वास्तु शास्त्र में आपके घर के हर कमरे के लिए दिशा-निर्देश होते हैं। अधिकांश लोगों का मानना है कि वास्तु अनुसार घर होने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। यही वजह है कि लोग घर का हर कोना वास्तुशास्त्र के अनुसार ही सजाते हैं। वास्तुशास्त्र में दिशाओं और रंगों का बहुत महत्व माना गया है। वैसे तो मुख्य रूप से चार दिशाओं के बारे में ही हम जानते हैं, लेकिन पुराणों में 10 दिशाओं का वर्णन किया गया है। वास्तु के अनुसार इनमें से 8 दिशाओं का अलग-अलग महत्व होता है। अगर दिशा और रंग विशेष कुछ खास बातों का ध्यान रखा जाए तो आप और आपका परिवारा मुसीबतों और परेशानियों से बचा रहा है और घर में हमेशा खुशहाली बनी रहती है। इसी तरह घर के सबसे अहम स्थान जहां मां अन्नपूर्णा का निवास होता है यानि कि रसोईघर को लेकर भी सही दिशा और सही रंग का उल्लेख किया गया है। तो आइए जानते हैं किचन के रंग से जुड़े वास्तुशास्त्र नियम।
वास्तु के अनुसार किचन की सही दिशा
सबसे पहले तो ये बात जान लीजिए कि आपके घर में किचन एकदम सही दिशा में होना चाहिए। हमेशा सुनिश्चित करें कि रसोईघर दक्षिण-पूर्व दिशा में ही हो। आग उन तत्वों में से एक है जो वास्तु में मायने रखती है और जीविका के लिए आवश्यक है, खासकर रसोई में।
ऐसा होना चाहिए वास्तु के अनुसार किचन का रंग best color for kitchen according to vastu tips in hindi
वास्तु शास्त्र के अनुसार किचन का रंग यानी दीवारों का रंग, स्लैब, कैबिनेट, काउंटरटॉप और टाइल्स का घर में रहने वालों पर बहुत प्रभाव पड़ता है। जैसे किचन में गैस ग्रिल लगाने की सही दिशा होनी चाहिए, वैसे ही किचन का रंग चुनते समय हमें भी वास्तु शास्त्र के कुछ नियमों का पालन करना होता है। किचन के लिए ऐसे रंग चुनना चाहिए जिससे घर के लोगों का स्वास्थ्य अच्छा रहे और घर में सुख-शांति बनी रहे। तो आइए जानें कि रसोई के लिए कौन सा रंग वास्तुशास्त्र के अनुसार उचित माना जाता है।
सफेद रंग
रसोई में सफेद रंग बहुत कम ही लोग करवाते हैं क्योंकि इसमें गंदगी ज्यादा दिखती है। लेकिन वहीं वास्तु सफेद रंग के उपयोग का सुझाव देता है क्योंकि यह पवित्रता, पवित्रता और स्वच्छता का प्रतीक है। यदि आपका किचन उत्तर पश्चिम में है, तो वास्तु के अनुसार सफेद रंग उपयुक्त है। हां अगर आप इसे पूरा सफेद नहीं रख सकते तो इसमें पीला, लाल, ऑरेंज और गुलाबी मिक्स मैच करवा सकते हैं।
पीला रंग
पीला रंग हमेशा से उमंग और ताजगी भरा रंग माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार पीला रंग ऊर्जा, ताजगी और खुशियों से भरपूर होता है। यह रंग न सिर्फ किचन में सकारात्मकता लाता है बल्कि घर में और रोशनी जोड़ने का काम करता है। यह रंग घर में और भी खुशनुमा माहौल बनाता है और हमेशा खुशनुमा माहौल रखता है। साथ ही अगर घर की दीवारों को पीले रंग से रंगा गया है, तो सूर्य की किरणें सीधे तौर पर हानिकारक नहीं होती हैं। इसे लिए पीला रंग भी रसोई के लिए बेस्ट माना जाता है।
पीच या गुलाबी रंग
ये रंग रिश्तों में मधुरता बनाये रखता है और साथ बंधन को मजबूत बनाता है। एक अच्छा विकल्प यह है कि घर में लोगों के बीच सामंजस्य बनाए रखने और खाने के स्वाद को बेहतर बनाने के लिए रसोई की दीवारों को गुलाबी रंग से रंग दिया जाए। इसके अलावा इस रंग का इस्तेमाल आपकी खुशी और अच्छे मूड को बनाए रखने के लिए भी किया जाता है। इसके अलावा, अपनी रसोई को गुलाबी रंग से रंगना निश्चित रूप से एक अच्छा विचार है।
ब्राउन या भूरा रंग
भूरा पृथ्वी का रंग है, जो वास्तु के सबसे जरूरी और अहम तत्वों में से एक है। वास्तु की दृष्टि से यह रंग रसोई के लिए एक अच्छा विकल्प है। वास्तु शास्त्र के अनुसार इसे बहुत अच्छा रंग माना जाता है। दरअसल यह कलर किचन के लिए परफेक्ट है। क्योंकि यह रंग गर्मी से बचाता है और संतुष्टि देता है। किचन में हमेशा सकारात्मकता रहती है। किचन में ब्राउन टोन कल साउथ-वेस्ट दिशा और दीवारों के लिए परफेक्ट है। यह घर में खुशियां बनाए रखने में मदद करता है।
वास्तु के अनुसार किचन में नहीं होने चाहिए ये रंग
आपकी रसोई में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बनाए रखना महत्वपूर्ण है। इसलिए किचन में काले, ग्रे, नीले, डार्क लाल रंगों का अधिक प्रयोग नहीं करना चाहिए। आमतौर पर किचन में इन रंगों से बचना चाहिए।
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