आसन के रूप में जानी जाने वाली योग मुद्राएं आपके शरीर की ताकत, लचीलेपन, गतिशीलता, सहनशक्ति और रोग प्रतिरोधक क्षमता पर काम करती हैं। श्वास और ध्यान के साथ इन अभ्यासों के माध्यम से, योग अभ्यासी को 360 डिग्री का अनुभव प्रदान करता है। यह संपूर्ण कसरत शरीर-मन-आत्मा को जोड़ती है। आप अपने इम्युन सिस्टम को मजबूत करने के लिए कोविड वैक्सीन के बाद अपने शरीर को हिलाना शुरू कर सकते हैं। बस इसके लिए अपना ध्यान अपनी श्वास पर केंद्रित रखते हुए इन आसनों का अभ्यास करें। ध्यानपूर्वक सांस लेने का अभ्यास करें और सांस छोड़ने पर ध्यान दें। यह आपको फेफड़ों और शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करेगा और कोरोना वायरस जैसी श्वसन संबंधी किसी भी बीमारी को रोकने में मदद करेगा।
यहां जिन योगासानों के बारे में आपको बताया जा रही है इन विशिष्ट पोज़ का उद्देश्य आपके फेफड़ों की क्षमता को विकसित करना है। जैसे ही आप अपने फेफड़ों की ताकत का निर्माण करते हैं, यह आपको शरीर में सांस लेने वाली ऑक्सीजन को बढ़ाने में मदद करता है। इसका परिणाम शरीर से विषाक्त पदार्थों को खत्म करने में मदद करता है जिससे आप अपने श्वसन तंत्र को मजबूत, स्वस्थ और किसी भी संक्रमण से मुक्त रख सकते हैं। तो आइए जानते हैं अक्षर योग के संस्थापक ग्रैंड मास्टर अक्षर (Master Akshar)जी से कि किन योगासनों को करने से फेफड़े स्वस्थ्य रहते हैं और क्या है इन्हें करने की सही विधि –
पादहस्तासन दो शब्दों से मिलकर बना है। पहला है पाद यानी पैर और दूसरा हस्त यानी हाथ। इसी वजह से इसे पादहस्तासन कहा जाता है। इस आसन को करने के बहुत से लाभ हैं। खासतौर पर कोरोना काल में इस आसन को करने से फेफड़े स्वस्थ बनते हैं और सांस संबंधी दिक्कत दूर होती है। आइए जानते हैं इस आसन को करने की सही विधि –
करोना काल में मर्जरी आसन बहुत ही उपयोगी है। इस आसन को अंग्रेजी में कैट पोज के के नाम से जानते हैं। यह आसन आपके शरीर के लिए अनके प्रकार से लाभदायक है। यह आसन रीढ़ की हड्डी को एक अच्छा खिंचाव देता है। इसके साथ इसे करने से शरीर तनाव मुक्त हो सकता है बल्कि फेफड़ों के कार्य करने की क्षमता में भी सुधार हो सकता है। दरअसल, इस आसन में व्यक्ति को लंबी और गहरी सांस लेना पड़ती है, जिससे फेफड़े अच्छी तरह से फैलते हैं। इसके कारण पूरे शरीर में ऑक्सीजन अधिक मात्रा में जाती है, जो कि रक्त परिसंचरण में सुधार करती है। जानिए मार्जरी आसन करने की सही विधि –
पद्मासन, ध्यान और प्राणायाम के अभ्यास के लिए सबसे उपयुक्त असानो में से एक है। इस आसन में बैठकर अनुलोम-विलोम करने या फिर लंबी गहरी सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया करने से फेफड़े मजबूत होते हैं। इससे नाड़ियां शुद्ध होती हैं, जिससे शरीर स्वस्थ, कांतिमय और शक्तिशाली बनता है। आइए जानते हैं इस आसन को करने की सही विधि –
वृक्षासन दो शब्द मिलकर बना है ’वृक्ष’ का अर्थ पेड़ होता है और आसन योग मुद्रा की और दर्शाता है। इस आसन की अंतिम मुद्रा एकदम अटल होती है, जो वृक्ष की आकृति की लगती है, इसीलिए इसे यह नाम दिया गया है। यह आपके स्वास्थ के लिए ही अच्छा नहीं है बल्कि मानसिक संतुलन भी बनाये रखने में सहायक है। इस आसन में एक पैर पर खड़े होकर दोनों हाथों को ऊपर जोड़ते हुए उलटा वी बनाया जाता है। इस स्थिति में जाने के दौरान गहरी सांस लेनी होती है और सामान्य स्थिति में लौटते समय, सांस छोड़ना होती है। आइए जानते हैं इस आसन को करने की सही विधि –
कंधरासन योग मुद्रा, योग की प्रमुख मुद्राओं में से एक मानी जाती हैं, यह मुद्रा आपके शरीर के विभिन्न प्रकार के रोगों और दर्द को ठीक करने के लिए बहुत ही असरदायक मानी जाती हैं। यह आसन शरीर की दुर्बलता को दूर करता है और श्वास से संबंधित समस्याओं को ठीक करने में भी सहायक है। आइए जानते हैं इस आसन को करने की सही विधि –
POPxo की सलाह : MYGLAMM के ये शानदार बेस्ट नैचुरल सैनिटाइजिंग प्रोडक्ट की मदद से घर के बाहर और अंदर दोनों ही जगह को रखें साफ और संक्रमण से सुरक्षित!