नवजात शिशु के जन्म के बाद माँ का सिर्फ एक ही काम होता है अपने बच्चे का सही तरह से देखभाल। उसके दिल में हर चीज को लेकर शंका रहती है कि यह पावडर बच्चे के लिए सेफ है कि नहीं, या बेबी लोशन का इस्तेमाल कब करना सही होता है, वैगरह वैगरह। न्यू मॉम टेंशन मत लीजिए, हम इस आर्टिकल में बताएंगे कि आपके बेबी की नाजुक त्वचा पर कब और कैसे लोशन लगाना चाहिए।
शिशु की स्किन केयर भी उतनी ही जरूरत है जितनी कि ब्रेस्टफीडिंग। आपके बेबी की त्वचा इतनी संवेदनशील होती है कि थोड़ी-सी लापरवाही उसके लिए मुश्किलों का सौगात बन सकता है। इसलिए लोशन, क्रीम, पावडर हर चीज पर ध्यान देने की जरूरत है। संवेदनशील त्वचा पर कोई भी चीज प्रतिक्रिया कर सकता है।
बेबी लोशन में इमोलिएंट्स ऐसे पदार्थ होते हैं जो त्वचा को सॉफ्ट बनाने में मदद करते हैं। ड्राई स्किन के उपचार या रोकथाम के लिए सामयिक इमोलिएंट्स का उपयोग किया जाता है। बेबी लोशन कभी-कभी ऐसे उत्पादों में शामिल होता है जो मुंहासे, फटे होंठ, डायपर रैश, कोल्ड सोर, या अन्य छोटी-मोटी त्वचा की जलन का भी इलाज करते हैं।
शिशु जब जन्म लेता है, तब उसके शरीर के ऊपर पपड़ी जैसा परत रहता है। आपको शायद लगेगा कि स्किन ड्राई है, इसलिए ऐसा दिख रहा है, मगर सच्चाई यह है कि शिशु के शरीर पर ‘वर्निक्स’ नाम का एक आवरण होता है जो गर्भाशय में उसकी त्वचा की रक्षा करता है। इससे शिशु की त्वचा मॉइश्चराइज भी रहती है। जन्म के बाद यह आवरण पपड़ी के रूप में नजर आता है जो धीरे-धीरे निकलने लगता है।
नवजात शिशु के लिए स्किन केयर प्रोडक्ट्स की खरीददारी करने जा रहे हैं, तो नीचे दी गई बातों का विशेष ख्याल रखें।
1. शिशु को लगाए जाने वाले स्किन केयर प्रोडक्ट खुशबूदार नहीं होना चाहिए।
2. त्वचा पर जो चीजें लगाई जाने वाले प्रोडक्ट्स केमिकल फ्री हो।
3. अगर परिवार के इतिहास में एलर्जी या अस्थमा है तो स्किन केयर प्रोडक्ट हर्बल हो तो अच्छा होगा।
4. “हाइपोएलर्जेनिक” लेबल को देखकर सतर्क रहें। इस शब्द का मतलब यही होता है कि इस प्रोडक्ट से एलर्जी की प्रतिक्रिया होने की संभावना कम है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उत्पाद अन्य उत्पादों की तुलना में त्वचा पर कोमल ही होगा।
5. स्किन केयर प्रोडक्ट फेथलेट और पैराबेन फ्री होना चाहिए। ये केमिकल शिशु की त्वचा के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं।
शिशु को लोशन लगाते समय निम्न बातों के ऊपर ध्यान दें-
शिशु को रोजाना नहीं हफ्ते में दो से तीन बार नहलाना काफी होता है। शिशु की स्किन ड्राई होती है, इसलिए नहलाने के बाद लोशन लगाएं। उसके पहले हाथों को साफ कर लें। हाथ में थोड़ा-सा लोशन लेकर हथेली और उंगलियों पर लगाएं। उसके बाद बच्चे के बॉडी पर धीरे-धीरे मालिश करें ताकि लोशन पूरी तरह फैल जाए।
शिशु की त्वचा बहुत नाजुक होती है इसलिए बार-बार लोशन का ब्रांड बदलने से स्किन को नुकसान पहुँच सकता है। डॉक्टर से सलाह लेकर उसी लोशन का इस्तेमाल करें।
बेबी प्रोडक्ट्स में जो केमिकल होता है, वह कभी-कभी स्किन एलर्जी या एक्जिमा का कारण बन सकता है। इसलिए शुरुआती महीनों में अगर स्किन ड्राई नहीं हुई है तो लोशन का इस्तेमाल न करें।
डॉक्टर से कब संपर्क करें
अगर शिशु की त्वचा लोशन लगाने के बाद भी ड्राई ही रह रही है, या स्किन में लाल-लाल चकत्ते जैसा दिखाई दे रहा है तो बिना देर किए डॉक्टर को दिखानी चाहिए। हो सकता है कि शिशु को एक्जिमा या किसी प्रकार का स्किन एलर्जी हुआ हो।
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