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स्किन टू स्किन केयर (कंगारू केयर)

माँ की तरह पिता भी करें शिशु की ‘स्किन टू स्किन’ केयर, जानें इसका महत्व

इस बात में कोई शक नहीं कि नवजात शिशु के लिए ‘स्किन टू स्किन’ केयर के कई सारे फायदे हैं। आमतौर पर इसे माँ और बच्चे के साथ जोड़कर देखा जाता है। कई शोध में इसकी पुष्टि होती है कि जन्म के तुरंत बाद माँ द्वारा बच्चे को सीने से लगाकर रखने से उनके शरीर का तापमान, हृदय गति और सांसे नियंत्रण में रहती हैं। ‘स्किन टू स्किन केयर’ को ‘कंगारू केयर’ के नाम से भी जाना जाता है। 

क्या आप जानते हैं कि सिर्फ माँ ही नहीं पिता भी बच्चे की स्किन टू स्किन केयर (कंगारू केयर) कर सकते हैं। इससे न सिर्फ पिता और बच्चे के बीच में स्नेह बढ़ेगा बल्कि नवजात शिशु को स्वास्थ्य संबंधित कई लाभ होंगे, जिनके बारे में लेख में विस्तार से जानेंगे।

स्किन टू स्किन केयर (कंगारू केयर) क्या है? (What is Skin to Skin Care in Hindi)

बच्चे के जन्म के बाद शुरुआती कुछ दिनों के लिए माँ को शिशु के साथ स्किन टू स्किन टाइम बिताने के लिए कहा जाता है। इसमें बच्चे को माँ अपने कुछ घंटों तक सीने से लगाकर रखती है। इस दौरान बच्चे को बस डायपर पहनाकर रखा जाता है और माँ और बच्चे के बीच स्किन टू स्किन कॉन्टेक्ट होता है। इससे माँ और बच्चे के बीच प्यार बढ़ता है। साथ ही नवजात शिशु की सेहत को कई फायदे होते हैं।

शिशु संग स्किन टू स्किन कॉन्टेक्ट का महत्व (Importance of Skin to Skin Contact in Hindi)

कंगारू केयर
शिशु की स्किन टू स्किन केयर

जन्म के कुछ ही घंटों में माँ संग स्किन टू स्किन केयर (कंगारू केयर) से बच्चे का माँ के साथ गहरा बॉन्ड बनता है। बात करें स्किन टू स्किन कॉन्टेक्ट के लाभ की तो इससे शिशु में ब्रेस्टफीड करने की क्षमता बढ़ती है। यह शिशु की प्रतिरक्षा प्रणाली को सपोर्ट देता है। साथ ही उनमें संज्ञानात्मक विकास में सुधार करने में अहम भूमिका निभाता है। 

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एक शोध में यह जानकारी मिलती है कि स्किन टू स्किन केयर यानी कंगारू केयर (Kangaroo care) की मदद से लो बर्थ वेट वाले बच्चों की मृत्यु दर में कमी पाई गई। यही नहीं इससे नवजात शिशुओं में गंभीर इंफेक्शन व बीमारी का जोखिम कम पाया गया। इन फायदों को देखते हुए कंगारू रुटीन पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। 

कंगारू केयर से माँ और बच्चे में शुरुआत में ही एक बॉन्ड बन जाता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि पिता भी कंगारू रुटीन का सहारा ले सकते हैं। एक अन्य शोध के अनुसार, पिता द्वारा स्किन टू स्किन केयर से भी शिशु को वही फायदे मिलते हैं जो उन्हें माँ द्वारा कंगारू केयर करने से हासिल होते हैं। इसलिए, पिता को भी बच्चे के साथ स्किन टू स्किन टाइम स्पेंड करने में हिचकिचाना नहीं चाहिए। लेख के अगले भाग में पिता द्वारा शिशु की कंगारू केयर के फायदे के बारे में जानेंगे।

पिता द्वारा शिशु की स्किन टू स्किन केयर (कंगारू केयर) के फायदे (Benefits of Skin to Skin Care With Daddy In Hindi)

स्किन टू स्किन केयर
कंगारू केयर

स्किन टू स्किन कॉन्टेक्ट के जरिए नवजात शिशु और पिता के बीच इमोश्नल कनेक्शन बनने के साथ एक गहरा लगाव होता है। लेख में आगे पिता द्वारा शिशु की स्किन-टू-स्किन केयर (Kangaroo care benefits) के फायदों पर एक नजर डालते हैं।

1. स्किन टू स्किन केयर: पिता के साथ बेहतर बॉन्डिंग

शिशु माँ के गर्भ में नौ महीने तक रहते हैं। इस दौरान माँ और बच्चे के बीच एक बॉन्डिंग हो जाती है। बच्चा माँ की आवाज और दिल की धड़कन पहचानने लगता है। पिता के लिए बच्चे के साथ बॉन्ड बनाने के लिए स्किन टू स्किन कॉन्टेक्ट को बेहतरीन माना जाता है। 

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पिता द्वारा शिशु को स्किन टू स्किन होल्ड करने से ऑक्सीटोसिन यानी लव हार्मोन रिलीज होता है। इससे पिता और बच्चे में प्राकृतिक रूप से बॉन्ड बनता है। यही नहीं एक शोध की मानें तो स्किन टू स्किन केयर से पिता का केयरिंग नेचर होता है। इससे पिता में स्ट्रेस का कारण बनने वाले कोर्टिसोल का स्तर भी कम होता है। तनाव व चिंता का स्तर कम होने का बच्चे संग रिश्ते पर सकारात्मक असर पड़ता है।

2. बच्चे को गर्माहट और आराम मिलता है

स्किन टू स्किन का एक फायदा बच्चे को गर्माहट देना है। इसका बच्चे पर सूदिंग प्रभाव होता है। जिन बच्चों को स्किन टू स्किन केयर मिलती है वो कम रोते हैं। सर्दी के दिनों में इससे बच्चे को निमोनिया व ठंड लगने की संभावना कम होती है। यही वजह है डेड्स को बच्चे को रोजाना एक घंटे के लिए स्किन टू स्किन टच के लिए कहा जाता है। 

3. बच्चे का शारीरिक विकास बेहतर होता है

कई शोध में इस बात की पुष्टि होती है कि कंगारू केयर मिलने वाले बच्चों में दूसरे बच्चों की तुलना में बेहतर शारीरिक विकास होता है। इससे बच्चे की सांस, हृदय गति और शुगर लेवल स्थिर रहता है।

आपने कई बार पढ़ा व सुना होगा कि माँ द्वारा शिशु की कंगारू केयर करने पर बच्चे का इम्यून सिस्टम बूस्ट होता है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि पिता द्वारा कंगारू केयर से भी बच्चे का प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत मजबूत होता है। दरअसल, स्किन टू स्किन कॉन्टेक्ट करने से पिता की स्किन के जरिए बच्चे में एंटीबॉडी पास होती है, जो शिशु को कई रोगों से बचाव में मदद करती हैं।

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4. स्किन टू स्किन केयर: दिमाग के विकास में सहायक

पिता द्वारा शिशु को अपने सीने से लगाकर रखने से शिशु में आवश्यक तंत्रिका मार्गों का विकास होता है। इससे मस्तिष्क का विकास तेजी से होता है। इसके अलावा, कंगारू केयर शिशु को बेहतर और गहरी नींद लेने में मदद करता है। इससे शिशु में तनाव कम होता है। यह मस्तिष्क में संगठनात्मक पैटर्न को बढ़ाता है।

5. स्किन टू स्किन केयर: वजन बढ़ाने में मदद करता है

कंगारू केयर से शिशु में कोर्टिसोल (Cortisol ) और सोमेटोस्टैटिन (Somatostatin) का स्तर कम होता है। इससे शिशु में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रॉब्लम की संभावना कम होने के साथ पोषक तत्वों का बेहतर अवशोषण होता है। इन हार्मोन्स की कमी से शिशु का शरीर ब्राउन फैट (जन्म के समय शिशु में शरीर में मौजूद हेल्दी फैट) को संरक्षित करता है। इससे शिशु के बर्थ वेट के साथ उनके शरीर के तापमान को बनाए रखने में मदद होती है। बॉडी टू बॉडी केयर मिलने से शिशु को शरीर को गर्म करने के लिए शरीर में स्टोर फैट को बर्न करनी की आवश्यकता नहीं होती है। इसके परिणामस्वरूप शिशु का वजन बढ़ता है।

उम्मीद करते हैं इस लेख को पढ़ने के बाद आप यह अच्छे से जान गए होंगे कि सिर्फ माँ ही नहीं पिता भी शिशु की स्किन टू स्किन केयर कर सकते हैं। तो फिर सोच क्या रहे हैं आप भी करें शिशु की कंगारू केयर और बनाएं उनके साथ एक मजबूत रिश्ता।

चित्र स्रोत: Pexel & Freepik

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08 Aug 2022

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