जानी जाने वाली काली चाय के नुकसान भी होते हैं। वैसे चाय पीने के नुकसान और फायदे दोनों इस बात पर निर्भर करते हैं कि आप कितना चाय पीते हैं।
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चाय पीने की आदत
चाय एक ऐसा एनर्जी ड्रिंक है जिसे हर आदमी अपने स्वाद और पसंद के अनुसार बना सकता है। सर्दियों में तो चाय के अपने ही औषधीय गुण हैं जो शरीर को गर्म रखने के साथ अर्थराइटिस, गले में खराश जैसी समस्या में राहत देने वाला भी माना जाता है। लेकिन कई लोगों की लाइफ में चाय एक ऐसी आदत बन जाती है कि वो इसे चाहकर भी ना नहीं कह पाते हैं और दिनभर में 3-4 कप से अधिक चाय का सेवन करने लगते हैं। चाय में मौजूद कैफीन का केमिकल स्ट्रक्चर एडेनोसाइन नामक ऐसे कंपाउंड से मिलता-जुलता है जो सेंट्रल नर्वस सिस्टम को रिलैक्स करने में सक्षम होता है। कैफीन एक नेचुरल स्टीमुलेंट है और व्यक्ति को जरूरत से ज्यादा चाय पीने की लत भी इसी के कारण लगती है।
चाय पीने से होते हैं ये 7 नुकसान
1. पेट की समस्या
2. हार्टबर्न की समस्या
3. बढ़ जाती है स्ट्रेस
4. नींद की कमी
5. उबकाई आना
6. सिरदर्द
7. चक्कर आने की शिकायत
चाय से सेहत को होते हैं ये नुकसान–
चाय में कैफीन के साथ-साथ टैनिन भी होता है और इसकी वजह से भी चाय से कई तरह के नुकसान सेहत को होने लगते हैं।
पेट की समस्या
चाय पीने से जो नुकसान आमतौर पर लोगों को होता है, वो है पेट की समस्याएं जैसे गैस, पेट फूलना, कॉन्स्टिपेशन जिसकी वजह से डाइजेशन भी प्रभावित होता है। ये समस्याएं खासतौर से उन लोगों को होती है जो सुबह खाली पेट कई कप चाय पी लेते हैं।
हार्टबर्न की समस्या
चाय में मौजूद कैफीन हार्टबर्न का कारण बनता है और एसिड रिफ्लक्स की स्थिति को और बढ़ा देता है। अत्यधिक चाय पीने से गले, छाती के पास जलन, फूड पाइप में खाना का ऊपर चले आने जैसे लक्षण होते हैं। हालांकि ये गंभीर नहीं होते, लेकिन असहज और परेशान करने वाले जरूर होते हैं।
बढ़ जाती है स्ट्रेस
ज्यादा चाय पीने से शरीर में कैफीन का सेवन भी बढ़ता है और इससे तनाव, घबराहट और बेचैनी बढ़ने लगती है। चाय के एक नॉर्मल साइज वाले कप में 11 से 61 मिली ग्राम तक कैफीन हो सकता है, ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप कैसी चाय पी रहे हैं। शोध के अनुसार 200 मिली ग्राम तक कैफीन का सेवन हर किसी को परेशान नहीं करता, लेकिन कुछ लोगों को इससे दिक्कत होने लगती है।
नींद की कमी
ज्यादा चाय यानी ज्यादा कैफीन से नींद की कमी होने लगती है। ज्यादा कैफीन शरीर में नींद को सक्रिय करने वाले हार्मोन मेलाटोनिन के निर्माण को रोक देता है और यही वजह है कि चाय के अत्यधिक सेवन से स्लीप साइकिल डिस्टर्ब होने लगती है।
उबकाई आना
खाली पेट बार-बार चाय पीने से उबकाई आने की शिकायत आम है। कुछ लोगों को ये परेशानी खाली पेट में 1 से 2 कप चाय पीने से भी हो जाती है। चाय में मौजूद टैनिन की वजह से इसे इसका स्ट्रॉन्ग, बिटर टेस्ट मिलता है। टैनिन ही डाइजेस्टिव टिशू के साथ ऐसे काम करता है कि मन उबकाई जैसा होने लगता है।
उबकाई आना खाली पेट चाय पीने के नुकसान में सबसे ऊपर आता है इसलिए चाय को किसी खाने की चीज जैसे ब्रेड या बिस्कुट के साथ पीने की सलाह दी जाती है।
सिरदर्द
सिरदर्द में सबसे पहले लोग चाय पीना पसंद करते हैं क्योंकि चाय थकान से होने वाले सिरदर्द में तुरंत राहत मिलती है। लेकिन कुछ लोगों को ज्यादा चाय पीने से भी बार-बार में सिरदर्द होने की शिकायत होने लगती है। दरअसल नियमित, रूटीन से जब लोग चाय पीते हैं तो कैफीन का यही रूटीन सेवन बार-बार होने वाले सिरदर्द के रूप में उभरता है। जो लोग कैफीन के प्रति संवेदनशील हैं, उन्हें दिनभर में लिया हुआ 100 मिली ग्राम कैफीन भी नुकसान पहुंचा सकता है।
चक्कर आना
जो लोग दिनभर में चाय के कई कप पी लेते हैं, उन्हें चक्कर आने की शिकायत होने लगती है। हालांकि ये समस्या 2, 4 कप चाय पीने वालों को नहीं होती है, जो लोग दिन भर में 6 से 12 कप चाय पी लेते हैं, उन्हें कैफीन के ओवरडोज से परेशानी होने लगती है।
प्रेगनेंसी में चाय पीने के नुकसान – Pregnancy me Chai Peene ke Nuksan
प्रेगनेंसी के दौरान चाय पीना तब तक हानिकारक नहीं होता है जब तक की गर्भवती महिला 200 मिली ग्राम कैफीन से अधिक का सेवन न कर रही हो। किसी भी स्रोत से लिया गया कैफीन, जैसे चाय या कॉफी, का ओवरडोज प्रेगनेंसी के दौरान कॉम्पिकेशन बढ़ा सकते हैं और ये गर्भपात से लेकर शिशु के जन्म के समय का वजन कम करने तक के जिम्मेदार हो सकते हैं।
बहुत से शोध इस ओर इशारा करते हैं कि अगर 200 से 300 मिली ग्राम के बीच गर्भवती महिला कैपीन का सेवन करती है तो वो बहुत अधिक रिस्क में नहीं होती, लेकिन अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑबस्टेट्रिशियन और गायनेकोलॉजिस्ट के मुताबिक प्रेगनेंट महिलाओं को 200 मिली ग्राम से अधिक कैफीन नहीं पीना चाहिए।
एक कप यानी 240 मिली लीटर चाय में 20 से 60 मिली ग्राम कैफीन होता है। इस तथ्य के आधार पर ये कहा जा सकता है कि एक गर्भवती महिला को तीन कप से ज्यादा चाय नहीं पीनी चाहिए।
अगर गर्भवती महिला को चाय पसंद है तो वो अपने नॉर्मल चाय को हर्बल या गुड़ वाली चाय से रिप्लेस कर सकती है, लेकिन फिर भी चाय की मात्रा कम ही होनी चाहिए।
काली चाय के नुकसान
बिना शुगर और दूध से बनाई जाने वाली काली चाय यूं तो सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद है, लेकिन जैसा कि कहा जाता है कि अति किसी चीज की अच्छी नहीं होती तो काली चाय की अधिकता भी सेहत को कई तरह से नुकसान पहुंचाती है। प्रोसेसिंग के दौरान काली चाय को व्हाइट या ग्रीन टी के मुकाबले कहीं अधिक ऑक्सिडाइज्ड किया जाता है और इसमें पॉलीफेनॉल जैसे एंटीऑक्सिडेंट्स की अधिकता होती है जिसकी वजह से ब्लैक टी के फायदे बहुत अधिक होते हैं। हालांकि इससे कुछ नुकसान भी होते हैं जो जानना जरूरी है-
1. काली चाय अधिक पीने से बच्चों और बड़ों में नींद की कमी होने जैसी समस्या हो सकती है।
2. काली चाय में मौजूद कैफीन किडनी के लिए डायूरेटिक की तरह काम करता है जिसकी वजह से ये बार बार यूरीन लगने की समस्या बढ़ाता है। इसके अधिक सेवन से यूरीन में सोडियम और पौटैशियम की मात्रा बढ़ती है और यही वजह है कि बार-बार पेशाब का प्रेशर बनना शुरू हो जाता है।
3. किसी भी तरह की चाय स्ट्रेस को बढ़ाती है, इसलिए काली चाय भी ये काम करती है।
4. काली चाय बेशक शुगर के मरीजों में बल्ड शुगर कंट्रोल करने में मदद करती है, लेकिन वो शुगर के मरीज जिनका शुगर बार-बार कम होता रहता है, उन्हें भी काली चाय कम ही पीनी चाहिए। काली चाय में मौजूद टैनिन शरीर में आयरन को ठीक से अब्जॉर्ब नहीं होने देता है।
इस बात में दो राय नहीं है कि अधिक चाय पीने के नुकसान बहुत अधिक हैं, लेकिन ये भी याद रखना जरूरी है सर्दी के मौसम में चाय की प्याली गर्माहट भी देती है और इम्युनिटी भी बढ़ाती है, हर्बल टी या गुड़ की चाय के फायदे भी अनेक हैं, बस आपको इसकी मात्रा को कंट्रोल करना है। चाय के नुकसान और फायदे दोनों इस बात पर निर्भर करते हैं कि आप चाय को कितनी देर बना रहे हैं और कितना कप चाय पीते हैं। प्रेगनेंसी में चाय पीने के नुकसान से बचने के लिए भी इस बात का ध्यान रखने की जरूरत कि कैफीन की मात्रा अधिक न हो। यहां ये भी नोट करें कि काली चाय में कैफीन भले ही कम है, लेकिन ओवरडोज से काली चाय के नुकसान भी दिखने लगते हैं।