देश को स्वतंत्र हुए 71 वर्ष हो गए हैं मगर भारत के नागरिक आज भी खुद को पूरी तरह से स्वतंत्र नहीं मानते हैं। कहीं न कहीं कुछ ऐसी चीजें व बातें हैं, जिनसे हम आज भी बंधन महसूस करते हैं। मगर तमाम कोशिशों के बाद भी हम उन बंधनों से आजाद नहीं हो पा रहे हैं क्योंकि वे हमारे सिस्टम की जड़ में शामिल हो चुके हैं। बॉलीवुड (Bollywood) व टीवी जगत के कुछ सितारों ने शेयर की हैं कुछ चीजें, जिनसे वे आजादी चाहते हैं।
जॉन अब्राहम
देश में करप्शन बहुत बढ़ गया है। देखा जाए तो हम बचपन से ही इसके शिकार होने लगते हैं। हॉस्पिटल, स्कूल- कॉलेज, ऑफिस … भ्रष्टाचार ने हर जगह अपनी जड़ें फैला ली हैं। मैं करप्शन से आजादी चाहता हूं, यह थोड़ा मुश्किल है पर नामुमकिन हरगिज भी नहीं। अगर हम सब इसके खिलाफ एकजुट हो जाएं तो शायद करप्शन कुछ कम हो सके। अपनी फिल्म ‘सत्यमेव जयते’ की शूटिंग के वक्त मैंने खुद से वादा किया कि अपने सामने तो इस तरह का कुछ भी नहीं होने दूंगा।
शमा सिकंदर
बॉलीवुड एक्ट्रेस शमा सिकंदर लोगों की जजमेंट से आजादी चाहती हैं। उनका मानना है कि ग्लैमर इंडस्ट्री में होने के नाते हर एक्टर/ एक्ट्रेस को यह सहना पड़ता है। शमा के मुताबिक, ‘लोग एक- दूसरे पर (खासतौर से स्टार्स पर) कमेंट करना अपना जन्म सिद्ध अधिकार समझते हैं। वे यह भूल जाते हैं कि हम उनके लिए अभिनय कर रहे हैं। दर्शक चाहें तो हमें पसंद करें या नापसंद करें मगर बिना मतलब के जजमेंट से बचना चाहिए। मुझे लगता है कि हर स्टार इस चीज से आजादी चाहता होगा।’
हितेन तेजवानी
टीवी एक्टर हितेन तेजवानी जल्द ही मल्टीस्टारर फिल्म ‘कलंक’ में नज़र आएंगे। हर आम नागरिक की तरह वे भी उन्हीं चीज़ों से आजादी की ख्वाहिश रखते हैं, जिनसे हम सब कभी न कभी जूझते हैं। हितेन चाहते हैं कि देश को जल्द से जल्द सड़क पर ट्रैफिक व गड्ढों की समस्या से निजात मिल जाए। वे अपनी आजादी के साथ ही महिलाओं की आजादी पर भी अपनी बात रखते हैं। हितेन तेजवानी चाहते हैं कि महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों से देश की हर महिला को आजादी दिलवाई जाए व उन्हें समानता का दर्जा भी मिल सके।
अस्मिता सूद
टीवी की चर्चित अभिनेत्री अस्मिता सूद फिलहाल शो ‘दिल ही तो है’ में सेतु नाम की एक मीडिया पर्सन का किरदार निभा रही हैं। अस्मिता चाहती हैं कि उन्हें फैशन पुलिस से आजाद कर दिया जाए। हर लड़की की तरह उनकी भी ख्वाहिश है कि वे अपनी मर्जी के कपड़े पहनकर तैयार हो सकें। एक इंसान होने के नाते वे इस रोकटोक से आजाद होना चाहती हैं। उनकी बात सही भी है, किसी को कपड़ों के आधार पर जज किया जाना वाकई गलत है। हर इंसान अपने मूड के हिसाब से तैयार होता है और ऐसे में वह किसी का भी दखल पसंद नहीं करेगा।
उत्कर्ष शर्मा
क्या आपको सनी देओल की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘गदर’ का चाइल्ड एक्टर जीते याद है? अब जीते बड़ा हो चुका है और जल्द ही फिल्म ‘जीनियस’ से बॉलीवुड में डेब्यू करने वाला है। उत्कर्ष चाहते हैं कि अब देश को धर्म और जाति के आधार पर नफरत करने वालों से आजाद कर दिया जाए। यह वाकई में एक बेहद गंभीर मुद्दा है, जिसकी वजह से देश में अक्सर दंगे- फसाद का माहौल बन जाता है। समाज के कुछ उपद्रवी लोगों की नफरत की लौ में सभी जलने लगते हैं। इससे तो शायद हर कोई आजाद होना चाहता है!
नवनीत कौर ढिल्लों
मिस इंडिया नवनीत कौर ढिल्लों 2013 में मिस वर्ल्ड पेजेंट में भारत को रिप्रेजेंट कर चुकी हैं। ब्यूटी क्वीन नवनीत हिन्दी, पंजाबी व तेलुगु फिल्मों में नजर आ चुकी हैं। यह तो सभी जानते हैं कि सोशल मीडिया के जमाने में फेक न्यूज का प्रसार कितना ज्यादा बढ़ गया है। नवनीत कौर चाहती हैं कि अब देश को फेक न्यूज के साथ ही फैशन पुलिस, स्टीरियोटाइपिंग और फ्रॉड लोगों से भी आजादी मिलनी चाहिए। वाकई में… देश का हर जिम्मेदार नागरिक इन चीजों से आजादी चाहता है!
युवराज सिंह
पंजाबी एक्टर युवराज सिंह का मानना है कि ग्लैमर इंडस्ट्री से जुड़े हर व्यक्ति को लोगों के जजमेंट से गुजरना पड़ता है। एक्टर्स की जिंदगी का ब्योरा रखते या उन्हें हर बात के लिए जज करने वाले ये लोग भूल जाते हैं कि कोई एक्टर भी उन्हीं की तरह एक इंसान है। एक्टर्स का काम है, लोगों को एंटरटेन करना। ऐसे में दर्शक व स्टार्स से जुड़े लोगों को ध्यान रखना चाहिए कि वे उनकी एक्टिंग के आधार पर ही उन्हें जज करें, न कि उनके आउटर अपीयरेंस को लेकर।
रुपाली सूरी
बॉलीवुड फिल्म ‘वाह लाइफ हो तो ऐसी’ में नजर आईं रुपाली सूरी एक एक्ट्रेस होने के नाते हर तरह के किरदार निभाती हैं। वे अपने किरदारों के माध्यम से सोसाइटी के अलग- अलग लोगों का चित्रण करती हैं। वे समाज में फैली नेगेटिविटी और हर उस गलत चीज से आजादी चाहती हैं, जिसका असर लोगों पर पड़ता है। उनका मानना है कि देश में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में इन चीजों का विस्तार काफी बढ़ गया है और अब इस गंदगी को रोका जाना बहुत ज़रूरी है।
आसमा सिद्दीकी
एक मॉडल होने के नाते मुझसे हमेशा उम्मीद की जाती है कि मैं अप- टु- डेट और स्लिम- ट्रिम नज़र आऊं। ग्लैमर इंडस्ट्री के लोग हर समय लाइमलाइट में रहते हैं। उन्हें जज करते समय लोग भूल जाते हैं कि वे कुछ भी होने से पहले उन्हीं की तरह एक आम इंसान हैं। मैं अपनी हेल्थ को लेकर बहुत सजग रहती हूं पर कभी- कभी मेरा भी मन करता है कि मैं अपनी मर्जी से कुछ खा- पी सकूं या कहीं घूम सकूं। मुझे लोगों के उस एटिट्यूड से आजादी चाहिए, जिसकी वजह से वे हर समय दूसरों को जज करते रहते हैं।
असल तौर पर हम तभी स्वतंत्र हो सकेंगे, जब हमें इन सभी चीजों से आजादी मिल जाए। स्वतंत्रता दिवस मुबारक हो!
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